संविधान सभा का पहली बार मांग डॉ एम. एन. रॉय ने 1934 में किया था. 1935 में भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस ने इसे अपना आधिकारिक मांग बना लिया.
भारत के संविधान में सार्वभौमिक राज्य से लेकर राज्यों, स्थानीय परेशान, सरकारी निगमों और अंतररष्ट्रीय संधि व समझौते जैसे हरेक पहलु शामिल है. इसलिए यह दुनिया का सबसे बड़ा और लिखित संविधान बन जाता है.
नवम्बर 1947 में संविधान के पितामह और मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा प्रस्तुत ड्राफ्ट को अंततः कई संसोधनों के बाद 26 नवम्बर 1949 को स्वीकार कर लिया गया. इसे बनाने में 2 साल 11 माह और 18 दिन लगे, जिसपर 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए. अगले साल 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर दिया गया.
संविधान की मूल हस्तलिखित प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में हीलियम से भरी डिब्बों में रखी गई हैं. संरक्षण का यह तकनीक USA के संविधान संरक्षण विधि से लिया गया है. अक्रिय हीलियम मूल प्रति को नष्ट होने से बचाता है.
संविधान में सुलेखन का काम प्रेम बिहारी नारायण रायज़दा ने किया. इसमें मोहनजोदड़ो से लेकर वर्तमान तक के सभ्यता के विकास को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है. पृष्ठ सज्जा में शांतिनिकेतन के बोहर राममनोहर सिन्हा, नंदलाल बोस और अन्य कलाकारों का योगदान है.
संविधान बनाने में ₹6.4 मिलियन का खर्च आया. पहले मसौदे में 2000 संसोधन किए गए. लागू किए जाने के वक्त इसमें 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ थी. नए संविधान ने भारत सरकार अधिनियम, 1935 का स्थान लिया.
भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंचवर्षीय योजना को सोवियत संघ रूस से लिया गया था. इसे पहले बार 1920 में जोसफ स्टालिन द्वारा लागू किया गया था. 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान साल 2015 में इसे समाप्त कर दिया गया.
प्रस्तावना में वर्णित 'हम भारत के लोग' और मौलिक अधिकार संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित है. वहीं, प्रस्तावना में उल्लेखित "समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व" शब्द फ़्रांस की महान क्रांति (1789) से लिया गया है
भारतीय संविधान के कई विदेशी स्त्रोत है. इसलिए इस 'कर्ज़ों का थैला' भी कहा जाता है.
संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने संविधान पर सबसे पहले हस्ताक्षर किया था. संविधान का अंतिम व्याख्यता 'सर्वोच्च न्यायालय' है.
उद्देश्य प्रस्ताव को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत किया गया था. इसी के मद्देनजर भारत का संविधान तैयार किया गया. बाद में यह भारतीय संविधान का प्रस्तावना बन गया.
भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है. इसके द्वारा देश के राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, लोकतान्त्रिक व न्याय जैसे कई विषयों के विषय में प्रावधान किए गए है.