डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) और इसके उपयोग

नमस्कार दोस्तों! कंप्यूटर सामान्य ज्ञान के इस पाठ में हम डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या हैं? इसका प्रकार, उपयोग, विभिन्न लेवल, सम्बंधित शब्दावली और डाटा स्टोरेज में इससे आए बदलाव को समझेंगे. यह लेख विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा को ध्यान में रखकर लिखा गया है.

डाटा के प्रकार (Types of Data)

कंप्यूटर में डेटा को बाइनरी फॉर्म (0 और 1) में संग्रहीत किया जाता है. ये विभिन्न प्रकार के डेटा इसी बाइनरी कोड में एन्कोड किए जाते हैं. डेटा के प्रकार को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह डेटा को संग्रहीत करने, प्रबंधित करने और विश्लेषण करने के सर्वोत्तम तरीकों को निर्धारित करने में मदद करता है.

कम्प्यूटर में स्टोर किए जाने वाली डाटा को निम्नलिखित वर्गों बांटा जा सकता है-

1. मूल रूप के आधार पर (Based on Basic Form)

  • संख्यात्मक डेटा (Numeric Data): इसमें अंक (0-9) शामिल होते हैं, जैसे जनसंख्या, बिक्री, आय, आयु, आदि. इसे पूर्णांक (Integer) और दशमलव (Floating Point/Real) संख्याओं में विभाजित किया जा सकता है.
  • अक्षर/टेक्स्ट डेटा (Alphabetic/Text Data): इसमें अक्षर (A-Z, a-z), संख्याएँ और विशेष वर्ण (जैसे !, @, #) शामिल होते हैं, जैसे नाम, पता, ईमेल, संदेश, आदि.
  • अक्षर-संख्यात्मक डेटा (Alphanumeric Data): यह संख्यात्मक और अक्षर डेटा का संयोजन होता है, जैसे सड़क का पता (जिसमें संख्याएँ और अक्षर दोनों होते हैं), उत्पाद कोड, आदि.
  • छवि डेटा (Image Data/Graphical Data): इसमें चित्र, फोटो, ग्राफिक्स, स्कैन की गई छवियां, डायग्राम, चार्ट आदि शामिल होते हैं.
  • ध्वनि डेटा (Audio Data): इसमें संगीत, भाषण, रिकॉर्ड की गई आवाज़ें, टेलीफोन कॉल रिकॉर्डिंग आदि शामिल होते हैं.
  • वीडियो डेटा (Video Data): इसमें फिल्में, टीवी शो, वेबकैम वीडियो आदि शामिल होते हैं.

2. संरचना के आधार पर (Based on Structure)

  • संरचित डेटा (Structured Data): यह डेटा एक पूर्व-निर्धारित प्रारूप में व्यवस्थित होता है, जैसे डेटाबेस में टेबल में पंक्ति और कॉलम में संग्रहीत डेटा. इसे आसानी से खोजा और विश्लेषण किया जा सकता है.
  • असंरचित डेटा (Unstructured Data): इस डेटा का कोई पूर्व-निर्धारित प्रारूप नहीं होता है, जैसे टेक्स्ट फ़ाइलें, ईमेल, सोशल मीडिया पोस्ट, छवियां, ऑडियो, वीडियो. इसे संसाधित करना और विश्लेषण करना अधिक जटिल हो सकता है.
  • अर्ध-संरचित डेटा (Semi-structured Data): यह संरचित और असंरचित डेटा के बीच का होता है. इसमें कुछ संगठनात्मक गुण होते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से संरचित नहीं होता, जैसे XML या JSON फाइलें.

3. उपयोग के आधार पर (Based on Usage)

  • प्राथमिक डेटा (Primary Data): यह डेटा सीधे स्रोत से एकत्र किया जाता है, जैसे सर्वेक्षण, प्रयोग, सेंसर द्वारा माप.
  • द्वितीयक डेटा (Secondary Data): यह डेटा पहले से ही एकत्र किए गए डेटा से प्राप्त किया जाता है, जैसे सरकारी रिकॉर्ड, किताबें, लेख, रिपोर्ट.
  • औपचारिक डेटा (Formal Data): यह डेटा एक व्यवस्थित तरीके से एकत्र किया जाता है, जैसे डेटाबेस में.
  • अनौपचारिक डेटा (Informal Data): यह डेटा अनियमित रूप से या अपेक्षाकृत कम संरचित तरीके से एकत्र किया जाता है, जैसे सोशल मीडिया पोस्ट, ईमेल, चैट.

4. प्रोग्रामिंग भाषाओं में डेटा प्रकार (Data Types in Programming Languages)

प्रोग्रामिंग भाषाओं में डेटा प्रकार बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे बताते हैं कि एक वेरिएबल में किस प्रकार का डेटा संग्रहीत किया जा सकता है और उस पर कौन से ऑपरेशन किए जा सकते हैं. कुछ सामान्य डेटा प्रकारों में शामिल हैं:

  • पूर्णांक (Integer): पूर्ण संख्याएँ (जैसे 10, -5, 100).
  • फ्लोटिंग पॉइंट/रियल (Floating Point/Real): दशमलव संख्याएँ (जैसे 3.14, -0.5, 2.78).
  • कैरेक्टर (Character): एकल अक्षर (जैसे ‘A’, ‘b’, ‘7’, ‘$’).
  • स्ट्रिंग (String): वर्णों का अनुक्रम (जैसे “हेलो वर्ल्ड”, “मेरा नाम रमेश है”).
  • बूलियन (Boolean): केवल दो मान (सही (True) या गलत (False)).
  • एरे (Array): एक ही प्रकार के कई मानों का संग्रह.
  • ऑब्जेक्ट (Object): जटिल डेटा संरचनाएँ.

डेटाबेस (Database) क्या हैं?

डेटाबेस (Database) क्या हैं?

डेटाबेस (Database) संगठित और संरचित जानकारी या डेटा का एक संग्रह (collection) होता है. इसे इस तरह से व्यवस्थित किया जाता है कि इसमें से डेटा को आसानी से स्टोर किया जा सके, एक्सेस किया जा सके, प्रबंधित किया जा सके और अपडेट किया जा सके.

डेटाबेस इलेक्ट्रॉनिक रूप में होता है. यह डेटा को डिजिटल रूप में “लाइब्रेरी” में रखता है ताकि कंप्यूटर प्रोग्राम या उपयोगकर्ता ज़रूरत पड़ने पर इसे तेज़ी से और कुशलता से प्राप्त कर सकें. डेटाबेस आज के डिजिटल युग की रीढ़ हैं, जो वेबसाइटों, मोबाइल ऐप्स, व्यावसायिक प्रणालियों और वैज्ञानिक अनुसंधान सहित लगभग हर चीज़ को सक्षम बनाता हैं.

डेटाबेस का महत्व (Importance of Database)

  • संगठन (Organization): यह डेटा को एक तार्किक और व्यवस्थित तरीके से संग्रहीत करता है, जिससे इसे समझना और उपयोग करना आसान हो जाता है.
  • पहुंच में आसानी (Easy Access): यह आपको जल्दी से डेटा खोजने और प्राप्त करने की अनुमति देता है, भले ही वह बड़ी मात्रा में हो.
  • डेटा अखंडता (Data Integrity): यह सुनिश्चित करता है कि डेटा सटीक और सुसंगत (consistent) रहे.
  • डेटा सुरक्षा (Data Security): यह अनधिकृत पहुंच से डेटा की सुरक्षा करने में मदद करता है.
  • लचीलापन (Flexibility): यह डेटा को आवश्यकतानुसार जोड़ने, हटाने, संशोधित करने और विश्लेषण करने की अनुमति देता है.
  • डेटा साझाकरण (Data Sharing): यह कई उपयोगकर्ताओं या अनुप्रयोगों को एक ही डेटा तक पहुंचने और उसका उपयोग करने की अनुमति देता है.

डेटाबेस के मुख्य घटक (Components of Database)

  • डेटा (Data): यह वह कच्ची जानकारी है जिसे डेटाबेस में संग्रहीत किया जाता है.
  • टेबल (Tables): अधिकांश डेटाबेस में डेटा को टेबलों में व्यवस्थित किया जाता है. एक टेबल में पंक्तियाँ (rows) और कॉलम (columns) होते हैं, जैसे एक स्प्रेडशीट.
    • पंक्तियाँ (Rows): इन्हें रिकॉर्ड भी कहा जाता है, जो एक विशिष्ट इकाई (जैसे एक व्यक्ति या एक उत्पाद) के बारे में पूरी जानकारी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
    • कॉलम (Columns): इन्हें फ़ील्ड भी कहा जाता है, जो एक विशिष्ट प्रकार की जानकारी (जैसे नाम, आयु, पता) का प्रतिनिधित्व करते हैं.
  • डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम ( DBMS): यह एक सॉफ्टवेयर है जो डेटाबेस को बनाने, प्रबंधित करने और संचालित करने के लिए उपयोग किया जाता है. यह उपयोगकर्ताओं को डेटा के साथ इंटरैक्ट करने की अनुमति देता है. कुछ प्रसिद्ध DBMS में Oracle, MySQL, SQL Server, PostgreSQL, MongoDB आदि शामिल हैं.

डेटाबेस के प्रकार (Types of Database in Hindi)

कई प्रकार के डेटाबेस होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  1. रिलेशनल डेटाबेस (Relational Databases – RDBMS): यह सबसे आम प्रकार है. इसमें डेटा को टेबलों में संग्रहीत किया जाता है जो एक दूसरे से संबंधित होते हैं. SQL (Structured Query Language) का उपयोग रिलेशनल डेटाबेस से डेटा को क्वेरी करने और हेरफेर करने के लिए किया जाता है. उदाहरण: MySQL, PostgreSQL, Oracle, SQL Server, SQLite
  2. नोएसक्यूएल डेटाबेस (NoSQL Databases): ये गैर-रिलेशनल डेटाबेस हैं जो असंरचित या अर्ध-संरचित डेटा को संभालने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. ये बड़े पैमाने पर डेटा और उच्च प्रदर्शन के लिए उपयुक्त होते हैं. उदाहरण: MongoDB (Document-oriented), Cassandra (Column-family), Redis (Key-Value), Neo4j (Graph Database)
  3. ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड डेटाबेस (Object-Oriented Databases): यह डेटा को ऑब्जेक्ट के रूप में संग्रहीत करता है, जो ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग के सिद्धांतों का पालन करता है.
  4. पदानुक्रमित डेटाबेस (Hierarchical Databases): इसमें डेटा को एक पेड़ जैसी संरचना में व्यवस्थित किया जाता है, जिसमें प्रत्येक रिकॉर्ड का एक मूल (parent) और कई बच्चे (children) हो सकते हैं.
  5. नेटवर्क डेटाबेस (Network Databases): यह पदानुक्रमित डेटाबेस का विस्तार है, जहाँ एक रिकॉर्ड के कई मूल हो सकते हैं.
  6. क्लाउड डेटाबेस (Cloud Databases): ये डेटाबेस क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म पर चलते हैं, जिससे उन्हें स्केलेबिलिटी और उपलब्धता मिलती है.
  7. डिस्ट्रिब्यूटेड डेटाबेस (Distributed Databases): डेटाबेस के विभिन्न हिस्से कई स्थानों पर संग्रहीत होते हैं और एक साथ काम करते हैं.

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या हैं? (What is DBMS in Hindi)

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम या डेटाबेस प्रबंधन पद्धति को ही संक्षेप में DBMS कहा जाता है. यह एक सॉफ्टवेयर सिस्टम है जो डेटा को प्रबंधित (Manipulate), संग्रहित (Store), संशोधित (Edit), पुनः प्राप्त (Recovery), अद्यतन (Update), पुराने या बेकार डाटा को मिटाने (Delete) और साझा करने (Share) के लिए उपयोग होता है.

इसका मुख्य उद्देश्य डेटा की कुशलता से प्रबंधन करना और विभिन्न उपयोगकर्ताओं और अनुप्रयोगों के लिए डेटा की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है. इसके द्वारा कंप्यूटर में सुरक्षित डाटा का इष्टम उपयोग (Optimal Use) सुनिश्चित किया जाता है. सभी अधिकृत व्यक्तियों को इस डाटा तक पहुँच होती है.

डेटाबेस के विभिन्न स्तर (Different levels of Database)

डेटाबेस संरचना में विभिन्न स्तर होते है, ये डाटा संरचना के तत्व कहलाते है. सभी डेटा संरचना के तत्व एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और मिलकर एक डेटाबेस सिस्टम का निर्माण करते हैं. ये डेटा के प्रबंधन और संगठन में सहायक होते हैं:

Levels of Database
डेटाबेस के विभिन्न स्तर (Different levels of Database)
  1. बिट (BIT): यह कंप्यूटर डेटा का सबसे छोटा यूनिट है, जिसे 0 या 1 के रूप में दर्शाया जाता है. सभी डिजिटल डेटा को बिट्स में ही संगठित किया जाता है, जो बाइनरी नंबर सिस्टम पर आधारित होता है.
  2. करैक्टर (Character): एक एकल अक्षर, अंक, या प्रतीक, जिसे ASCII या Unicode के माध्यम से बिट्स के समूह के रूप में कोडित किया जाता है. यह टेक्स्ट डेटा का प्रतिनिधित्व करता है. 8 बिट या 1 बाइट, एक करैक्टर के बराबर होता है.
  3. फील्ड (Field): यह करैक्टर का अर्थपूर्ण संग्रह है. इसमें संबंधित जानकारी का एक समूह, जैसे नाम या पता, जिसमें कई करैक्टर शामिल हो सकते हैं. डेटाबेस में मूल डाटा के मान जिस स्थान पर सुरक्षित किए जाते है, फील्ड कहलाता है.
  4. रिकॉर्ड (Record): यह एक डेटा संरचना है, जिसमें विभिन्न फील्ड्स का संग्रह होता है. सभी फील्ड एक संपूर्ण इकाई का प्रतिनिधित्व करता है.
  5. फाइल (File): आपस में संबंधित कई रिकॉर्ड का एक संग्रह, जो एक नाम के साथ संग्रहीत होता है.
  6. डेटाबेस (Database): एक व्यवस्थित संग्रह जिसमें कई फाइल्स और रिकॉर्ड्स शामिल होते हैं, जो विशिष्ट संबंधों द्वारा आपस में जुड़े होते हैं. अतः डेटाबेस के किसी एक फील्ड में किया गया परिवर्तन सभी सम्बंधित फाइलों में परिलक्षित होता है. डेटाबेस का उपयोग डेटा को कुशलता से संग्रहित, प्रबंधित और पुनः प्राप्त करने के लिए किया जाता है.

डाटा बेस की प्रकृति (Characteristics of Data Base)

  • डाटा बेस में Data redundancy अर्थात डाटा की पुनरावृत्ति न्यूनतम होनी चाहिए. दो जगह डाटा होने पर विसंगति की संभावना होती है.
  • डाटा बेस में Data Inconsistency या डाटा विसंगति नगण्य होनी चाहिए. कई बार दो जगह रखे डाटा के मान में अंतर से विसंगति उत्पन्न हो जाती हैं.
  • डाटा विभिन्न उपयोगकर्ताओं द्वारा अलग-अलग उद्देश्यों में प्रयोग के लिए उपलब्ध होना चाहिए.
  • डाटा का प्रत्येक मान (Values) एक-दूसरे से स्वतंत्र होना चाहिए.
  • प्रत्येक डाटा का मान सही (Correct) होना चाहिए.
  • डाटा बेस अनधिकृत व्यक्तियों (Unauthorized Users) से सुरक्षित होना चाहिए. इसके लिए ऑथेन्टकैशन चेक (Authintication Check) सरल उपाय हैं.

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के मॉडल्स (Different Data Models in DBMS)

1. रिलेशन डाटा मॉडल (Relation Data Model): इसमें डाटा को टेबल्स (Tables) के संग्रह के रूप में व्यवस्थित किया जाता है. टेबल्स में पंक्ति (Rows) तथा कॉलम (Columns) होते हैं. इन टेबल्स को रिलेशन भी कहते हैं. टेबल या रिलेशन का पंक्ति (Rows) टपल (Tupples) कहलाता है, जबकि कॉलम (Columns) को एट्रीब्यूट्स (Attributes) कहा जाता है. इसमें Structured Query Language के साफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है.

2. नेटवर्क डाटा मॉडल (Network Data Model): इस मॉडल में डाटा को रिकॉर्ड (Records) के संग्रह के रूप में व्यवस्थित किया जाता है. रिकॉर्ड आपस में लिंक (Links) द्वारा सम्बद्ध होते हैं.

3. हाइरॉकिकल डाटा मॉडल (Hierarchical Data Model): इस मॉडल में भी डाटा को रिकॉर्ड के संग्रह के रूप में व्यवस्थित किया जाता है, परंतु सभी रिकॉर्ड आपस में पदानुक्रम (Tree like structure) से जुड़े होते हैं. यह सबसे पुराना तथा लोकप्रिय डाटा मॉडल है. इसमें डाटा मैनुपुलेशन लैंग्वेज (Data Manupulation Language) साफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है.

डाटा बेस लैंग्वेज (Data Base Languages in Hindi)

डाटाबेस साफ्टवेयर में निम्नलिखित प्रकार के लैंग्वेज का प्रयोग किया जाता है-

(i) डाटा डेफिनीशन लैंग्वेज (DDL-Data Definition Language) : यह डाटा के प्रकार और उनके बीच संबंध को परिभाषित करता है.

(ii) डाटा मैनीपुलेशन लैग्वेज (DML-Data Manipulation Language): डाटा बेस में डाटा डालने (Insert), उसे अद्यतन बनाने (Edit) तथा डिलीट (Delcte) करने का काम करता है.

(iii) क्यारी लंग्वेज (Query Language) : डाटाबेस से सूचना खोजने तथा प्राप्त सूचना को उचित रूप में प्रदर्शित करने का काम करता है. Strutucred Query Language (S Q L) उपरोक्त तीनों कार्यों को एक साथ करने में सक्षम डाटा बेस लैंग्वेज है.

डीबीएमएस शब्दावलियां (DBMS Terms in Hindi)

(i) रिलेशन (Relation) : रिलेशन एक डाटा युक्त टेबल (Table) है जिसमें डाटा को रे (rows) या टपल (Tuples) तथा कॉलम (Columns) या एट्रीब्यूट (Attributes) में व्यवस्थित किया जाता है.

(ii) टपल (Tuples) : टेबल या रिलेशन का रो (rows) टपल कहलाता है.

(iii) एट्रीव्यूट (Attributes) : टेबल या रिलेशन का कॉलम (Column) एट्रीय्यूट कहलाता है.

(iv) डिग्री (Degree) : किसी टेवल या रिलेशन में attributes की संख्या टसकी डिग्री कहलाती है.

(v) कार्डिनलीटी (Cardinality) : किसी टेबल या रिलेशन में रो (Rows) या टपल की संख्या उसका कार्डिनलीटी कहलाता है.

(vi) व्यू (Views) : वह टेबल, जिसका स्वयं का अपना कोई डाटा नहीं होता, बल्कि उस टेबल के डाटा दूसरे बेस टेबल से लिए गए होते हैं, Views कहलाता है. इस प्रकार, Views एक आभासी टेबल (Virtual Table) है. Views उपयोगकर्ता के लिए किसी सूचना तक सीमित पहुंच (access) प्रदान करने का एक उपयोगी तरीका है.

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