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जनसंख्या वृद्धि का कारण, प्रभाव और सिद्धांत
Economics

जनसंख्या वृद्धि का कारण, प्रभाव और सिद्धांत

जनसंख्या वृद्धि किसी भी देश या वैश्विक स्तर पर लोगों की संख्या में समय के साथ होने वाली बढ़ोतरी है. यह जन्म दर, मृत्यु दर और प्रवास जैसे कई कारकों से प्रभावित होती है. आज यह एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है. इसके दूरगामी सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिणाम सामने आ रहे हैं. […]

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भारत के संविधान में उच्च न्यायालयों का प्रावधान | Provision of High Courts in the Constitution of India
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भारतीय संविधान में उच्च न्यायालय का प्रावधान और शक्तियां (अनु. 214-232)

भारत के संविधान में उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) का प्रावधान भी किया गया है. भारतीय न्यायिक व्यवस्था में सर्वोच्च अदालत के बाद इन्हीं अदालतों का वरीयता दिया जाता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 214 से 232 तक उच्च न्यायालयों से संबंधित प्रावधान हैं. संक्षेप में, ये अनुच्छेद भारतीय न्यायिक प्रणाली में उच्च न्यायालयों की भूमिका,

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सर्वोच्च न्यायालय का गठन, क्षेत्राधिकार, कॉलेजियम प्रणाली और अन्य तथ्य
Civics

सर्वोच्च न्यायालय का गठन, क्षेत्राधिकार, कॉलेजियम प्रणाली और अन्य तथ्य

आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय का गठन, शक्तियां एवं कार्य, न्यायाधीशों की नियुक्ति, शपथ, योग्यताएं, आयु सीमा, महाभियोग, वेतन व भत्ते एवं अन्य तथ्यों के बारे में जानेंगे. सर्वोच्च न्यायालय के गठन (Formation of Supreme Court) भारतीय संविधान के भाग V के अध्याय 4 के तहत सर्वोच्च न्यायालय स्थापित किया गया

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भारत के राष्ट्रपति: संवैधानिक स्थिति, शक्तियाँ और भूमिका
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भारत के राष्ट्रपति: संवैधानिक स्थिति, शक्तियाँ और भूमिका

भारत के राष्ट्रपति, भारतीय गणराज्य का संवैधानिक (De Jure) प्रमुख होता है. राष्ट्रपति नाममात्र का कार्यकारी प्रमुख होता है, जबकि वास्तविक कार्यकारी शक्तियाँ प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के पास होती हैं. यह लेख भारत के राष्ट्रपति से संबंधित सभी महत्वपूर्ण तथ्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करती है, जिसमें उनकी संवैधानिक स्थिति, चुनाव प्रक्रिया, शक्तियाँ, मंत्रिपरिषद के

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लोकसभा का गठन, सदस्य, कार्य व शक्तियां
Civics

लोकसभा का गठन, सदस्य, कार्य व शक्तियां

भारतीय संसद के तीन अंग राष्ट्रपति, राज्यसभा एवं लोकसभा टॉपिक के अंतर्गत आज हम लोकसभा के कार्य एवं शक्तियां, इसके सदस्य एवं सदस्यों के निर्वाचन, कार्य और शक्तियां जैसे विषयों को जानेंगे. हम लोकसभा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न इत्यादि विषयों पर यह लेख प्रस्तुत कर रहे हैं; जो निम्नलिखित इस प्रकार से

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राज्यसभा का गठन, शक्तियां एवं कार्य
Civics

राज्यसभा का गठन, शक्तियां एवं कार्य

भारत में केंद्रीय व्यवस्थापिका को ‘संसद’ के नाम से जाना जाता है, जिसका गठन राष्ट्रपति, राज्यसभा एवं लोकसभा से मिलकर होता है (अनुच्छेद 79). इन्हीं तीन अंगों में से एक प्रमुख अंग ‘राज्यसभा’ भी है. इसे उच्च सदन भी कहा जाता है. आज हम राज्यसभा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को जानेंगे; जैसे- राज्य सभा के

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भारतीय संसद से संबंधित अनुच्छेदों (77 से 117) का संक्षिप्त विवरण
Civics

भारतीय संसद से संबंधित अनुच्छेदों (77 से 122) का संक्षिप्त विवरण

भारत के संविधान के भाग V में संघ सरकार के कामकाज के लिए प्रावधान हैं. एक तरह से यह भारतीय संसद का महत्वपूर्ण स्तम्भ है. यह भाग संघ स्तर पर सरकार की संसदीय प्रणाली, स्वतंत्र न्यायपालिका और शक्तियों का प्रभावी पृथक्करण स्थापित करता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 77 से 122 तक, केंद्र सरकार के

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प्रधानमंत्री से जुड़े सामान्य ज्ञान, कार्यकाल, शपथ, पदत्याग, भारत का प्रधानमंत्री, नियुक्ति, कार्य और शक्तियाँ
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भारत का प्रधानमंत्री, नियुक्ति, कार्य और शक्तियाँ

भारत का प्रधानमंत्री, भारतीय लोकतंत्र और शासन व्यवस्था का एक केंद्रीय स्तंभ है. भारत के संविधान के तहत, प्रधानमंत्री (PM) कार्यपालिका का प्रमुख होता है. वह सरकार के वास्तविक कार्यकारी नेतृत्व का प्रतीक है. वह राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच समन्वयक की भूमिका निभाता है. PM ही केंद्र सरकार की नीतियों और निर्णयों का नेतृत्व

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जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA), 1951 का महत्व और प्रासंगिकता
Civics

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का महत्व और प्रासंगिकता 

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (RPA, 1951) भारतीय चुनावी लोकतंत्र की आधारशिला है. यह संसद और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के संचालन के लिए एक विस्तृत कानूनी ढाँचा प्रदान करता है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 327 के तहत इसे बनाया गया है.  यह अधिनियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 से 329 के प्रावधानों का पूरक

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भारत में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ: सूची, फायदे और उनका महत्व 
Geography

भारत में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ: सूची, फायदे और उनका महत्व 

भारत में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ये परियोजनाएँ नदियों के जल को नियंत्रित और प्रबंधित करके कई उद्देश्यों को पूरा करती हैं, जिनमें बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, विद्युत उत्पादन, पेयजल आपूर्ति, मत्स्य पालन और पर्यटन शामिल हैं. भारत के पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इन्हें ‘आधुनिक भारत

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