महत्वपूर्ण आर्थिक शब्दावली और परिभाषाओं पर प्रश्नोत्तरी
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मानव विकास सूचकांक (HDI) एक संयुक्त सूचकांक है, जो किसी देश के मानव विकास की औसत उपलब्धियों को तीन आधारभूत आयामों के आधार पर मापता है. ये आयाम हैं: (i) दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन, (ii) ज्ञान प्राप्त करना, और (iii) शिष्ट व शालीन जीवन जीना. इनका मापन निम्नलिखित तरीकों से होता है: मानव विकास सूचकांक:
मानव विकास सूचकांक (HDI) की अवधारणा, इतिहास और भारत Read Post »
पूर्ति या आपूर्ति (Supply) से तात्पर्य उस वस्तु की मात्रा से है, जिसे विक्रेता एक निश्चित समय और निश्चित कीमत पर बाजार में बेचने को तैयार हो. उदाहरण: “बाजार में 1,000 क्विंटल गेहूँ की पूर्ति” कहना अपूर्ण है, क्योंकि इसमें समय और कीमत का उल्लेख नहीं है. लेकिन “आज 250 रु./क्विंटल पर 1,000 क्विंटल गेहूँ
आपूर्ति का अवधारणा, प्रभावित करने वाले कारक और अपवाद Read Post »
भारतीय संविधान निर्माताओं ने ऐतिहासिक अनुभवों और वैश्विक घटनाओं से सीख ली. इसलिए, उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता को ध्यान में रखते हुए आपातकालीन प्रावधान जोड़े. इसके कारण प्रशासनिक तंत्र के विफल होने पर, भारतीय संघीय ढाँचे का एकात्मक प्रणाली में परिवर्तित होने की क्षमता है. डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने इसे अद्वितीय बताया है.
भारत के राजव्यवस्था में उपराष्ट्रपति एक संवैधानिक पद हैं, जो अमेरिका के संविधान से प्रेरित हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 में उपराष्ट्रपति का प्रावधान हैं. अनुच्छेद 63 से 73 तक उपराष्ट्रपति के प्रावधान, अर्हताएं, निर्वाचन, कार्य, दायित्व, पदावधि और पदच्युति का उल्लेख हैं. वरीयता में उपराष्ट्रपति का पद राष्ट्रपति के बाद दूसरा सर्वोच्च पद
भारत के उपराष्ट्रपति, शक्तियां, अनुच्छेद, चुनाव, जिम्मेदारियाँ Read Post »
नमस्कार दोस्तों! इस लेख के माध्यम से हम संक्षिप्त में केंद्र-राज्य संबंधों की प्रकृति और विस्तार से केंद्र-राज्य संबंधों के लिए स्थापित विभिन्न आयोगों या समितियों के संस्तुतियों को जानेंगे. केंद्र-राज्य सम्बन्ध की प्रकृति केंद्र-राज्य संबंध भारतीय संघवाद की बुनियाद हैं और राष्ट्रीय एकता तथा विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. भारतीय
केंद्र-राज्य सम्बन्ध पर विभिन्न आयोग और समितियों की सिफारिशें Read Post »
नमस्कार दोस्तों! हमारा आज का विषय है “भारत में सहकारी संघवाद”. दोस्तों, इस लेख में माध्यम से हम केंद्र और राज्यों के बीच आपसी सहयोग से पनपे संघवाद के सहकारी स्वरुप की चर्चा करेंगे. इससे पहले हम भारत में संघवाद और इसके स्वरुप की चर्चा कर चुके है. लेकिन आज हमारा पूरा फोकस “सहकारी संघवाद”
भारत में ‘सहकारी संघवाद’, स्वरुप और संबंधित निकाय Read Post »