क्या आपकी पुश्तैनी ज़मीन अभी भी आपके नाम नहीं है? जानें इसे कैसे करें दुरुस्त!
ज़मीन सुधार का महाअभियान
बिहार में ज़मीन सुधार का महाअभियान शुरू हो गया है. सरकार चाहती है कि सभी ज़मीन के रिकॉर्ड्स डिजिटल और त्रुटिरहित हों, ताकि ज़मीन से जुड़े झगड़े और भ्रष्टाचार कम हो सकें.
अभियान का उद्देश्य
– जमाबंदी में गलतियाँ सुधारना
– पुश्तैनी ज़मीन वारिसों के नाम करना
– मौखिक बटवारे को कानूनी मान्यता देना
– सभी रिकॉर्ड्स को ऑनलाइन करना
कब और कहाँ?
यह अभियान 16 अगस्त से 20 सितंबर तक चलेगा. राजस्व विभाग की टीम आपके गाँव-गाँव जाकर शिविर लगाएगी, ताकि आपको दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें.
क्या डॉक्यूमेंट्स चाहिए?
इन सुधारों के लिए आपके पास ये दस्तावेज़ होने चाहिए:
– आवेदन पत्र
– सहमति पत्र
– स्व-हस्ताक्षरित शपथ पत्र
– वंशावली (परिवार का पेड़)
– ज़मीन की रसीद और खतियान (अगर पुराना है)
आवेदन करते समय ध्यान दें
– अपने पूर्वजों का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लें.
– खाता, खेसरा, रकबा और लगान की सही जानकारी दें.
– आवेदन करने के बाद आपको एक मोबाइल नंबर पर OTP मिलेगा, जिससे आपका आवेदन दर्ज होगा.
पुरस्कार योजना
सरकार ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए अच्छा काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की भी योजना बनाई है. सर्वश्रेष्ठ पंचायत, अंचल और जिलों को सम्मानित किया जाएगा.
पारदर्शिता
यह अभियान ज़मीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. अब आप अपनी ज़मीन का स्टेटस बिहार भूमि पोर्टल पर आसानी से ट्रैक कर सकते हैं.
तो देर क्यों?
अपनी ज़मीन के रिकॉर्ड्स को दुरुस्त करने का यह मौका न चूकें. अपने दस्तावेज़ तैयार रखें और अपने गाँव में लगने वाले शिविर में जाकर आवेदन करें!