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स्टीफन हॉकिंग: इंसानियत पर फ़िदा एक महामानव

    स्टीफन हॉकिंग की बात करें तो वह विज्ञान की चाशनी से सराबोर वास्तविक वैज्ञानिक थे, जिन्होंने विज्ञान को सच्चे दिल से अपनाया. स्टीफन हॉकिंग एक सच्चे वैज्ञानिक थे. ऐसा इसलिए कि उनहोंने अंधविश्वास, कूपमंडूकता, धार्मिक कट्टरता, रूढ़िवाद, अतार्किक परम्पराओं का तहे दिल से त्याग किया था. 

    दुनिया को अपने वैज्ञानिक खोज व विचारों से प्रभावित करने वाले महामानव स्टीफन हॉकिंग, भारतीय वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के भाँती, कई विषयों पर पर अपने विचार रखने के लिए जाने जाते है. हालाँकि, कलाम का विचार जहाँ भारत व मानव विकास पर केंद्रित है, वहीं स्टीफन हाकिंग ने मानवता को झकझोरने वाले ब्यान देकर पुरे दुनिया को प्रभावित किया.

    हम स्टीफन हॉकिंग के कार्यों को अलबर्ट आइंस्टीन के अधिक करीब पाते है. दोनों ने विज्ञान के साथ-साथ कई सामाजिक व राजनैतिक पहलुओं पर भी गहरी छाप छोड़ी थी. 

    स्टीफन हॉकिंग का आरंभिक जीवन (Initial Life of Stephen Hawking in Hindi)

    महान खगोल वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग का जन्म  ऑक्सफ़ोर्ड, ग्लासगो, स्कॉटलैंड (यूके) में 8 जनवरी 1942 को हुआ था.  उनके पिता, फ्रैंक एक चिकित्सा विज्ञानी थे;,जबकि मां इसाबेल एलेन हॉकिंग, दर्शनशास्त्र में स्नातक थी.

    शुरुआत में स्टीफन हॉकिंग मंदबुद्धि समझे जाते रहे. लेकिन हकीकत में ये सही नहीं था. पढ़ाई की जगह हॉकिंग्स अपना समय आसपास के चीजों को समझने में लगा देते थे. जैसे, वे घर के सामन, घडी, रेडियो व अन्य छोटी मशीन को खोलकर देखते थे. लेकिन, वे इन्हें वापस जोड़ नहीं पाते थे. ये उनके जिज्ञासु प्रवृति का पहचान था, जो आगे चलकर साबित भी हो गया. 

    स्टीफन हॉकिंग का उच्च शिक्षा (Higher Education of Stephen Hawking in Hindi)

    प्रारंभिक शिक्षा लंदन के पास स्थित संत अलबांस स्कूल से पूरा करने के बाद, स्टीफन हॉकिंग के पिता उन्हें चिकित्सा विज्ञानं की शिक्षा दिलवाना चाहते थे. पिता चाहते थे कि वे ऑक्सफ़ोर्ड में पढ़े. लेकिन, उनके खराब अंकों ने पिता को चिंतित कर दिया. 

    परिवार के आर्थिक तंगी के कारण पिता ने उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का छात्रवृति पास करने को कहा. इसमें, वे सफल रहे. स्टीफन गणित में रूचि रखते थे. लेकिन, यहाँ गणित का पाठ्यक्रम उपलब्ध न था, लिहाजा उनहोंने भौतिकी को चुना. 

    इस तरह, 17 साल के उम्र में 1959 को स्टीफन हॉकिंग ने यूनिवर्सिटी शिक्षा में कदम रखा. उन्होंने ऑक्सफोर्ड से  भौतिकी में प्रथम श्रेणी में बीए की डिग्री प्राप्त की. अक्टूबर 1962 में, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपना स्नातक शुरू किया. कैंब्रिज से  मार्च 1966 में, उन्होंने सामान्य सापेक्षता और ब्रह्मांड विज्ञान में विशेषज्ञता वाला अनुप्रयुक्त गणित और सैद्धांतिक भौतिकी में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की.

    कैंब्रिज में उनका मुलाकात आधुनिक ब्रह्मांडशास्त्र (कॉस्मोलॉजी) के जनक डेनिस स्किआमा से हुआ. यहीं से स्टीफन हॉकिंग का रुझान ब्रह्माण्ड की गुत्थियां सुलझाने में हुआ. साल 1962 में उन्होंने अपना शोध-कार्य आरम्भ कर दिया था. 

    एम्योट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (Amyotrophic Lateral Sclerosis)

    1963 में 21 साल के उम्र में स्टीफन हॉकिंग को पता चला कि वे एम्योट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) बिमारी से ग्रस्त हैं. इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति का मौत दो से तीन साल में हो जाता है. लेकिन हैरत की बात ये है कि स्टीफन 55 साल तक इस बीमारी के साथ जीते रहे.

    यह बीमारी दिमाग और स्पाइन कॉर्ड (मेरूरज्जू) के मोटर नर्व सेल्स पर हमला करती है. इससे मांशपेशियों व दिमाग का सम्पर्क टूट जाता है; जो लकवा का कारण बनता है. 

    इस बीमारी में पहले मांसपेशी अकड़कर कमजोर पड़ने लगती है. फिर, शरीर का कई हिस्सा काम करना बंद कर देता है. यहाँ तक की सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. चलना-फिरना व बोलना बंद होना इसका सामान्य सा लक्षण है. इस बीमारी को मोटर न्यूरॉन भी कहा जाता है. 

    स्टीफन हॉकिंग इसी बिमारी के कारण विशेष रूप से बनाए गए व्हील चेयर पर बैठे रहते थे. इसमें एक ख़ास यंत्र उनके तंत्रिका तंत्र से जुड़ा था, जो उन्हें मशीन की सहायता से बोलने में मदद करता था. 

    ब्रह्माण्ड और स्टीफन हॉकिंग (Universe and Stephen Hawking in Hindi)

    स्टीफन हॉकिंग ने भौतिकी के सामान्य नियमों पर आधारित ब्रह्माण्ड का कई जानकारी दुनिया को दिया. 1988 में प्रकाशित, ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम’, पुस्तक के माध्यम से उन्होंने ब्रह्माण्ड का रहस्य आम लोगों तक पहुंचाया. 

    उन्होंने अपनी खोज के दौरान भौतिकी के गुरुत्वाकर्षण, ब्रह्मांड विज्ञान, क्वांटम थ्योरी, सूचना सिद्धांत और थर्मोडायनमिक्स जैसे सामान्य सिद्धांत को एक साथ ला दिया. हॉकिंग्स ने ब्लैक हॉल, बिग बैंग, क्वांटम थ्योरी, जनरल रिलेटीविटी, थियोरी ऑफ़ एवरीथिंग जैसे विषयों पर काम किया था.

    डॉ. स्टीफन हॉकिंग के कुछ मुख्य सिद्धांत है-

    ब्लैक हॉल का सिंगुलरिटी सिद्धांत (Singularity Theory of Black Hole in Hindi)

    स्टीफन हॉकिंस के अनुसार, ब्लैक हॉल सभी वस्तुओं को खुद में समाहित करता है. इस तरह इसका द्रव्यमान और आकार घटता नहीं है, बल्कि गुब्बारे की तरह बढ़ता ही जाता है.

    उन्होंने ये भी कहा कि ब्रह्माण्ड एक बिंदु के ब्लैक होल के रूप में मौजूद था. इसी से ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ. इसी सिद्धांत को सिंगुलरिटी का सिद्धांत भी कहा जाता है.

    क्वांटम और सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत  (Quantum and General Theory of Relativity in Hindi)

    स्टीफन हॉकिंग को क्वांटम व जनरल रिलेटिविटी सिद्धांत को एक साथ लाने के लिए जाना जाता है. ऐसा खोज उनके बाद अभी तक कोई करने में सम्भव नहीं हो पाया है. 

    क्वांटम सिद्धांत जहाँ परमाणु जैसे मौलिक कणों से जुड़ा है; वहीं सापेक्षता का सिद्धांत, ब्रह्माण्ड से जुड़ा है. बिग बैंग सिद्धांत को समझने में यह जुड़ाव काफी काम आया.

    थ्योरी ऑफ़ एवरीथिंग (Theory of Everything in Hindi)

    स्टीफन हॉकिंग का यह सिद्धांत ब्रह्माण्ड को क्वांटम सिद्धांत से जोड़ता है. इसके अनुसार, ब्रह्माण्ड का कोई भी स्थान शून्य या निर्वात नहीं है. सभी जगह कण पैदा होते है और मिट जाते है. 

    इसके अनुसार, ब्रह्माण्ड में पदार्थ का एक कण और प्रतिपदार्थ का एक कण एक साथ पैदा हो जाता है. ये दोनों पुनः एक साथ मिलकर एक दूसरे को नष्ट कर देते है. 

    यदि ब्लैक होल के पास ऐसे कण पैदा हो और एक कण ब्लैक हॉल में समा जाए तो दूसरा कण मुक्त रह जाएगा. साथ ही, ब्लैक होल में खिंचा गया कण विकिरण के रूप में बाहर आ जाएगा, चूँकि उसे संतुलित करने के लिए उसका दूसरा हिस्सा मौजूद नहीं होगा.

    इस तरह ब्लैक हॉल का वजन कम होता जाएगा. इस सिद्धांत में, स्टीफन हॉकिंग ने अपने पुराने, सिंगुलरिटी के सिद्धांत में संसोधन कर दूसरा नियम जोड़ दिया. यह यूँ कहे की पुराने सिद्धांत के जगह नया सिद्धांत अपना लिया. 

    उन्होंने अपने पुराने सिद्धांत में कहा था कि ब्लैक होल खुद में सभी वस्तुओं को सिर्फ समाहित करता है, बाहर नहीं आने देता. लेकिन, नवीन सिद्धांत में विकिरण बाहर आ रहा था. इस विकिरण को हॉकिंग्स विकिरण का नाम भी दिया गया है.

    अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने ये भी कहा था कि उन्होंने 1976 में बताया कि इवेंट होराइजन के किनारे एक गर्म विकिरण भी मौजूद है। इनके किनारों से काफी गर्म कण टूट-टूट कर ब्रह्मांड में बिखरते रहते हैं। काफी समय अंतराल के बाद ब्लैक होल भी अपना पूरा द्रव्यमान हल्का कर देगा और खत्म हो जाएगा। 

    ईश्वर का अस्तित्व नहीं होता है- स्टीफन हॉकिंग (God does not exist in Hindi)

    स्टीफन हॉकिंगदुनिया के उन गिने-चुने महान शख्सियत में शामिल है जो वास्तविकता पर भरोसा करते थे.  स्टीफन हॉकिंग ने अपनी पुस्तक ‘ब्रीफ आंसर टू द बिग क्विश्चन ‘में कई सवालों के जवाब दिए. 

    उनके अनुसार ब्रह्मांड स्वत: स्फूर्त है. इसका कोई निर्माणकर्ता यानी ईश्वर नहीं है. उनके अनुसार, ब्रह्माण्ड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है, जो ब्रह्माण्ड को जन्म दे सकता है. उन्होंने एक ब्लैक होल्स को नए ब्रह्मांड का रास्ता होना भी स्वीकार किया है. अंततः सितम्बर 2014 में उन्होंने खुद को ‘नास्तिक’ घोषित कर दिया.

    एक लेख में उन्होंने स्पष्ट कहा था कि स्वर्ग-नर्क की बातें सिर्फ मिथक और परिकथा हैं.

    स्टीफन हॉकिंग्स: विचारों को न दबाने वाला आदमी (Stephen Hawking: a vocal personality in Hindi)

    सामान्यतः कोई भी सिलिब्रिटी अपने क्षेत्र से इतर, अपना राय जाहिर करने से बचते है. लेकिन, स्टीफन हॉकिंग इसके अपवाद थे. वे जहाँ आंदोलन में शरीक हुए, वहीं दुनिया के समकालीन मुद्दों पर भी अपनी राय रखी. धर्म और पर्यावरण पर बेबाक राय के लिए भी जाने जाते है. आइए उनके कुछ ख़ास मुद्दों पर राय से उनके व्यक्तित्व को समझने की कोशिश करते है. 

    वियतनाम युद्ध (Vietnam War)

    1968 का दौर दुनिया में उथल-पुथल का दौर था. इस वक्त साम्यवाद और पूंजीवाद में जोरदार टकराहट चल रही थी. वियतनाम के खिलाफ अमेरिका ने हमला किया हुआ था. धन और मानव संसाधन के इस बर्बादी पर युवा और छात्र जगह-जगह आंदोलन कर रहे थे. तारिख अली इनमें मुख्य थे. स्टीफन हॉकिंग ने भी तारीख के साथ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. 

    सीरिया युद्ध (Stephen Hawking on Syria War)

    स्टीफन हॉकिंग ने सीरिया में छिड़े जंग पर कहा था कि जब आधुनिक तकनीक प्राचीन आक्रमण से मिलती है, तो पूरी मानव जाति और पृथ्वी पर शेष जीवन खतरे में आ जाता है. आज सीरिया में आधुनिक तकनीक के बम, रसायन और अन्य हथियारों का इस्तेमाल तथाकथित बुद्धिमान राजनीतिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है.

    लेकिन यह बुद्धिमानी नहीं लगती, क्योंकि 100,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है. मानवीय आपूर्ति को क्लीनिकों तक पहुंचने से रोकना सर्वथा मूर्खतापूर्ण और बदतर है. बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों के अंग काटे गए और नवजात शिशु बिजली की कमी के लिए इनक्यूबेटर में मर रहे हैं.

    सीरिया में जो हो रहा है वह घृणित है, जिसे दुनिया दूर से ही ठिठुरन से देख रही है. हमारी भावनात्मक बुद्धि, सामूहिक न्याय की हमारी भावना कहाँ है? 

    वस्तुतः, वाशिंगटन पोस्ट में छपे इस लेख में उन्होंने सीरिया नरसंहार को युद्ध-अपराध घोषित किया था. उन्होंने सीरिया में बच्चों का नरसंसार रोकने के लिए, दुनिया को एकजुट होने को भी कहा था. 

    अंत में जोर देते हुए उन्होंने कहा, सीरिया में युद्ध मानवता के अंत का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है. लेकिन हर अन्याय उस चीज के खिलाफ है, जो हमें एक साथ रखता है. न्याय का सार्वभौमिक सिद्धांत भले ही भौतिकी में निहित न हो, लेकिन यह हमारे अस्तित्व के लिए कम मौलिक नहीं है. क्योंकि इसके बिना, बहुत पहले ही, मनुष्यों का अस्तित्व निश्चित रूप से समाप्त हो जाएगा.

    ईरान हमले पर (Stephen Hawking of Iran Attack)

    साल 2004 में लन्दन में ईराक युद्ध के विरोध में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने हिस्सा लिया था. उन्होंने, इसके युद्ध अपराधों का जिक्र करते हुए कहा था कि यह दो बुनियादी झूठ पर आधारित है. पहला, ईराक में मानवता के सामूहिक विनाश के हथियार बनाए जा रहे है. दूसरा, ईराक का 11 सितम्बर के हमले में शामिल होना. 

    उन्होंने कहा था कि इस युद्ध का इन दोनों से संबंध आज गलत साबित हो चुके हैं. यह युद्ध के मृतकों के लिये किसी त्रासदी की तरह रहा है. यदि यह युद्ध अपराध नहीं है तो और क्या है?

    पर्यावरण पर स्टीफन हॉकिंग के विचार (Stephen Hawking’s Thought on Environment in Hindi)

    नासा के अनुसार, आज से चार अरब साल पहले, शुक्र ग्रह भी पृथ्वी के भाँती वासयोग्य था. लेकिन, आज शुक्र का तापमान काफी बढ़ गया है. यह आज आग का गोले के समान तपता है. ऐसा, ग्रीन हाउस गैसों के कारण हुआ. इसलिए, स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को पर्यावरण के प्रति चेताया है. उन्होंने कहा था कि प्रदुषण पर नियंत्रण नहीं किया गया तो, शुक्र की तरह पृथ्वी को भी ग्रीन हॉउस गैस जलाकर राख कर देगी.

    एलियन पर (Stephen Hawking on Alien)

    स्टीफन हॉकिंग एलियन के अस्तित्व को स्वीकार करते थे. उन्होंने ब्रह्माण्ड का रेडियो तरंगों को पढ़ने वाले प्रोजेक्ट के बंद किए जाने पर खेद जताया था. उनके अनुसार, जल्द ही एलियन और हमारा संपर्क होगा. लेकिन, यह मिलान मानवता के लिए दुःखदायी होगा. ठीक उसी प्रकार, जैसा कोलम्बस का अमेरिका में आगमन यहाँ के मूलनिवासियों के लिए था. 

    उनके अनुसार, बाहरी लोगों ने अमेरिका में आकर मूलनिवासियों का संसाधन, समृद्धि, शांति और सुख-चैन छीन लिया. एलियन भी धरती पर आकर हमारे साथ ऐसा ही करेंगे. इसलिए, अगले 100 साल से पहले, हमे धरती छोड़कर किसी अन्य ग्रह पर बसने की तैयारी कर लेना चाहिए. 

    स्टीफन हॉकिंग का दर्शन (Philosophy of Stephen Hawking in Hindi)

    सही अर्थों में, स्टीफन हॉकिंग ने विज्ञान का उपयोग कर हौसले के उड़ान को सही साबित कर दिया था. उनके ही प्रयास से विकलांगों के प्रति लोगों की सोच में बदलाव आई. उन्होंने विकलांगों के लिए वैश्विक चार्टर बनाने समेत कई अन्य काम किए.

    2014 में उन्होंने अचानक घोषणा कर दिया था कि दुनिया में दर्शन विशेषज्ञ समाप्त हो गए है. अब विज्ञान सबसे नया दर्शन उपलब्ध करवा रहा है और वैज्ञानिक इसके नए विशेषज्ञ है.

    विनाशक हथियारों को वे मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते थे; ठीक वैसे ही जैसे प्रदुषण को. उन्होंने चेताया था कि दुनिया में कभी भी परमाणु युद्ध छिड़ सकता है. इस स्तिथि से मानव सभ्यता को बचाने के लिए एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर सुरक्षित यात्रा का साधन उपलब्ध होना चाहिए. 

    वे दुनिया से अज्ञानता मिटाने के लिए हमेशा तत्पर रहे. उन्होंने कट्टरता, अंधविश्वास व युद्धोन्माद का हमेशा विरोध किया. दुनिया में अज्ञानता का काला परत हटाने में, स्टोफन हॉकिंग्स का विचार काफी सहायक है.

    स्टीफन हॉकिंग फ़िल्मी दुनिया में (Fimls & Movies on Stephen Hawking)

    दुनिया के कई निर्देशकों ने स्टीफन हॉकिंग पर फिल्म या डॉक्यूमेंट्री का निर्माण किया है. साल 2013 के ऐसे ही एक डाक्यूमेंट्री में खुद स्टीफन हॉकिंग ने अभिनय किया था. 

    इनपर बनी बायोपिक है ‘ए थियरी ऑफ एव्रीथिंग’ काफी फेमस है. इसे जेम्स मार्श ने निर्देशित किया है. एडी रेडमैन के अभिनय ने स्टीफन हॉकिंग के कठिन परिस्तिथियों से लड़ते हुए सफलता का, मर्मस्पर्शी ढंग से परदे पर उतारा है. 

    स्टीफन हॉकिंग लगभग पूरी तरह विकलांग थे. फिर भी एक के बाद एक विचार और नए जानकारी दुनिया को देते रहे. 

    फिल्म में उनके इस जिजीविषा और जटिलता को पूरी जीवंतता के साथ प्रस्तुत किया गया है. उनके लिखित पुस्तकों, लेखों के साथ यह फिल्म भी उन्हें समझने में मददगार है.

    स्टीफन हॉकिंग से जुड़े कुछ रोचक जानकारी (Important Facts about Stephen Hawking in Hindi)

    • बचपन में स्टीफन हॉकिंग एक औसत छात्र थे. शोध के दौरान उनके कौशल का पता उनके परिचितों को चला. 
    • उन्होंने बचपन में घर के कई सामान खोलकर ख़राब कर दिए थे. वजह था वे पुर्जों को दोबारा जोड़ नहीं पाते थे. इसलिए उन्हें मेकेनिक के पास लेजाकर ठीक करवाना पड़ता था.
    • कैंब्रिज में उन्हें परमाणु पार्टिकल्स या कॉस्मोलॉजी में से एक विषय को चुनना था. उन्होंने कॉस्मोलॉजी को चुना. फिर उसके बाद जो हुआ, उससे आप वाकिफ है.
    • ऑक्सफ़ोर्ड में उन्होंने पहला साल अकेले व एकांत में बिताया. दूसरे साल कॉलेज के नौकायन टीम का हिस्सा बनने पर, उनकी दोस्ती अन्य सहपाठियों से हुई.

    स्टीफन हॉकिंग के कुछ उल्लेखनीय विचार (Ideas of Stephen Hawking in Hindi)

    • जो लोग कहते है कि सबकुछ पहले से ही तय होता है. इसे बदला नहीं जा सकता. वे भी सड़क पार करते वक्त नियत पर नहीं, वास्तविकता पर भरोसा करते है. दोनों तरफ वाहन का काफिला देखने के बाद ही वे सड़क पार करते है. 
    • उनका मानना था कि अधिक जरुरी काम पहले व कम जरूरी काम बाद में करना चाहिए. 
    • आक्रमकता इंसानो की सबसे बुरी आदत है जो उनकी सभ्यता का विनाश करती है. हम अपनी मूर्खता और लालच से खुद का ही विनाश करने में लगे हुए है.
    • मेरे पास करने के लिए बहोत कुछ है, व्यर्थ समय गवाने से मुझे नफरत है.
    • बुद्धिमत्ता अपनाने की काबिलियत है. 
    • ऊपर सितारों की तरफ देखो, अपने पैरों के नीचे नहीं. जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो. आश्चर्य करो की वह क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाये हुए है. उत्सुक रहो.
    • मेरे सेलिब्रिटी होने का सबसे बड़ा नुकसान यह है की मैं किसी को बताये बिना दुनिया में कही भी नही जा सकता. 
    • चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं.
    • मैं सिर्फ एक बच्चा हूँ, जो कभी बड़ा नही हुआ. मैं आज भी ‘क्यों’ और ‘कैसे’ जैस प्रश्न पूछता हूँ. और परिणामतः मुझे इसके जवाब भी मिलते है.
    • जिन लोगों से आप प्यार करते हैं, अगर वो नहीं हैं तो ये दुनिया फिर किस काम की है. हम उन्हें हमेशा ताउम्र मिस करेंगे.

    फेसबुक पर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking on Facebook)

    साल 2014 में वे पहली बार फेसबुक के माध्यम से लोगों से जुड़े. उन्होंने लिखा, “मैं हमेशा से ही सृष्टि की रचना पर हैरान रहा हूँ. समय और अंतरिक्ष हमेशा के लिए रहस्य बने रह सकते हैं. लेकिन इससे मेरी कोशिशें नहीं रुकी हैं.

    उन्होंने आगे कहा, “एक-दूसरे से हमारे संबंध अनंत रूप से बढ़े हैं. अब मेरे पास मौका है और मैं इस यात्रा को आपके साथ बांटने के लिए उत्सुक हूं. जिज्ञासु बनें. मैं जानता हूँ कि मैं हमेशा जिज्ञासु बना रहूंगा.”

    दरअसल, उन्होंने लोगों से जिज्ञासु बनने का अपील किया था. 

    निधन (Death of Stephen Hawking in Hindi)

    14 मार्च, 2018 को स्टीफन हौकिंग्स ने जीवन का त्याग कर दिया. उनके बच्चों, लुसी, रॉबर्ट और टिम ने सम्मिलित रूप से इसकी घोषणा की. बच्चों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, उनके ‘प्रतिभा और मज़ाकिया अंदाज़’ ने पुरे दुनिया को प्रेरित किया. 

    स्टीफन हॉकिंग के सिद्धांत कई बार आम लोगों को आसानी से समझ नहीं आते थे. लेकिन, विज्ञान जगत में इसकी खूब तारीफ़ होती थी. ऐसी विकटता में अपना लोहा मनवाने वाला व्यक्ति, भला कैसे विकलांग हो सकता है?

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