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G20 का इतिहास और महत्व: स्थापना से अबतक

जी20 (G20) 20 राष्ट्रों का एक समूह है. विश्व के 20 सबसे शक्तिशाली देश इसके सदस्य है. इन 20 देशों में, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यू.के., यू.एस. और यूरोपीय संघ शामिल है.

1 दिसंबर 2022 को भारत ने इंडोनेशिया से पदभार ग्रहण करते हुए G20 फोरम की अध्यक्षता ग्रहण की. भारत मंडपम अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सम्मेलन केंद्र, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में 9 व 10 सितम्बर को इसका राष्ट्र अध्यक्षीय सर्वोच्च सम्मलेन आयोजित किया जा रहा है. इसके बाद भारत इसकी अध्यक्षता ब्राजील को सौंप देगा. इसलिए भारतीय मीडिया में इसकी चर्चा आम है.

G20 का इतिहास (History of G20 in Hindi)

G20 Nations Flag Transparent without Background BG Low Quality

G20 फोरम की स्थापना 1999 में वाशिंगटन डीसी में एक बैठक के बाद सात देशों – कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यू.के. और यू.एस. के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों द्वारा की गई थी. 1997-98 का वित्तीय संकट और उसके परिणाम से निपटने के लिए ये देश एक साथ आए थे.

समूह की पहली वार्षिक बैठक के लिए 1999 में सदस्य देशों के प्रतिनिधि बर्लिन, जर्मनी में मिले. 2008 में इसे सरकार/ राज्य प्रमुखों के स्तर तक बढ़ा दिया गया था. 2009 में, G20 को “अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच” नामित किया गया था.

यह मंच शुरुआत में व्यापक अर्थशास्त्र (Macro Economics) से संबंधित मामलों को देखता था. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसका एजेंडा व्यापार, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दों तक विस्तारित हो गया है.

आज के समय में G20 के सदस्य देशों में विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 80% से अधिक, वैश्विक व्यापार का 75% और पृथ्वी की जनसंख्या का 60% हिस्सा शामिल है.

भारत G20 अध्यक्ष-राष्ट्र के रूप में

G20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता हरेक साल एक नए राष्ट्र को सौंप दिया जाता है. इसी तरह सभी सदस्य राष्ट्रों के बीच अध्यक्षता बदलते रहता है. 2023 का अध्यक्षता भारत को सौंपा गया है. G20 समूह के पास कोई स्थायी सचिवालय नहीं है. इसका संचालन अध्यक्ष राष्ट्र द्वारा पिछले अध्यक्ष और अगले अध्यक्ष के सहयोग से संपन्न किया जाता है. इस तिकड़ी को एकसाथ ‘ट्रोइका (Troika)’ कहा जाता है. भारत के साथ, 2023 की ट्रोइका में 2022 का अध्यक्ष इंडोनेशिया और 2024 का अध्यक्ष ब्राजील शामिल हैं.

अध्यक्ष राष्ट्र के रूप में, भारत सितम्बर 2023 में नई दिल्ली में 18वें G20 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. इस शिखर सम्मेलन के बाद वर्ष के दौरान बैठकों की श्रृंखला को समाप्त हो जाएगी. यह श्रृंखला दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, इंदौर, जोधपुर, खजुराहो, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पुणे, कच्छ का रण, सूरत, तिरुवनंतपुरम और उदयपुर जैसे मेजबान शहरों में संपन्न की गई है.

शिखर सम्मेलन की मेजबानी और विषय निर्धारित करने के अलावा, G20 की अध्यक्षता के पास कोई औपचारिक शक्तियाँ नहीं होती हैं. हालाँकि, भारत इस कार्यक्रम की थीम और लोगो के माध्यम से वसुधैव कुटुंबकम (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य) और LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के अपने दर्शन को प्रदर्शित कर रहा है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत की जी20 अध्यक्षता “दुनिया में सभी के लिए उचित और समान विकास के लिए प्रयास कर रही है, क्योंकि हम इस अशांत समय से टिकाऊ, समग्र, जिम्मेदार और समावेशी तरीके से आगे बढ़ रहे हैं.”

भारत में G20 शिखर सम्मेलन के लिए बांग्लादेश, ईजिप्ट, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात इसके विशिष्ट आमंत्रित अतिथि है.

इसके साथ ही, नियमित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) की पीठों के अतिरिक्त G20 के अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया गया है.

भारत को अध्यक्षता ऐसे समय सौंपी गई है जब कई देशों में मुद्रास्फीति और मंदी की बढ़ रहा है. यह मुख्यतः रूस-यूक्रेन युद्ध और यूरोपीय संघ और रूस के बीच गतिरोध से बढ़ी है. फरवरी 2023 में इस युद्ध को एक साल पूरा हो गया है.

सदस्य राष्ट्रों के बीच आपसी टकराव भी इस G20 शिखर सम्मेलन के लिए एक चुनौती है. रूस और यूक्रेन युद्ध ने इस टकराव को बढ़ा दिया है. लेकिन, भारत का कूटनीतिक तौर पर गुटनिरपेक्ष होने से यह टकराव कम होता दिख रहा है.

G20 कैसे काम करता है (How G20 works in Hindi)?

G20 केप्रक्रियाओं को दो समानांतर ट्रैक में विभाजित किया गया है – पहला वित्त ट्रैक और दूसरा शेरपा ट्रैक. वित्त ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों द्वारा किया जाता है. ये पूरे वर्ष मिलते रहते हैं. शेरपा, जो नेताओं के निजी दूत होते हैं, शेरपा ट्रैक का नेतृत्व करते हैं. वे पूरे वर्ष वार्ता की देखरेख करते हैं और शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडा विषय पर चर्चा करते हैं. जी20 के महत्वपूर्ण कार्यों का समन्वय इन्हीं के द्वारा सम्पन्न किया जाता है.

विशिष्ट विषयों पर डिज़ाइन किए गए कार्य समूह दोनों ट्रैक के भीतर काम करते हैं. इनमें सदस्य देशों के संबंधित मंत्रालयों और आमंत्रित/अतिथि देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और आर्थिक सहयोग और विकास संगठन जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी इस कार्य समूहों में भाग लेते हैं.

इस वर्ष के कार्य समूह में वित्तीय समावेशन, डिजिटल अर्थव्यवस्था और पर्यावरण और जलवायु स्थिरता जैसे विषयों को शामिल किया गया है.

जी20 के सभी सम्मेलनों की सूचि (List of all G20 summits in Hindi)

क्र. सं.दिनांकमेजबान देशमेजबान शहरस्थलमेजबान नेता
114–15 नवंबर 2008संयुक्त राज्य अमेरिकावाशिंगटन, डी.सी.राष्ट्रीय भवन संग्रहालयजॉर्ज डब्ल्यू बुश
22 अप्रैल 2009यूनाइटेड किंगडमलंदनएक्सेल लंदनगॉर्डन ब्राउन
324–25 सितंबर 2009संयुक्त राज्य अमेरिकापिट्सबर्गडेविड एल. लॉरेंस कन्वेंशन सेंटरबराक ओबामा
426–27 जून 2010कनाडाटोरंटोमेट्रो टोरंटो कन्वेंशन सेंटरस्टीफन हार्पर
511–12 नवंबर 2010दक्षिण कोरियासियोलकोएक्स कन्वेंशन और एक्ज़ीबिशन सेंटरली म्योंग-बाक
63–4 नवंबर 2011फ़्रांसकानपैलेस डेस फेस्टिवलनिकोलास सरकोज़ी
718–19 जून 2012मेक्सिकोसैन जोस डेल काबो, लॉस काबोसलॉस काबोस इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटरफेलिप काल्डeron
85–6 सितंबर 2013रूससेंट पीटर्सबर्गकॉन्स्टेंटाइन पैलेसव्लादिमीर पुतिन
915–16 नवंबर 2014ऑस्ट्रेलियाब्रिस्बेनब्रिस्बेन कन्वेंशन और एक्ज़ीबिशन सेंटरटोनी एबॉट
1015–16 नवंबर 2015तुर्कीसेरिक, अंताल्यारेग्नम कैरिया होटल कन्वेंशन सेंटररेसेप तैयप एर्दोगान
114–5 सितंबर 2016चीनहांगझोऊहांगझोऊ अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्रशी जिनपिंग
127–8 जुलाई 2017जर्मनीहैम्बर्गहैम्बर्ग मेस्सेएंजेला मर्केल
1330 नवंबर – 1 दिसंबर 2018अर्जेंटीनाब्यूनस आयर्सकोस्टा सालगुरो सेंटरमौरिसियो माक्रि
1428–29 जून 2019जापानओसाकाइंटेक्स ओसाकाशिंज़ो आबे
1521–22 नवंबर 2020सऊदी अरबरियाद(सऊदी अरब में COVID-19 महामारी के कारण शिखर सम्मेलन एक विश्वव्यापी वीडियो कॉन्फ्रेंस के साथ हुआ)किंग सलमान
1630–31 अक्टूबर 2021इटलीरोमई.यू.आर. (EUR) कन्वेंशन सेंटरमारियो ड्रैगी
1715–16 नवंबर 2022इंडोनेशियानसा दुआ, बालीद अपर्वा केंपिंस्की बालीजोको विडोदो
189–10 सितंबर 2023भारतनई दिल्लीप्रगति मैदान कन्वेंशन सेंटरनरेंद्र मोदी
192024ब्राज़ीलरियो डी जनेरियोनिर्णय बाकिलुइस इनासियो लूला डी सिल्वा
202025दक्षिण अफ्रीकाटीबीडीनिर्णय बाकिटीबीडी
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