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कुतुबुद्दीन ऐबक का शासन और गुलाम वंश का स्थापना | Qutubuddin Aibak the Founder of Ghulam or Slave Dynasty under Delhi Sultanate
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कुतुबुद्दीन ऐबक का शासन और गुलाम वंश का स्थापना

कुतुबुद्दीन ऐबक का जन्म तुर्किस्तान में एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था. बचपन में ही उसे गुलाम बनाकर निशापुर के काजी फखरूद्दीन को बेच दिया गया. काजी ने उसकी अच्छी देखभाल की और उसे धनुर्विद्या तथा घुड़सवारी सिखाई. ऐबक ने कुरान पढ़ना भी सीखा, जिसके कारण उसे ‘कुरानख्वां’ (कुरान पाठक) के नाम से भी जाना […]

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दिल्ली सल्तनत का प्रशासनिक, सैन्य व कर प्रणाली
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दिल्ली सल्तनत का प्रशासनिक, सैन्य व कर व्यवस्था

दिल्ली सल्तनत का प्रशासन अरबी-फारसी पद्धति पर आधारित थी. इस प्रशासन का केन्द्र बिन्दु राजा या सुल्तान था. यह सुल्तान खुदा के नाम पर शासन करता था. जबकि वास्तविक सत्ता सुन्नी भातृत्व भासना अथवा मिल्लत में निहित थी. चूँकि मुस्लिम शासन पद्धति धार्मिक पुस्तक कुरान पर आधारित थी और मुस्लिम जगत में पैगम्रुबर के बाद

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सिख साम्राज्य का इतिहास: उदय, विस्तार और क्षेत्र
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सिख साम्राज्य का इतिहास: उदय, विस्तार और क्षेत्र

जब मुग़ल कमजोर हुए तो देश के कई हिस्सों में स्थानीय शासकों का सत्ता स्थापित होने लगा. सिख साम्राज्य एक ऐसा ही राज्य था. इसके स्थापना का श्रेय बन्दा बहादुर को दिया जाता है. लेकिन इसके औपचारिक गठन का श्रेय महाराजा रंजीत सिंह को दिया जाता है. बंदा बहादुर: सिख साम्राज्य का प्रारंभिक नायक बंदा

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दिल्ली सल्तनत और इसके 5 वंशों के महत्वपूर्ण शासक | Delhi Sultanate Dynasties Rulers Period and Downfall
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दिल्ली सल्तनत और इसके 5 वंशों के महत्वपूर्ण शासक

दिल्ली सल्तनत का उदय 1175 और 1206 के बीच अफ़गानिस्तान के मुहम्मद गौरी द्वारा उत्तरी भारत पर आक्रमण के बाद हुआ. उनके एक सैन्य गुलाम, कुतुब अल-दीन ऐबक को दिल्ली का प्राथमिक सुल्तान बनाया गया. इस तरह कुतुबुद्दीन मामलुक परंपरा का संस्थापक बना. इसके बाद अन्य तुर्क वंश आए – खिलजी और अफ़गान लोदी वंश.

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गुप्त साम्राज्य: उद्भव, राजनीतिक विकास, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और प्रशासन
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गुप्त साम्राज्य: उद्भव, राजनीतिक विकास, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और प्रशासन

भारत के इतिहास में गुप्त साम्राज्य अपनी सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और राजनीतिक उपलब्धियों के लिए विख्यात है. चौथी शताब्दी की शुरुआत में उत्तरी भारत में व्याप्त राजनीतिक विखंडन के दौर में था. कुषाण साम्राज्य के विघटन के उपरांत छोटे राज्य और स्वायत्त इकाइयाँ अस्तित्व में थीं. इस कमजोरी का फायदा गुप्तों ने उठाया और एक समृद्ध

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अफगानिस्तान का इतिहास, अमेरिकी हमला, तालिबानी शासन और वर्तमान चुनौतियां
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अफगानिस्तान का इतिहास, अमेरिकी हमला, तालिबानी शासन और वर्तमान चुनौतियां

अफगानिस्तान दक्षिण-केंद्रीय एशिया में स्थित एक लैंडलॉक्ड देश है. यह पाकिस्तान (पूर्व और दक्षिण), ईरान (पश्चिम), तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, और ताजिकिस्तान (उत्तर), और चीन (उत्तर-पूर्व) से घिरा है. इसका क्षेत्रफल लगभग 652,230 वर्ग किमी (251,830 वर्ग मील) है. इसकी कुल सीमा लंबाई 3,436 मील है. इसका पाकिस्तान के साथ सबसे लंबी सीमा (1,510 मील) है. भौगोलिक

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चेर वंश का इतिहास, शासक, भूगोल, सामाजिक और आर्थिक स्थिति
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चेर वंश का इतिहास, शासक, प्रशासन, आर्थिक स्थिति और अन्य तथ्य

चेर वंश (Chera Dynasty) दक्षिण भारत का एक प्रमुख प्राचीन राजवंश था, जो तमिलकम के तीन प्रमुख राजवंशों (चेर, चोल, और पांड्य) में से एक था. इन्होंने वर्तमान केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों पर शासन किया. चेर वंश का इतिहास संगम साहित्य, शिलालेखों, और विदेशी स्रोतों से प्राप्त होता है. इनके शासन को दो

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प्राचीन भारत का ऐतिहासिक स्त्रोत | Historical Sources of Ancient India in Hindi
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प्राचीन भारत का ऐतिहासिक स्त्रोत, साक्ष्य और लेखन की तकनीक

प्राचीन भारत को जानने के लिए आधुनिक शैली के ऐतिहासिक लेखन का अभाव है. इस काल के ऐसे ग्रंथों का अभाव मिलता हैं, जिन्हें आधुनिक परिभाषा के अनुसार ‘इतिहास’ कहा जाता है. इसलिए प्राचीन भारत के इतिहास को जानने के लिए साहित्यिक स्रोतों, पुरातात्त्विक साक्ष्यों तथा विदेशी यात्रियों के वर्णनों का मदद लिया जाता है.

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मगध साम्राज्य के 3 प्रमुख राजवंश, उदय और विस्तार का कारण | 3 Dynasties of Magadh, rise, expansion and fall reasons explained in Hindi for UPSC BPSC UPPSC JPSC MPSC RPSC and Railways Competitive Government Exams in Hindi
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मगध साम्राज्य के 3 प्रमुख राजवंश, उदय और विस्तार का कारण

684 ईसा पूर्व से 320 ईसा पूर्व तक भारत में मगध साम्राज्य का शासन था. मगध साम्राज्य का उदय राजा बिम्बसार (544-492 ई.पू.) के शासन काल में हुआ, जिन्होंने अपनी नीति और सैन्य ताकत से राज्य को शक्तिशाली बनाया. उनकी राजधानी राजगीर थी, जो नदियों और पहाड़ों से सुरक्षित थी, और उनके शासनकाल में कृषि

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16 महाजनपद, उनकी राजधानी, शासन-प्रणाली और विस्तार
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16 महाजनपद, उनकी राजधानी, शासन-प्रणाली और क्षेत्र

बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय में प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों (या महान साम्राज्यों) का उल्लेख है. ये छठी शताब्दी ईसा पूर्व की शुरुआत में उभरे थे. ये महाजनपद छठी और चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में उल्लेखनीय रूप से विकसित हुए. नदी के जलोढ़ भूमि के कारण यहां

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