ये आधार वर्ष के तुलना में औसत महंगाई में वृद्धि मापने के तरीके है. WPI थोक मुद्रास्फीति मापता है, जबकि CPI से खुदरा खरीद का मुद्रास्फीति मापा जाता है.
WPI का प्रकाशन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार कार्यालय द्वारा और सीपीआई सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता है.
WPI द्वारा सिर्फ उत्पादित वस्तुओं के थोक कारोबार के मुद्रास्फीति का आंकलन किया जाता है. दूसरे तरफ, सीपीआई वस्तुओं और सेवाओं दोनों के खुदरा (Retail) कीमत से संबंधित है.
WPI उत्पादन के ठीक बाद पहले चरण में बिक्री का मुद्रास्फीति को मापता है. इसके ठीक उलट उपभोक्ता मूल्य सूचकांक द्वारा अंतिम चरण में मुद्रास्फीति को मापा जाता है.
WPI में बढ़ोतरी का कीमत निर्माता और थोक विक्रेता द्वारा वहन की जाती हैं. CPI बढ़ने पर कीमतें उपभोक्ता द्वारा वहन की जाती हैं. अकसर WPI मुद्रास्फीति अप्रत्यक्ष भार भी उठाना पड़ता है.
WPI के गणना के लिए 697 वस्तुओं के मूल्य का सैंपल लिया जाता है, जबकि ग्रामीण सीपीआई के लिए 448 और शहरी के लिए 460 वस्तुओं के मूल्य पर विचार किया जाता है.
WPI ईंधन, बिजली और विनिर्माण उत्पाद के मूल्यों पर आधारित है. सीपीआई में शिक्षा, भोजन, परिवहन, संचार, मनोरंजन, परिधान, आवास और चिकित्सा देखभाल शामिल है.
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) का आधार या संदर्भ वर्ष वित्तीय वर्ष है. यह फिलहाल 2011-12 है. सीपीआई का आधार कैलेंडर वर्ष है, जो फिलहाल साल 2012 है.
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) का सिर्फ कुछ देशों द्वारा उपयोग किया जाता है, जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का इस्तेमाल 157 देशों द्वारा किया जाता है.
प्राथमिक ईंधनों और बिजली का WPI साप्ताहिक आधार पर जारी किया जाता है. शेष का WPI मासिक आधार पर जारी किया जाता है. CPI का गणना सिर्फ मासिक आधार पर होता है.
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