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जाॅन लाॅक का राजनीतिक चिन्तन में महत्त्वपूर्ण देन | John Locke Biography Political and Administrative Theory in Hindi
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जाॅन लाॅक का राजनीतिक चिन्तन में महत्त्वपूर्ण देन

जाॅन लाॅक का जन्म सन् 1632 ई. में सामरसेट शायर के रिग्टन नामक स्थान में हुआ था. उसके पिता एक वकील थे. जब लाॅक की उम्र 12 वर्ष की थी, तब इंगलैण्ड में गृहयुद्ध शुरू हो गया था. उसके पिता 1642 ई. में पार्लियामेण्ट की ओर से लड़ने वाली सेना में भर्ती हो गये और […]

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एकात्मक सरकार का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, गुण एवं दोष
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एकात्मक सरकार का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, गुण एवं दोष

एकात्मक सरकार के अन्तर्गत शासन की सारी शक्तियां केन्द्रीय सरकार के पास ही केन्द्रित रहती हैं. सारे देश में एक कार्यपालिका, एक विधायिका व एक न्यायपालिका ही होती है. यद्यपि उनको केन्द्रीय सरकार द्वारा कोई महत्वपूर्ण शक्ति नहीं दी जाती. यदि कोई शक्ति दे भी जाती है तो वे केन्द्रीय सरकार के नियन्त्रण में ही

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संघात्मक सरकार का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, गुण एवं दोष
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संघात्मक सरकार का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, गुण एवं दोष

संघात्मक सरकार में शासन प्रणाली ऐसी प्रणाली होती है जिसमें शक्तियों का विभाजन केन्द्र व इकाइयों के मध्य संविधान या कानूनी सीमाओं के अन्तर्गत किया जाता है. अपने अपने क्षेत्रों में स्वतन्त्र होते हुए भी केन्द्र व इकाइयां देश के संविधान के प्रति उत्तरदायी होते हैं. एक दूसरे के अधीन न होकर भी केन्द्रीय व

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राजनीतिक सिद्धांत क्या है? जाने इसके प्रकार, विकास और विशेषताएं
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राजनीतिक सिद्धांत क्या है? जाने इसके प्रकार, विकास और विशेषताएं

राजनीतिक सिद्धांत एक ऐसा पदबन्ध है जिसे राजनीतिक चिन्तन, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक विचार, राजनीतिक विश्लेषण, राजनीतिक परीक्षण, राजनीतिक विचारधारा, राजनीतिक व्यवस्था के सिद्धांत आदि के पयार्य के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है. राजनीतिक सिद्धांत और राजनीतिक दर्शन को तो आज भी समानार्थी माना जाता है. लेकिन वास्तव में ये दोनों शब्द एक जैसे

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जेरेमी बेंथम का जीवन परिचय और प्रमुख कृतियाँ; Jeremy Bentham Biography and Works
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जेरेमी बेंथम का जीवन परिचय और प्रमुख कृतियाँ

जेरेमी बेंथम का जन्म 1748 ई. में लन्दन के एक प्रतिष्ठित वकील परिवार में हुआ था. उसके पिता और पितामह उस समय के श्रेष्ठ कानूनविद् थे. उसके पिता जिरमिह बेन्थम की आकांक्षा थी कि उनका पुत्र भी एक नामी वकील बने. वह तीन वर्ष की आयु में लैटिन तथा चार वर्ष की आयु में फ्रेंच

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अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप; Meaning of International Politics, Definition, Nature and Deciding Factors
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अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

साधारण शब्दों में अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का अर्थ है- राज्यों के मध्य राजनीति. लेकिन, राज्यों के मध्य इस प्रकार के राजनीति का अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध और विदेश नीति पर अमिट छाप पड़ता है. पारस्परिक हित के लिए दो राज्य ऐसे राजनीति से उपजे कटुता को अक्सर दरकिनार कर जरूरी समझौता करता है. (नोट: यहां राज्य का तात्पर्य

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दबाव समूह क्या है? परिभाषा, प्रकार एवं विशेषताएं
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दबाव समूह क्या है? परिभाषा, प्रकार एवं विशेषताएं

साधारण शब्दों में दबाव समूह का अर्थ लोगों के उस संगठित समूह को कहा जाता है जो अपने सदस्यों के हितों की सिद्धि के लिए सरकार की निर्णयकारिता को प्रभावित करता है. यद्यपि दबाव समूह के लिए कुछ विद्वान हित समूह का भी प्रयोग करते हैं. लेकिन बिना राजनीतिक प्रक्रिया को प्रभावित किए कोई भी

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संविधानवाद का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं तत्व विकास, Constitutionalism Concept Explained for UPSC and State PCS in Hindi, Essay for CSE, Hindi Essay for CSE, Free
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संविधानवाद का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, तत्व एवं विकास

संविधानवाद का इतिहास भी उतना ही पुराना है, जितना राजनीतिक संस्थाओं का इतिहास. राजनीतिक संस्थाओं और राजनीतिक शक्ति के प्रादुर्भाव ने मानव को इनकी निरंकुशता के बारे में सोचने को बाध्य किया है. शक्ति मनुष्य को भ्रष्ट करती है और जब इसका सम्बन्ध राजनीतिक संस्थाओं या राजनीति से जुड़ जाता है तो इसके पथभ्रष्ट व

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एक राष्ट्र, एक चुनाव की संवैधानिक चुनौतियाँ, फायदे और नुकसान
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एक राष्ट्र, एक चुनाव की चुनौतियाँ

केंद्र सरकार में 2 सितम्बर 2023 को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव‘ सिद्धांत को अमलीजामा पहनाने के शुरूआती कदम के रूप में, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद के अध्यक्षता में एक आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है. इसके अन्य सात सदस्यों में केंद्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व

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पत्रकारिता का लोकतंत्र में योगदान और भारतीय मीडिया
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पत्रकारिता का लोकतंत्र में योगदान और भारतीय मीडिया

‘मीडिया‘ या ‘पत्रकारिता‘ को लोकतंत्र का चौथा खम्भा कहा जाता है. इसलिए इसका निष्पक्ष और स्वतंत्र होने निहायत जरुरी है. लोकतंत्र में कई समूह होते है. एक अत्यधिक अमीरों का समूह, जिनमें सत्ता को अपने अनुकूल मोड़ने का क्षमता होता है; दुसरा आम जनता, जो सत्ता तक अपनी बात पहुंचाकर सरकार के नीतियों को अपने

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