क्या आप भी ओवरथिंकिंग से परेशान हैं? ये 10 टिप्स अपनाएं और पाएं मन की शांति
क्या आपका दिमाग भी अक्सर शांत नहीं रह पाता? क्या आप भी हर छोटी-बड़ी बात के बारे में बहुत ज़्यादा सोचते हैं? अगर ऐसा है तो आप ओवरथिंकिंग के शिकार हैं.
कौन हो सकते हैं ओवरथिंकिंग के शिकार
ओवरथिंकिंग क्या हैं?
ओवरथिंकिंग यानी किसी भी विषय या स्थिति के बारे में हद से ज़्यादा सोचना है. इससे तनाव, चिंता और मानसिक थकान हो सकती है. यह एक ऐसी आदत है जो दिमाग पर बोझ बढ़ाती है और आपकी रोज़ाना की ज़िंदगी पर बुरा असर डाल सकती है.
क्यों होती है ओवरथिंकिंग?
ओवरथिंकिंग के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
– डर और चिंता: किसी बात को लेकर गहरा डर या चिंता होना.
– तनाव और दबाव: काम या जीवन के दबाव के कारण भी लोग ज़्यादा सोचने लगते हैं.
– आत्मविश्वास की कमी: खुद पर भरोसा न होना भी ओवरथिंकिंग को बढ़ा सकता है.
– छोटी बातों पर अटकना: कुछ लोग छोटी-छोटी बातों को बार-बार सोचते रहते हैं.
ओवरथिंकिंग के लक्षण क्या हैं?
अगर आप इनमें से कुछ भी महसूस करते हैं, तो हो सकता है कि आप ओवरथिंकिंग कर रहे हों:
– किसी एक ही बात को बार-बार सोचना.
– फोन या मैसेज बार-बार चेक करना.
– सोचने के कारण थकान महसूस करना.
– चिंता, तनाव और बेचैनी महसूस होना.
– नींद में गड़बड़ी होना.
ओवरथिंकिंग से बचने के 10 आसान टिप्स
ओवरथिंकिंग से निपटना मुश्किल लग सकता है, लेकिन कुछ आसान तरीके अपनाकर आप इससे छुटकारा पा सकते हैं.
1. अपने विचारों को पहचानें और लिखें
जो विचार आपको बार-बार परेशान कर रहे हैं, उन्हें एक डायरी में लिख लें. इससे आपका दिमाग हल्का होगा और आप उन्हें बेहतर तरीके से समझ पाएंगे. सोने से पहले 5-10 मिनट तक मन की बातें लिखने से दिमाग शांत हो सकता है.
2. रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रहें
जब भी आपका दिमाग ज़्यादा सोचने लगे, तो कुछ रचनात्मक काम करें. पेंटिंग, गार्डनिंग या कोई नया हुनर सीखने से आपका ध्यान हट जाएगा और मन को शांति मिलेगी.
3. 4-7-8 ब्रीदिंग टेक्नीक आजमाएं
यह एक कमाल की तकनीक है जो आपके दिमाग को शांत करती है. 4 सेकंड के लिए नाक से सांस लें, 7 सेकंड तक रोकें और फिर 8 सेकंड तक मुंह से सांस छोड़ें. यह आपके दिल की धड़कन को सामान्य करता है और शरीर को आराम देता है.
4. किसी से बात करें
अगर आप किसी बात को लेकर बहुत ज़्यादा परेशान हैं, तो किसी ऐसे दोस्त या सलाहकार से बात करें जो आपको एक नया नज़रिया दे सके.
5. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
पर्याप्त नींद लें और रोज़ाना व्यायाम करें. एक स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली से आपका मन और शरीर दोनों स्वस्थ रहेंगे.
6. प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन करें
पैर से शुरू करके शरीर के हर हिस्से की मांसपेशियों को कुछ सेकंड के लिए कसें और फिर ढीला छोड़ दें. यह शरीर के तनाव को कम करता है और अच्छी नींद में मदद करता है.
7. विजुअलाइजेशन की मदद लें
जब दिमाग ज़्यादा सोचे, तो किसी शांत जगह की कल्पना करें, जैसे कोई जंगल या समुद्र का किनारा. अपनी सभी इंद्रियों का इस्तेमाल करें और इस जगह को महसूस करने की कोशिश करें. इससे आपका दिमाग चिंता से हटकर सुकून महसूस करेगा.
8. "चिंता का समय" तय करें
दिन में 15 मिनट का एक समय तय करें जब आप सिर्फ अपनी चिंताओं के बारे में सोचेंगे. इस समय के बाद ओवरथिंकिंग को रोक दें. यह आपके दिमाग को यह सिखाएगा कि सोने के समय ओवरथिंकिंग नहीं करनी है.
9. कृतज्ञता का अभ्यास करें
रात को सोने से पहले तीन ऐसी चीजें लिखें जिनके लिए आप आभारी हैं. यह आदत आपके अंदर सकारात्मकता बढ़ाती है और तनाव को कम करती है.
10. स्क्रीन से दूरी बनाएं
सोने से कम से कम 30 मिनट पहले अपने फोन, लैपटॉप और टीवी को बंद कर दें. इनकी ब्लू लाइट आपकी नींद में बाधा डालती है. इसकी जगह आप कोई किताब पढ़ सकते हैं या हल्का स्ट्रेच कर सकते हैं.
अंत में
अगर इन उपायों को अपनाने के बाद भी आपको ओवरथिंकिंग से छुटकारा नहीं मिल रहा है, तो किसी एक्सपर्ट, जैसे मनोचिकित्सक या थेरेपिस्ट की मदद लेने से हिचकिचाएं नहीं. याद रखें, आपका मानसिक स्वास्थ्य सबसे ज़रूरी है.