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प्रश्न: भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. स्थाविरवादी महायान बौद्ध धर्म से संबद्ध हैं. 2. लोकोत्तरवादी संप्रदाय बौद्ध धर्म के महासंघिक संप्रदाय की एक शाखा थी. 3. महासंधिकों द्वारा बुद्ध के देवत्वारोपण ने महायान बौद्ध धर्म को प्रोत्साहित किया.उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct! Wrong!

हीनयान सम्प्रदाय के समर्थक बौद्ध धर्म में किसी भी प्रकार के परिवर्तन का विरोधी थे. इसलिए इन्हें श्रावकयान भी कहा जाता है. स्थविरवादी (थेरवादी), सर्वास्तित्त्ववादी, वैभाषिक, सौतांत्रिक व समित्य आई उपसम्प्रदाय का सम्बन्ध हीनयान शाखा से है. थेरवादी संभवतः बौद्ध धर्म का सबसे प्राचीन शाखा है और प्राचीन पाली भाषा की बौद्ध शिक्षाओं को संरक्षित रखने में इस समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है.

महायान शाखा से सम्बंधित माध्यमिक या शून्यवाद के प्रणेता बौद्ध भिक्खु नागार्जुन है. इनकी रचना माध्यमिककारिता है. इस सिद्धांत को सापेक्षवाद भी कहा है. नागार्जुन ने प्रतीत्यसमुत्पाद को ही शून्यता कहा है.

विज्ञानवाद (योगाचार) महायान शाखा की दूसरी उपसम्प्रदाय है. इसके संस्थापक मैत्रेयनाथ को माना जाता है. इनके शिष्य असंग (चौथी-पांचवी सदी) का लिखा सूत्रालंकार इस उपसम्प्रदाय का प्राचीनतम ग्रंथ है. लंकावतार सूत्र भी इसी से संबंधित है. पांचवी सदी में इसी उपसम्प्रदाय के दिग्नाम ने बौद्ध तर्कशास्त्र का विकास किया और आलम्ब परीक्षा, न्याय प्रवेश्य, प्रमाण समुच्चय व प्रज्ञापारभिता पिण्डार्थ की रचना की.

प्रश्न. भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. बोधिसत्व, बौद्ध मत के हीनयान संप्रदाय की केंद्रीय संकल्पना है. 2. बोधिसत्व अपने प्रबोध के मार्ग पर बढ़ता हुआ करुणामय है. 3. बोधिसत्व समस्त सचेतन प्राणियों को उनके प्रबोध के मार्ग पर चलने में सहायता करने के लिये स्वयं की निर्वाण प्राप्ति विलंबित करता है.उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

Correct! Wrong!

बोधिसत्व बौद्ध धर्म के महायान शाखा का केंद्रीय संकल्पना है. इसलिए कथन 1 सही नहीं है.

करुणा/अनुकंपा, दूसरों के कष्टों का एक अनुभवजन्य साझाकरण, बोधिसत्व की सबसे बड़ी विशेषता है. अतः कथन 2 सही है.

यह माना जाता है कि बोधिसत्व ने दूसरों की खुशी के लिए कार्य करने हेतु दृढ़ संकल्प व्यक्त करने वाली चार प्रतिज्ञाएं की है; "हालांकि असंख्य संवेदनशील प्राणी हैं, मैं उन्हें बचाने की प्रतिज्ञा करता हूं; हालांकि अटूट जुनून हैं, मैं उन्हें गुरु बनाने की कसम खाता हूं; हालांकि असीम शिक्षाएं हैं, मैं उनका अध्ययन करने की कसम खाता हूं; हालांकि बुद्ध-सत्य अनंत है, मैं इसे प्राप्त करने की कसम खाता हूं." अतः कथन 3 सही है.

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