Ecology

ऑक्सीजन चक्र: प्रक्रिया, स्थान, सजीवों की भूमिका और मानवीय प्रभाव
Geography Ecology

ऑक्सीजन चक्र: प्रक्रिया, स्थान, सजीवों की भूमिका और मानवीय प्रभाव

इस लेख में ऑक्सीजन चक्र की समग्र प्रक्रिया, इसके प्रमुख जलाशयों, सजीवों की महत्वपूर्ण भूमिका और मानवीय गतिविधियों के बढ़ते प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण है. यह वैज्ञानिक तथ्यों और महत्वपूर्ण पारिस्थितिकीय प्रक्रिया की जटिलताओं वर्णित करता हैं. ऑक्सीजन चक्र क्या है? (What is Oxygen Cycle in Hindi) ऑक्सीजन चक्र एक जटिल जैव-रासायनिक चक्र है. यह  […]

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सल्फर चक्र: परिभाषा, चरण, भंडार, महत्व और अम्ल वर्षा
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सल्फर चक्र: परिभाषा, चरण, भंडार और महत्व

सल्फर चक्र पृथ्वी पर एक मौलिक जैव-भू-रासायनिक प्रक्रिया है. यह सल्फर के विभिन्न भंडारों और रासायनिक रूपों के बीच निरंतर संचलन का वर्णन करती है. यह चक्र पृथ्वी की जैविक, भूवैज्ञानिक और रासायनिक प्रणालियों को एकीकृत करता है. इस कारण यह वैश्विक मौलिक चक्रण का एक महत्वपूर्ण घटक बन जाता है. सल्फर चक्र से सुनिश्चित

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फॉस्फोरस चक्र के 5 चरण, महत्व और प्रभाव
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फॉस्फोरस चक्र के 5 चरण, महत्व और प्रभाव

फॉस्फोरस चक्र एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया हैं. यह पृथ्वी पर सभी जीवन रूपों के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस चक्र की खासियत इसे अन्य प्रमुख पोषक तत्व के चक्रों से अलग करती हैं. इस लेख में हम इसके विभिन्न प्रक्रिया व प्रकृति से इसके अभिक्रिया को समझेंगे. फॉस्फोरस चक्र क्या हैं? (What is Phosphorus Cycle in Hindi)

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नाइट्रोजन चक्र: चरण, घटक, महत्व और सूक्ष्मजीवों की भूमिका | Nitrogen cycle: phases, components, importance and role of microorganisms in Hindi
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नाइट्रोजन चक्र: चरण, घटक, महत्व और सूक्ष्मजीवों की भूमिका

नाइट्रोजन चक्र पृथ्वी पर नाइट्रोजन का एक अनिवार्य जैव-भूरासायनिक चक्र है. इस प्रक्रिया में वायुमंडल की स्वतंत्र नाइट्रोजन को विभिन्न जैविक और अजैविक विधियों द्वारा नाइट्रोजनीय यौगिकों में स्थिर किया जाता है. फिर इन यौगिकों को पुनः स्वतंत्र नाइट्रोजन में परिवर्तित करके वायुमंडल में वापस लौटाया जाता है. यह एक जटिल चक्र है.  वायुमंडल में

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कार्बन चक्र: प्रक्रिया, महत्व और हालिया अनुसंधान
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कार्बन चक्र: प्रक्रिया, महत्व और हालिया अनुसंधान

कार्बन चक्र (Carbon Cycle) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें पृथ्वी के जीवमंडल, स्थलमंडल, जलमंडल और वायुमंडल के बीच कार्बन का प्रवाह और परिवर्तन शामिल है. इसलिए, इसे एक जैव भू-रसायन चक्र हैं. अन्य भू-जैव रसायन चक्रों की तरह यह भी पृथ्वी पर जलवायु, जीवन और पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित करता है. कार्बन चक्र की प्रक्रियाएँ

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जल चक्र (हाइड्रोलॉजिकल चक्र) के चरण, स्थल, महत्व (सचित्र) | The Water Cycle or the Hydrological Cycle in Hindi Image
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जल चक्र (हाइड्रोलॉजिकल चक्र) के चरण, स्थल, महत्व (सचित्र)

पृथ्वी के वायुमंडल में पानी का निरंतर संचलन जल चक्र या हाइड्रोलॉजिकल चक्र कहलाता है. इस चक्र में पानी की अवस्था ठोस, द्रव या गैस में बदलती रहती है. जल चक्र मुख्य रूप से सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा द्वारा संचालित होता है. इसे जैव भू-रासायनिक चक्र में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. जल चक्र

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जैव भू-रसायन चक्र: महत्व, प्रकार, प्रभाव व परिणाम
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जैव भू-रसायन चक्र: महत्व, प्रकार, प्रभाव व परिणाम

विभिन्न तत्वों का जीवमंडल, स्थलमंडल, जलमंडल, और वायुमंडल के बीच निरंतर प्रवाह और परिवर्तन होता रहता है, जिसे जैव भू-रसायन चक्र (Biogeochemical Cycles) कहा जाता है. ये चक्र पृथ्वी की जलवायु को विनियमित करने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता और पारिस्थितिकी तंत्रों की कार्यशीलता

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बिहार के प्रमुख झीलें (Main Lakes of Bihar in Hindi for BPSC and UPSC)
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बिहार के प्रमुख झीलें (Important Lakes of Bihar)

जल से भरे वह गहरे भू – भाग जो चारों तरफ से भूमि से घिरा हो, उसे झील (Lake) कहते हैं. ऐसे जलमग्न भूमि सामान्यतः आर्द्र-भूमि (Wet Land) कहलाते हैं. बिहार में ऐसे झीलों को स्थानीय भाषा में ताल, चौर या मन आदि नामों से भी जाना जाता है. ये झील मछली पालन, सिंचाई, पक्षी

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जल प्रबंधन: स्रोत, उपयोगिता, उपलब्धता, संकट, संरक्षण के उपाय | Water Management: Source, Utility, Availability, Crisis, Conservation Measures UPSC in Hindi
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जल प्रबंधन: स्रोत, उपयोगिता, उपलब्धता, संकट, संरक्षण के उपाय

जल प्रबंधन का तात्पर्य जल संसाधनों का उचित और सतत् उपयोग, संरक्षण और पुनर्भरण की प्रक्रिया से है. इसका उद्देश्य जल की उपलब्धता को वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार बनाए रखना होता है. इसमें जल संचयन, वितरण, पुनर्चक्रण, गुणवत्ता नियंत्रण, और जल संसाधनों का संतुलित उपयोग शामिल है. जल प्रकृति का उपहार है

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सूखा की परिभाषा, इसका कारण, प्रकार और लक्षण; Agricultural Drought, Meaning Definition Examples Reason Solution Impact Crop Alternatives
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सूखा की परिभाषा, इसका कारण, प्रकार और लक्षण

जब किसी क्षेत्र में जल तथा नमी की मात्रा कुछ समय के लिए सामान्य से कम हो जाती है, उसे सूखा कहते है. यह एक भयंकर प्राकृतिक प्रकोप है. इसका मुख्य सम्बन्ध जल वर्षा की कमी से है. यदि किसी क्षेत्र में दीर्घकालीन समय तक सामान्य या औसत वर्षा से यथार्थ वर्षा कम मात्रा में

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