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भारत की प्रमुख जनजातियां

2011 की जनगणना के अनुसार भारत में जनजातियों की कुल जनसंख्या 10,42,81,034 है. जो भारत की कुल जनसंख्या का 8.6% हैं. जिसमे ग्रामीण जनसंख्या 11.3% जबकि शहरी जनसंख्या 2.8% हैं. भारत में जनजातियों का लिंगानुपात 990 हैं. जिस में सर्वाधिक लिंगानुपात गोवा (1046) तथा सबसे कम जम्मू कश्मीर (924) का है. दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा एवं पुडुचेरी में कोई भी अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe -ST) नहीं पाई जाती है या इनकी संख्या नगण्य है.

जनजाति क्या है?

जनजाति एक ऐसा सामाजिक समूह है जो एक क्षेत्र विशेष से जुड़ा होता है और अपने इस समूह में विवाह करता है. लिंग पर आधारित श्रम विभाजन के अतिरिक्त अन्य श्रम विभाजन नहीं करता तथा वंशानुगत अथवा अन्य प्रकार की जनजाति समूहों से प्रभावित होता है. इसके प्रत्येक समूह की अलग-अलग भाषा होती है.

जनजाति समूह अपनी संस्कृति एवं क्षेत्रीय संगठनों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं. भारत के संविधान में इन्हें अनुसूचित जनजाति कहा गया है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 366 (25) के अनुसार, अनुसूचित जनजातियां “ऐसी जनजातियां या आदिवासी समुदाय या ऐसी जनजातियों या जनजातीय समुदायों के हिस्से या समूह हैं जिन्हें संविधान के प्रयोजनों के लिए अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजाति माना जाता है.”

भारत की प्रमुख जनजातियां एवं विशेषता

  • शीर्ष अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले राज्य क्रमशः मध्य प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात.
  • प्रतिशत की दृष्टि से शीर्ष अनुसूचित जनजाति वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश क्रमशः मिजोरम (94.4%), लक्षदीप (94%), नागालैंड (86.5%), मेघालय (86.1%), अरुणाचल प्रदेश.

भील जनजाति

• भील शब्द का अर्थ ‘धनुष’ होता है जिसकी उत्पत्ति द्रविड़ के ‘बील’ से हुआ है.

• यह भारत की सबसे बड़ी जनजाति है. यह भारत एक प्रमुख जनजाति है, ये जनजाति मुख्यता राजस्थान, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं त्रिपुरा राज्य में पाई जाती है.

गोंड जनजाति

• गोंड भारत की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है जो भारत के लगभग 13 राज्यों में निवास करती है. यह जनजातियां मुख्य रूप से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश उड़ीसा एवं आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में निवास करती है.

• भील जनजाति द्रविड़ परिवार की जनजाति है इनकी भाषा गोंडी हैं. इनके मुख देवता बुढादेव, दूल्हादेव, बुड्डापेन हैं. इन जनजातियों का भूत प्रेत और जादू टोना में अत्यधिक विश्वास होता है.

संथाल जनजाति

• संथाल जनजाति के लोग कुशल कृषक एवं उत्तम शिकारी होते हैं यह भारत में पाई जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी जनजाति है.

संथाल जनजाति की शारीरिक विशेषता नाटे कद एवं चौड़ी और चपटी नाक है.

• संथाल जनजाति का मुख्य निवास क्षेत्र झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं असम राज्य में हैं.

मुंडा जनजाति

• मुंडा जनजाति की भाषा ‘मुंडा’ हैं. यह भाषा ऑस्ट्रिक परिवार की भाषा है. जिसमें वन, पर्वत, पशुपालन संबंधित शब्द अत्यधिक होते हैं. मुंडा जनजाति का प्रमुख त्योहार ‘सरहुल’ है.

• मुंडा जनजाति मुख्य रूप से झारखंड निवास करती है. लेकिन इसका कुछ हिस्सा बिहार पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा आदि राज्यों में भी निवास करते है.

बोडो जनजाति

• बोडो जनजाति मूल रूप से भारत के असम राज्य में निवास करती है. यह लोग बोडो भाषा बोलते हैं जो तिब्बत-वर्मा भाषा परिवार की ही एक शाखा है.

• बोडो जनजाति समूह कछारी, गारो, मेच, डिमसा आदि कई जनजातियों से मिलकर बना है. बोडो जनजाति को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत रखा गया है.

थारू जनजाति

• थारू जनजाति उत्तर प्रदेश के सीमा से लगे नेपाल तथा उत्तराखंड के उधम सिंह नगर क्षेत्र में मुख्य रूप से प्रवाश करती है.

• थारू जनजाति हिंदू धर्म को मानते हैं तथा हिंदुओं के सभी त्योहार को मानते हैं थारू जनजाति दीपावली को शोक पर्व के रूप में मानते थे. लेकिन वर्तमान में दीपावली को शोक पर्व के रूप में नहीं मानते हैं.

भोटिया जनजाति

• भोटिया जनजाति के अधिकांश लोग पर्वतीय स्थानों पर निवास करते हैं इनका सकेंद्र उत्तरी क्षेत्र मुख्यता हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा सी किन राज्यों में है.

• भूटिया जनजाति आर्थिक शैक्षणिक एवं सामाजिक रूप से आने जनजातियों की अपेक्षा पिछड़ी हुई है. भूटिया जनजाति ऋतु प्रवास हेतु प्रसिद्ध है .

नागा जनजाति

• नागा जनजाति भारत के नागालैंड राज्य में मुख्य रूप से निवास करती है इसके अतिरिक्त पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी निवास करती हैं.

• नागा लोग कुशल योद्धा होते हैं एवं भाला उनका प्रमुख अस्त्र है. इनका प्रमुख त्यौहार मिथन हैं. नागा जनजाति ने नागिनी सिनेमा की एक अलग भाषा का विकास किया है, जो विभिन्न नागा एवं असमिया भाषा का मिश्रित रूप है.

मीणा जनजाति

• मीणा जनजाति  राजस्थान में जनसंख्या की दृष्टि से प्रथम स्थान है.  यह राजस्थान के लगभग सभी जिलों में निवास करती है.

• मीणा शब्द की उत्पत्ति ‘मीन’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ ‘मछली’ होता है. मीणा जाति अपनी उत्पत्ति विष्णु के 10 वें अवतार से मानती है.

टोडा जनजाति

• टोडा जनजाति पशुपालन का काम करती है. नीलगिरी की पहाड़ियों (दक्षिण भारत) पर निवास करती हैं.

• टोडा जनजाति में मुख्य प्रचलित भाषा ‘टोडा’ है, ये लोग समूह में निवास करते हैं.

• टोडा जनजाति में कन्या बद्घ प्रथा के कारण में बहुपति विवाह प्रथा प्रचलित है.

भारत की जनजातियां एवं निवास क्षेत्र

  • बिहार – थारू, उरांव, खरवार, संथाल, गोंड, बिरहोर, कोल, कोरबा, कोरा, हो, जनजातियां
  • उत्तर प्रदेश – जौनसारी, थारू, गोंडा, सहरिया, खरवार, बुक्सा, पतरी
  • आंध्र प्रदेश – बंजारा, लबांडा, सुगली, कुबी, बगात, सवारा, चेंचू, बकला
  • छत्तीसगढ़ – गोंड, अगरिया, मुंडिया, बैंगा, कोरकू, परजा, परधान, सहरिया
  • मध्य प्रदेश – भील, गोंड, अगरिया, बिंझवार, परेशान, खरवार, कोल, कोरकू, सहरिया, ओझा, बैगा जनजातियां
  • राजस्थान – मीणा, भील, कोकना, गर्सिया, थारी, पटेलिया, सहरिया जनजातियां
  • झारखंड संथाल, मुंडा, हो, उरांव, बिरहोर, कोरवा, बैगा, नागेसिया, असुर
  • हिमाचल प्रदेश – गद्दी, गुज्जर, भोटिया, बेदा, लंबा, खंपा, डोंबा, गारा, किन्नौर
  • गुजरात – भील, बरदा, कोली, डबरा, खारी, चारण, रथवा जनजातियां
  • अरुणाचल प्रदेश – अबोर, दफला, अपातामी, खोवा, गालो, मोंबा, मिस्मी
  • उड़ीसा – खोंड, कोल्हा, गोंड, मुंडा, बोंडा, महाली, संथाल, मुआंग, खरिया, डोंगरिया, कोंध, मुन्डुप्पतू
  • पश्चिम बंगाल – संथाल, उरांव, भूमजी, मुंडा, लोधा
  • केरल – पनियान, मवियान,नायर, दाफर, उराली, चेंचु, मोपला, सुमली, इरुला
  • उत्तराखंड – जौनपुरी, थारू, बुस्का, भोटिया, राजी
  • अंडमान एवं निकोबार – अंडमानी, सेंटलिज, जरवा, जारण, बैकडा, शोम्पेन, येरे, कोरा, ताबु
  • सिक्किम – भोटिया, लिम्बु, लेपचा, तमांग
  • नागालैंड – नागा, कोन्याक, अंगामी
  • असम – बोरो, मिरी, कर्बी, राभा, कछारी, सोनवाल, लुसाई जनजातियां
  • मणिपुर – कुकी, तांगखुल, थाडो, नागा, मैठी
  • मेघालय – गारो, खासी, जयंतियां, भोई, मिकिर
  • मिजोरम – मिजो, पावी, लाखर, चकमा
  • त्रिपुरा – रियांग, त्रिपुरी, जमातिया, चकमा
  • पुदुच्चेरी – इरुलुर
  • लक्षदीप – वासी जनजातियां

भारत की प्रमुख जनजातियां ट्रिक

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