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ब्लैक वाटर का करिश्मा

हाल के दिनों में फ़ूड प्रोसेसिंग कारोबार तेजी से विकसित हो रहा है. इसके साथ ही, हेल्थ ड्रिंक्स का क्रेज़ भी बढ़ रहा है. इन्हीं हेल्थ ड्रिंक्स में सबसे नया है- ब्लैक वाटर. कहने को तो यह पानी के बदले पिया जाता है और; स्वाद में भी पानी की तरह होता है. लेकिन, इससे जुड़े कई दावे और सेलिब्रिटीज का इसके तरफ रुझान इसे लगातार चर्चा में बनाए हुए हैं.

हाल के दिनों में मलाइका अरोड़ा, करिश्मा कपूर, मानसी मल्होत्रा, विराट कोहली व काजल अग्रवाल जैसे स्टार्स को ब्लैक वाटर बोतल के साथ देखा गया. उर्वशी रौतेला भी ब्लैक वाटर्र का इस्तेमाल करती है. सेलेब्रिटी के कारण, इस काले द्रव को जानने की लालसा लोगों में जगी. फिर मालूम हुआ कि यह ब्लैक वाटर है जो पानी का ही परिष्कृत क्षारीय रूप है.

इस लेख में हम जानेंगे

क्या है ब्लैक वाटर? (What is Black Water in Hindi)

ब्लैक वाटर क्षारीय प्रकृति का पानी है. जहाँ सामान्य पानी का पीएच लेवल 6 से 7 के बीच होता है. वहीं, इसका पीएच लेवल 8 से 9 के बीच होता है. इसमें कैल्शियम, सोडियम, मैग्नेशियम व सोडियम जैसे 70 मिनरल्स पाए जाते है. इसमें प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते है. इसमें फुलविक एसिड (Fulvic Acid) पाया जाता है. इसके कारण यह काला दिखता है.

साधारण पानी, जो रंगहीन होता है और जिसे हम रोजाना पीते है, के तुलना में ब्लैक वाटर अधिक पाष्टिक होते है. फिलहाल, इवोकस (Evocus) ब्रांड का ही ब्लैक वाटर बाजार में अधिकांश बिकता है. कंपनी का इसका सामान्य पानी के तुलना में बेहतर होने का दावा है.

ब्लैक वाटर कैसे बनता है? (How Black Water is made in Hindi)

सामान्य पानी, ब्लैक वाटर का मुख्य अवयव है. हालाँकि, ब्लैक वाटर बनाने के लिए कई तरह के मिनरल्स इसमें मिलाए जाते है. इसके लिए इसे इलेक्ट्रोलाइसिस प्रक्रिया से गुजारा जाता है. इसमें अम्लीय व क्षारीय पानी अलग-अलग हो जाता है.

इस आयोनाइजेशन प्रक्रिया के बाद क्षारीय पानी को इकठ्ठा कर बोतलबंद डब्बों में बेचा जाता है. इस प्रक्रिया के आयोनाइजर (ionizer) नाम का विशेष उपकरण इस्तेमाल किया जाता है.

प्रकृति में यह क्षारीय होता है. इसलिए इसे अल्केलाइन वाटर’ या ‘अल्केलाइन आयोनाइज़्ड वाटर’ भी कहा जाता है. कृत्रिम ब्लैक वाटर का भी प्राकृतिक के तरह फायदेमंद होने का दावा किया जाता है. हालाँकि, कुछ लोग इससे इत्तेफाक नहीं रखते. लेकिन, अभी तक इसका कोई ख़ास साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है. इसलिए, इसे स्वास्थ्य के लिए सही माना जा सकता है.

ब्लैक वाटर के प्रकार (Types of Black Water in Hindi)

यह प्राकृतिक व कृत्रिम, दो तरीके से बना पाया जाता है.

प्राकृतिक ब्लैक वाटर का निर्माण पहाड़ी चट्टानों में उपस्तिथ फुलविक अम्ल से गुजरने से होता है. चट्टानों में कई प्रकार के खनिज भी होते है. ये सभी ब्लैक वाटर में मिलकर इसकी पौष्टिकता बढ़ा देते है.

फुलविक अम्ल का निर्माण पहाड़ों के छोटी पर प्राकृतिक कार्बनिक पदार्थों के अपघटन से होता है. भारतीय आयुर्वेद में काफी अरसे से फुलविक अम्ल का इस्तेमाल किया जाता रहा है. शिलाजीत में भी 15 से 20 फीसदी फुलविक एसिड पाया जाता है.

वहीं, कृत्रिम ब्लैक वाटर इसका दूसरा प्रकार है. हालाँकि, इसमें प्राकृतिक ब्लैक वाटर के सभी अवयव कृत्रिम तरीके से डाल दिए जाते है. इसलिए यह भी प्राकृतिक ब्लैक वाटर के तरह ही पौष्टिक होता है.

शुद्धता के मामले में, कृत्रिम ब्लैक वाटर ही बेहतर माना जाता है.

साधारण और ब्लैक वाटर में अंतर (Difference Between Normal and Black Water in Hindi)

सामान्य पानी अम्लीय प्रकृति का होता है. इससे गैस बनना व बदहजमी की शिकायते हो सकती है. साथ ही, इसमें खनिज व पौष्टिक तत्वों का अभाव होता है. इस वजह से कई बार हमारे शरीर में खनिज पदार्थों की कमी हो जाती है और; हम बीमार भी पड़ जाते है.

आरओ का पानी भी अम्लीय होता है. इसलिए, इस समस्या का सामाधान यह भी नहीं कर पाता है. कई बार आरओ के पानी के कारण, हमे अलग से विटामिन्स व मिनरल्स का सेवन भी करना पड़ जाता है.

दूसरी तरफ, ब्लैक वाटर क्षारीय प्रकृति का व तुलनात्मक रूप से काफी अधिक पौष्टिक होता है. इसलिए, यह सामान्य व आरओ वाटर से उपजे समस्या का हल कर देता है. लेकिन, कुछ लोगों को ब्लैक वाटर नहीं पचता. इसलिए इसके सेवन से पहले डाइटीशियन या हेल्थ एक्सपर्ट से एक बार जरूर सम्पर्क करना चाहिए.

ब्लैक वाटर के फायदे (Benefits of Black Water in Hindi)

black water drinking

इसके कई फायदे विशेषज्ञ बताते है-

1. हाइड्रेशन (Hydration)

अल्केलाइन ब्लैक वाटर व्यायाम के बाद डिहाइड्रेशन से पैदा हुए रक्त चिपचिपाहट (Viscosity) प्रभाव को कम करता है. यह कई शोध में साबित हो चूका है. क्षारीय प्रकृति का यह पानी व्यायाम के बाद शरीर में जलापूर्ति करने में सामान्य पानी से बेहतर है. यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की सप्लाई को बढ़ा देता है; जो डिहाइड्रेशन से निपटता है.

हमारा शरीर 70 फीसदी पानी से बना है, इसलिए पानी की सही मात्रा बना रहना स्वस्थ्य जीवन के लिए जरुरी है.

2. मेटाबॉलिज्म में सुधार (Improved Metabolism)

ब्लैक वाटर उपापचय (Metabolism) बढ़ाने में भी मदद करता है. यह गुण वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है. खिलाडियों व अत्यधिक व्यायाम करने वाले लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद है.

3. पाचनशक्ति मजबूत होना (Strong Digestion)

इससे हमारी पाचन शक्ति भी बढ़ती है और; कब्ज जैसे बिमारियों से छुटकारा मिलता है. ये जानना दिलचस्प है कि कब्ज के कारण कई तरह की बीमारियां होती है.

इसके साथ ही, ब्लैक वाटर का क्षारीय गुण एंजाइम की गतिविधि को कम करता है. इससे एसिड बनना कम होता है; जो एसिडिटी से छुटकारा पाने जैसा है.

हमारे शरीर में पेप्सिन नाम का बनने वाला एसिड, अक्सर अधिक मात्रा में बनकर पाचन सम्बंधित समस्या को जन्म देता है. ब्लैक वाटर इसका तोड़ हो सकता है.

4. हड्डी के स्वास्थ्य में सुधार (Improved Bone Health)

ब्लैक वाटर, हड्डी के स्वास्थ्य के लिए जरुरी कैल्शियम व अन्य खनिज से भरपूर होता है. इसलिए यह हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है. इसका सेवन ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षणों को कम करने में सहायक साबित होता है.

5. कई बिमारियों से निजात (Solution to many diseases)

साल 2012 में प्रकाशित एक शोध-पत्र के अनुसार, ब्लैक वाटर डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मददगार है.

6. जहरीले पदार्थों को नष्ट करने में सक्षम (Reduces Toxicity)

ब्लैक वाटर मिनरल बॉडी को डिटॉक्स भी करते है. यह स्वस्थ्य अनुभूति देकर हमारे कार्यक्षमता और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखता है.

7. वजन घटाने में फायदेमंद (Benificial for Weight Loss in Hindi)

ब्लैक वाटर को वजन कम करने में भी फायदेमंद पाया गया है. मेडिकल जर्नल ‘एविडेंस बेस्ड कॉम्प्लिमेंटरी एंड अल्टर्नेटिव मेडिसीन’ (EBCAM) के चूहों पर किए गए शोध में यह साबित हुआ है.

8. उम्र को प्रभाव रोकने में सक्षम (Anti-ageing)

यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है. साथ ही, त्वचा के स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है. इससे त्वचा का सिकुड़ना रुकता है और; हम अधिक उम्र तक जवान दिखते है. हालाँकि, इसमें एंटी-एजिंग तत्वों को लेकर मतभेद है.

ब्लैक वाटर के नुकसान (Side effects of Black Water in Hindi)

  • लम्बे वक्त तक इसका सेवन कुछ साइड इफेक्ट्स को जन्म दे सकता है.
  • इसका अत्यधिक सेवन शरीर में कैल्शियम का मात्रा बढ़ा देता है. यह हायपरकैल्शियम का कारण भी बन सकता है.
  • इसमें मौजूद आयरन शरीर में इसकी मात्रा बढ़ा सकता है. यह हैमोक्रोमैटोसिस का कारण हो सकता है.
  • इसके अत्यधिक सेवन से, शरीर में अम्लीय प्रकृति के जरुरी तत्वों की मात्रा प्रभावित हो सकती है.
  • बच्चों को इसके सेवन से रोकें, इसके जगह उन्हें अन्य पौष्टिक आहार दें. यहीं उनके लिए पर्याप्त होता है.

ब्लैक वाटर के सेवन की विधि (Doses of Black Water in Hindi)

  • लम्बे अंतराल के लिए इसका इस्तेमाल न करें. साथ ही, इस्तेमाल से पहले चिकित्सीय परामर्श जरूर लें. तीन महीने के बाद कुछ सप्ताह के लिए विराम जरूर लें.
  • इसके साइड इफेक्ट्स बचने के लिए एक दिन में आधे से एक लीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • सेलेब्रिटीज के पास हेल्थ एक्सपर्ट्स होते है. वे अपने एक्सपर्ट्स के कहे अनुसार ही किसी चीज का सेवन या त्याग करते है. इसलिए आप आँख मूंदकर उनपर भरोसा न करें.
  • व्यायाम करने वाले, बाहर का खाना खाने वाले व जिम जाने वाले लोग इसका इस्तेमाल कम मात्रा में कर सकते है.

ब्लैक वाटर का कीमत (Price of Black Water in Hindi)

अलग-अलग कंपनियों के ब्लैक वाटर में खनिज व पोषक तत्वों की मात्रा अलग-अलग होती है. इसी के अनुसार वे अपने उत्पाद का कीमत तय करते है. इसलिए कीमतों में असमानता है.

इसका सबसे फेमस ब्रांड इवोकस है. यह आधे लीटर के बोतल का कीमत 100 रूपये वसूलता है. इस तरह इसका कीमत 200 रूपये प्रति लीटर है. यह कीमत सामान्य बोतलबंद पानी से 10 गुना है.

कम्पनी के अनुसार, इसके एक बोतल में 32 मिलिग्राम कैल्सियम, 21 मिलिग्राम मैग्नीशियम और 8 मिलिग्राम सोडियम होता है.

‘वैद्य ऋषि’ ब्रांड से भी बाजार में ब्लैक वाटर उपलब्ध है. इसके आधे लीटर का 6 बोतल का कीमत 594 रूपये है. इस तरह इसका कीमत 198 रूपये प्रति लीटर है.

ब्लैक वाटर का विकल्प (Alternative to Black Water in Hindi)

यदि आपको ब्लैक वाटर महंगा लग रहा है, तो आप उसके जगह दूसरे खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल कर भी भरपाई कर सकते है.

जूस, अंकुरित खाद्य पदार्थ, प्राकृतक राईस ब्रान खाद्य तेल, इसके जगह इस्तेमाल किया जा सकता है. ताज़े फल और सब्ज़ियां भी काफी पौष्टिक होते है.

नींबू का पानी, ग्रीन टी, बासिल सीड वाटर, नारियल का पानी इत्यादि ब्लैक वाटर का प्राकृतिक विकल्प है. रातभर पानी में डूबकर खीरा या अन्य फलों को रखे, फिर पानी समेत इसे खा ले, यह भी एक विकल्प है.

ब्लैक वाटर बाजार में लांच हुआ नया उत्पाद है. इसलिए भी इसके लाभ व नुकसान से जुड़े जानकारियों का अभाव है. ऐसे में विशेषज्ञ बाजार में मौजूद अन्य प्राकृतिक व पौष्टिक खाद्य प्रदार्थ के सेवन का सलाह दे रहे है.

प्राकृतिक स्त्रोत (Natural Resources of Black Water in Hindi)

हमारे धरती पर कई जगह ब्लैक वाटर प्राकृतिक तौर पर मिलते है. लेकिन, कई बार इनमें मिली अशुद्धि इन्हें अस्वास्थ्यकर बना देती है.

ब्राजील के अनाविल्हानस द्वीपसमूह में स्थित मध्य अमेज़ोनिया में काले पानी की झीलें पाई जाती है. हिमालय के कई इलाकों में भी इसका प्राकृतिक स्त्रोत होने का अनुमान है. ऐसा, उन स्थानों पर अधिक सम्भव है, जहाँ से आयुर्वेद के लिए फुलविक एसिड प्राप्त किया जाता है.

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