दक्षिण भारत के इतिहास पर 50 वैकल्पिक प्रश्न [MCQs Hindi]
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Ancient India – History of Ancient India in Hindi, Old Map, Prachin Bharat ka Itihas in Hindi, classical India, ancient university in India.
भारत के इतिहास में गुप्त साम्राज्य अपनी सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और राजनीतिक उपलब्धियों के लिए विख्यात है. चौथी शताब्दी की शुरुआत में उत्तरी भारत में व्याप्त राजनीतिक विखंडन के दौर में था. कुषाण साम्राज्य के विघटन के उपरांत छोटे राज्य और स्वायत्त इकाइयाँ अस्तित्व में थीं. इस कमजोरी का फायदा गुप्तों ने उठाया और एक समृद्ध
गुप्त साम्राज्य: उद्भव, राजनीतिक विकास, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और प्रशासन Read Post »
चेर वंश (Chera Dynasty) दक्षिण भारत का एक प्रमुख प्राचीन राजवंश था, जो तमिलकम के तीन प्रमुख राजवंशों (चेर, चोल, और पांड्य) में से एक था. इन्होंने वर्तमान केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों पर शासन किया. चेर वंश का इतिहास संगम साहित्य, शिलालेखों, और विदेशी स्रोतों से प्राप्त होता है. इनके शासन को दो
चेर वंश का इतिहास, शासक, प्रशासन, आर्थिक स्थिति और अन्य तथ्य Read Post »
प्राचीन भारत को जानने के लिए आधुनिक शैली के ऐतिहासिक लेखन का अभाव है. इस काल के ऐसे ग्रंथों का अभाव मिलता हैं, जिन्हें आधुनिक परिभाषा के अनुसार ‘इतिहास’ कहा जाता है. इसलिए प्राचीन भारत के इतिहास को जानने के लिए साहित्यिक स्रोतों, पुरातात्त्विक साक्ष्यों तथा विदेशी यात्रियों के वर्णनों का मदद लिया जाता है.
प्राचीन भारत का ऐतिहासिक स्त्रोत, साक्ष्य और लेखन की तकनीक Read Post »
684 ईसा पूर्व से 320 ईसा पूर्व तक भारत में मगध साम्राज्य का शासन था. मगध साम्राज्य का उदय राजा बिम्बसार (544-492 ई.पू.) के शासन काल में हुआ, जिन्होंने अपनी नीति और सैन्य ताकत से राज्य को शक्तिशाली बनाया. उनकी राजधानी राजगीर थी, जो नदियों और पहाड़ों से सुरक्षित थी, और उनके शासनकाल में कृषि
मगध साम्राज्य के 3 प्रमुख राजवंश, उदय और विस्तार का कारण Read Post »
बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय में प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों (या महान साम्राज्यों) का उल्लेख है. ये छठी शताब्दी ईसा पूर्व की शुरुआत में उभरे थे. ये महाजनपद छठी और चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में उल्लेखनीय रूप से विकसित हुए. नदी के जलोढ़ भूमि के कारण यहां
16 महाजनपद, उनकी राजधानी, शासन-प्रणाली और क्षेत्र Read Post »
पाल वंश की स्थापना शशांक की मृत्यु के बाद गोपाल की, जिसके इतिहास की जानकारी के लिए हमे प्रचुर अभिलेखीय और साहित्य प्रमाण प्राप्त हैं. धर्मपाल के खलिमपुर अभिलेख से ज्ञात होता है कि तत्कालीन राजनीतिक अव्यवस्था (मत्स्यन्याय) से मुक्ति पाने के लिए प्रकृतियों ने गोपाल को लक्ष्मी ( राज्यलक्ष्मी) की बाँह पकड़ायी अर्थात् उसे
मोहनजोदड़ो दक्षिण एशिया के प्राचीन सभ्यता का एक महत्वपूर्ण शहर है. दक्षिण एशिया प्राचीन काल से ही अपने समृद्धि के लिए प्रसिद्ध रही है. इस वजह से इस इलाके में पश्चिम से कई आक्रमणकारी, व्यापारी, पर्यटक और विद्वान् अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए प्राचीन से लेकर मध्यकाल तक आते रहे है. प्राचीन इतिहास में इनमें
भारत में सबसे विशाल साम्राज्य के संस्थापक चक्रवर्ती सम्राट अशोक मौर्य राजवंश के सबसे शक्तिशाली व विश्वप्रसिद्ध महान भारतीय सम्राट थे. आर्दश, धर्म, लोकहित, लोकसेवा तथा धम्म की सम्पूर्ण विशेषताओं के के कारण उन्हें दुनिया के महान शासकों में श्रेष्ठ व भारत का का सबसे महान शासक मना जाता हैं. उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे
बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परम्परा की ज्ञान से निकला धर्म और दर्शन है. इसके प्रवर्तक शाक्यमुनि महात्मा बुद्ध (गौतम बुद्ध) है. उनका जीवन काल 563 ईसा पूर्व से 483 ईसा पूर्व माना जाता हैं. समकालीन स्रोतों से ज्ञात होता है कि जब महामाया गर्भावस्था में अपने पिता के घर जा रही थीं. लुम्बिनी नामक