विजयनगर साम्राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न | [Hindi] MCQs on Vijaynagar Empire
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प्राचीन भारत को जानने के लिए आधुनिक शैली के ऐतिहासिक लेखन का अभाव है. इस काल के ऐसे ग्रंथों का अभाव मिलता हैं, जिन्हें आधुनिक परिभाषा के अनुसार ‘इतिहास’ कहा जाता है. इसलिए प्राचीन भारत के इतिहास को जानने के लिए साहित्यिक स्रोतों, पुरातात्त्विक साक्ष्यों तथा विदेशी यात्रियों के वर्णनों का मदद लिया जाता है.
प्राचीन भारत का ऐतिहासिक स्त्रोत, साक्ष्य और लेखन की तकनीक Read Post »
684 ईसा पूर्व से 320 ईसा पूर्व तक भारत में मगध साम्राज्य का शासन था. मगध साम्राज्य का उदय राजा बिम्बसार (544-492 ई.पू.) के शासन काल में हुआ, जिन्होंने अपनी नीति और सैन्य ताकत से राज्य को शक्तिशाली बनाया. उनकी राजधानी राजगीर थी, जो नदियों और पहाड़ों से सुरक्षित थी, और उनके शासनकाल में कृषि
मगध साम्राज्य के 3 प्रमुख राजवंश, उदय और विस्तार का कारण Read Post »
ऐतिहासिक अनुसंधान विधि का सम्बन्ध मुख्यतः अतीत की घटनाओं, परिस्थितियों, और लोगों के अध्ययन से है. इसका मुख्य उद्देश्य भूतकाल के तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर न केवल उस समय की सटीक जानकारी प्रदान करना है, बल्कि वर्तमान और भविष्य के परिप्रेक्ष्य में उन तथ्यों की व्याख्या भी करना है. यह अनुसंधान विधि वैज्ञानिक
अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत पर काबिज़ खिलजी वंश का दूसरा शासक था. वह मध्य एशिया से आए एक तुर्क गुलाम के वंश से था, जिसे पकड़कर भारत लाया गया था. अलाउद्दीन खिलजी अपने पूर्ववर्ती शासक जलालुद्दीन खिलजी का दामाद और भतीजा था. अलाउद्दीन खिलजी ने 19 जुलाई 1296 ई. में सुल्तान जलाउद्दीन खिलजी की हत्या
अलाउद्दीन खिलजी का राजनैतिक जीवन और आर्थिक सुधार Read Post »
उत्तर भारत के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों का नाम आपने सुना होगा. लेकिन, दक्षिण में काफी कम ऐसे व्यक्तित्व हुए है, जिन्होंने आजादी के आंदोलन में अपना छाप छोड़ा हो. टीपू सुल्तान, दक्षिण भारत के एक ऐसे ही महान शख्सियत है. इनका पूरा नाम “सुल्तान फतेह अली साहब टीपू” था. टीपू सुल्तान के वीरता के कारण;