नमस्कार दोस्तों. इस लेख में हम कंप्यूटर भाषा, इसके प्रकार, प्रयोग और विशेषताओं से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करेंगे. इस पुरे पाठ को पढ़कर आप इसके बेसिक्स GK को समझ पाएंगे.
कंप्यूटर भाषा क्या हैं? (What is Computer Language in Hindi)
किसी भी कम्प्यूटर के हार्डवेयर को संचालित करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम लिखे जाते है. यह जिस भाषा में लिखा जाता हैं उसे कंप्यूटर भाषा कहा जाता है. विभिन्न प्रोग्राम को विभिन्न कंप्यूटर भाषा के मदद से लिखा जाता है. जिस भाषा में प्रोग्राम लिखा जाता है, उसे प्रोग्राम भाषा कहा जाता है.
कंप्यूटर भाषा के तीन प्रकार होते हैं:
- मशीन भाषा
- असेंबली भाषा
- उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language)
मशीन भाषा (Machine Language)
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है, जो सिर्फ ऑन (1) या ऑफ (0) को समझता है. इसे ही मशीन की भाषा या बाइनरी लैंग्वेज कहा जाता है. बाइनरी कोड विद्युत संकेतों का प्रतिनिधित्व करता है. यह एक निम्नस्तरीय भाषा है.
इस भाषा को कंप्यूटर सीधे समझ लेता है. इसलिए किसी ट्रांसलेटर की जरुरत नहीं होती है. इसके कारण यह तेज होता है. लेकिन इस भाषा में प्रोग्राम लिखना कठिन होता है और गलतियों की संभावना होती है. इसलिए अलग-अलग कंपनियों द्वारा विभिन्न उच्च स्तरीय भाषा का प्रयोग ओएस और प्रोग्राम लिखने में किया जाता है. इन्हें ट्रांसलेटर की मदद से मशीनी भाषा में बदलकर कंप्यूटर के समझने योग्य बनाया जाता है. एक सरल बाइनरी कोड उदाहरण: 10110000 01100001.
असेंबली भाषा (Assembly Language)
यह एक निम्नस्तरीय भाषा है. इसमें निर्देशों को छोटे कोड नामों के रूप में लिखा जाता है, इसे निमोनिक्स (mnemonics) कहा जाता है. निमोनिक अक्षरों या अंकों से मिलकर बने होते है. बोलचाल के भाषा के करीब होने के कारण यह मानवों के लिए पढ़ने और समझने में आसान होता है. इसलिए इसे आसानी से लिखा भी जा सकता है. इस भाषा को मशीनी भाषा में बदलने के लिए असेंबलर ट्रांसलेटर का उपयोग किया जाता है.
लेकिन यह कंप्यूटर हार्डवेयर के प्रकार पर निर्भर करता है. हार्डवेयर पर निर्भरता के कारण इसके कोड को अन्य हार्डवेयर में स्थानांतरित करना कठिन होता है. विभिन्न हार्डवेयर के अलग-अलग असेंबली भाषा और असेम्ब्लर होते है. इससे बने प्रोग्राम को रन करने में मशीन भाषा से अधिक समय लगता है. ऐसा ट्रांसलेशन प्रकिया के कारण होता है. यह उच्च-स्तरीय भाषाओं की तुलना में अधिक जटिल और समय लेनेवाला होता है.
असेंबली भाषा को सोर्स कोड और ट्रांसलेटर द्वारा इसे मशीनी भाषा में बदलने के बाद प्राप्त परिणाम ऑब्जेक्ट कोड कहलाता है. नीचे एक सरल असेंबली भाषा प्रोग्राम का उदाहरण दिया गया है जो दो संख्याओं (5 और 3) को जोड़ता है:
MOV AX, 5 ; रजिस्टर AX में 5 को स्थानांतरित करें.
MOV BX, 3 ; रजिस्टर BX में 3 को स्थानांतरित करें.
ADD AX, BX ; AX में BX जोड़ें, परिणाम AX में संग्रहीत होता है.
उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language)
यह हार्डवेयर की जटिलताओं को छिपाती है, जिससे प्रोग्रामर उच्च स्तर पर सोच सकते हैं. साथ ही ये विभिन्न प्लेटफार्मों पर आसानी से पोर्टेबल होती हैं. इन्हें मशीन भाषा में अनुवाद करने के लिए कम्पाइलर या इंटरप्रेटर का उपयोग किया जाता है. लेकिन प्रत्येक HLL के लिए अलग-अलग कम्पाइलर या इंटरप्रेटर का प्रयोग करना पड़ता है.
HLL बोलचाल के भाषा के काफी करीब होता है. इसलिए इसे लिखना और समझना आसान होता है. इससे त्रुटियों की गुंजाइश काफी कम हो जाती है. त्रुटि होने पर उसे जल्द ठीक कर लिया जाता है. हार्डवेयर पर इनकी निर्भरता नहीं होती है. इसलिए इन्हें एक हार्डवेयर से दूसरे में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है. इसे तीसरे पीढ़ी का भाषा भी कहा जाता है.
इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं: Basic, Python, Java, C++, COBOL, C, LOGI, Algol, COMAL, Pascal, C-Sharp, RPG, SNOBOL, और FORTRAN.
चौथी पीढ़ी की कंप्यूटर भाषाएं (4GL)
इस पीढ़ी के कंप्यूटर भाषा डोमेन आधारित होते है. इनमें समाधान प्राप्त करने के तरीके बदले समाधान पर अधिक ध्यान दिया जाता है. जबकि तीसरी पीढ़ी के भाषा में समाधान तक पहुंचने के बारे में चरण दर चरण जानकारी दी जाती है. डाटाबेस प्रबंधन और वेब डेवलपमेंट में इनका इस्तेमाल किया जाता है.
4GL इंसानी भाषा के काफी करीब होता है. इसलिए इसमें प्रोग्रामिंग लिखना और समझना काफी तेज होता है. SQL (Structured Query Language), SAS (Statistical Analysis System), जावा स्क्रिप्ट, माइक्रोसॉफ्ट फ्रंट पेज, MATLAB और Oracle Reports इसके उदाहरण है.
पांचवीं पीढ़ी की कंप्यूटर भाषाएं (5GL)
पांचवी पीढ़ी की कंप्यूटर भाषा (5GL) कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की अत्यधिक उच्च स्तर की भाषाएँ हैं. यह तर्क प्रोग्रामिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और तर्क निष्कर्षण पर आधारित होती है. इन भाषाओं का उद्देश्य समस्याओं को स्वचालित रूप से हल करने के लिए प्रोग्रामिंग की आवश्यकता को कम करना है।
इसका उद्देश्य AI सिस्टम्स के विकास को प्रोत्साहित करना है. प्रोग्रामर को केवल समस्या की शर्तें और समाधान की दिशा निर्दिष्ट करनी होती है. बाकी काम 5GL द्वारा स्वचालित रूप से किया जाता है. यह सिस्टम के तर्क और नियमों को परिभाषित करने के लिए अत्यधिक अमूर्तता प्रदान करती है. ROLOG, LISP, मर्करी और OPS5 इसके उदाहरण है.
मार्कअप भाषा (Markup Language)
यह एक प्रकार की कंप्यूटर भाषा है जो टेक्स्ट को संरचित और व्यवस्थित करने का एक प्रभावी तरीका प्रदान करती हैं. यह साधारण टेक्स्ट में टैग्स और एनोटेशन जोड़कर टेक्स्ट को व्यवस्थित कर प्रस्तुत करती है. इनका उपयोग मानव द्वारा समझने और लिखने के लिए किया जा सकता है. ये कंप्यूटर द्वारा भी आसानी से पार्स की जा सकती हैं.
इसके उदाहरण है:
- HTML (HyperText Markup Language): इसे वेब पेजों को बनाने और संरचित करने के लिए उपयोग किया जाता है.
- XML (eXtensible Markup Language): यह डेटा को संरचित और स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है.
- Markdown: यह दस्तावेजों को प्रारूपित और संरचित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक सरल और पठनीय मार्कअप भाषा है.
कंप्यूटर भाषा के विशेष नियम
- सिंटेक्स रूल: कंप्यूटर प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर लिखने के लिए विभिन्न प्रकार के भाषाओं का इस्तेमाल किया जाता है. किसी भी भाषा का एक व्याकरण होता है, उसी प्रकार विभिन्न कंप्यूटर भाषा का भी अपना व्याकरण होता है. इसे सिंटेक्स रूल कहा जाता है. प्रोग्राम लिखने में इन नियमों का पालन न करने पर जो एरर उत्पन्न होता है, उसे सिंटेक्स एरर कहा जाता है.
- Reserved Word अथवा कीवर्ड, विशेष शब्द होते है जो किसी प्रोग्रामिंग भाषा में पहले से परिभाषित और आरक्षित होता है. यह शब्द प्रोग्रामिंग भाषा के सिंटैक्स का हिस्सा होते हैं और इन्हें किसी वेरिएबल, फंक्शन, या अन्य उपयोगकर्ता-परिभाषित आइडेंटिफायर के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता. आरक्षित शब्दों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ये शब्द भाषा के लिए विशिष्ट अर्थ और कार्यक्षमता के लिए सुरक्षित रहें.
उदाहरण:
- Python में: if, else, for, while, return
- C++ में: int, float, class, public, void
लोकप्रिय कंप्यूटर भाषाएं
- FORTRAN: इसका विकास IBM के जॉन बेकस (John Backus) ने 1957 में किया था. अलजेब्रा पर आधारित इस भाषा को पहला HLL माना जाता है. इसे विस्तार में Formula Translation कहा जाता है. इसे गणितीय सूत्र हल करने और जटिल वैज्ञानिक गणनाओं में प्रयोग किया जाता है.
- BASIC: यह शुरुआती प्रोग्रामरों के लिए आसान और सरल प्रोग्रामिंग भाषा है. प्रो. जॉन केमेनी और थॉमस कुर्ट्ज़ ने इसका विकास 1964 में किया था. इसे गणितीय और व्यावसायिक दोनों प्रकार के भाषा में प्रयोग किया जाता है. माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित इसका संस्करण क्विक बेसिक और विजुअल बेसिक एक लोकप्रिय ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOL) भाषा है.
- Python: एक लोकप्रिय और बहुउद्देश्यीय भाषा जो सरल और पठनीय सिंटैक्स प्रदान करती है. AI मॉडल को प्रशिक्षित और टेस्ट करने में इसका वृहत पैमाने पर इस्तेमाल होता है.
- Java: इसे सन मिक्रोसिस्टम के जेम्स गोसलिंग द्वारा विकसित किया गया है. यह भी एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड भाषा है जो प्लेटफार्म स्वतंत्रता के लिए जानी जाती है. इसलिए इसे इंटरनेट के साथ ही टीवी, टेलीफोन, एनीमेशन आधारित वेबपेज और कंप्यूटर गेम में उपयोग किया जाता है.
- C++: यह एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड कंप्यूटर भाषा है. यह उच्च प्रदर्शन और सिस्टम प्रोग्रामिंग के लिए उपयुक्त है. इसका विकास 1972 में बेल लबोरिट्रीज़ के डेनिस रिची तथा ब्रायन कनिंघम द्वारा किया गया था. HLL में असेंबली भाषा के प्रयोग के उद्देश्य से इसे विकसित किया गया था.
- Java Script: यह वेब विकास के लिए अत्यधिक उपयोग की जाने वाली भाषा है.
- Ruby: यह अपनी सरलता और उत्पादकता के लिए प्रसिद्ध है. यह युकिहिरो मात्सुमोतो द्वारा विकसित एक शुद्ध ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड भाषा है.
- COBOL: इसे व्यवसाय और वित्तीय अनुप्रयोगों के लिए खासतौर पर विकसित किया गया है. इस कंप्यूटर भाषा को पैराग्राफ, डिवीज़न और सेक्शन में बांटा जाता है. ANSI Cobol नामक कम्पाइलर के माध्यम से इसे किसी भी कंप्यूटर में उपयोग किया जा सकता है. विजुअल कोबोल (Visual Cobol) इसका एक संस्करण है, जो ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा (OOL) है.
- C: सिस्टम सॉफ़्टवेयर और एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर विकास के लिए इसका वृहद् उपयोग होता है.
- LOGO: यह बच्चों के लिए शैक्षिक उद्देश्य से विकसित एक प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसमें ग्राफिकल टर्टल ग्राफिक्स होती हैं. इसे अमेरिकी डेवलपर सिमोर पपेर्ट (Seymour Papert) द्वारा विकसित किया गया है.
- Algol: यह एल्गोरिदमिक भाषा है, इसे वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग गणनाओं के लिए उपयोग किया जाता है.
- COMAL: BASIC और Pascal पर आधारित इस भाषा का विकास शिक्षण और सरल अनुप्रयोगों के लिए किया गया है.
- Prolog: यह तर्क पर आधारित प्रोग्रामिंग भाषा है. इसका इस्तेमाल कृत्रिम बुद्धिमत्ता और गणितीय तर्क अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है. इसे 1972 में फ़्रांस में विकसित किया गया था.
- Pascal: इसे संरचित प्रोग्रामिंग को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है. ब्लेज पास्कल पर नामित इस भाषा का विकास स्विस वैज्ञानिक प्रो. निकलॉस वृत्थ (Nicklaus Writh) ने 1971 में किया था.
- C-Sharp: यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित एक आधुनिक, ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग भाषा है. यह ECMA (European Computer Manufacturer Association) और ISO द्वारा मान्यता प्राप्त कंप्यूटर भाषा है.
- RPG: इसका पूर्ण रूप रिपोर्ट प्रोग्राम जनरेटर है. यह बिजनेस एप्लिकेशन के लिए उपयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषा है. यह IBM द्वारा विकसित है.
- Lisp: इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसंधान में व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है. यह एक फंक्शनल प्रोग्रामिंग भाषा है, जो गैर-सांख्यिकीय डाटा के प्रोसेसिंग में इस्तेमाल किया जाता है. इसका विकास 1959 में जॉन मैकार्थी ने किया था.
- SNOBOL: यह टेक्स्ट प्रोसेसिंग और स्ट्रिंग हेरफेर के लिए उपयोग की जाने वाली भाषा है. इसे 1960 के दशक में बेल लैब्स में विकसित किया गया था. इसका पूर्ण रूप StriNg Oriented symBOlic Language है.