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अनिंद्रा के 10 समाधान

    नमस्कार दोस्तों! समय से सोना और जागना अच्छे स्वास्थ्य की निशानी मानी जाती है. हालाँकि बदलते दिनचर्या के कारण कई लोगों को जल्द नींद नहीं आती है. वे शिकायत करते है कि जल्दी नींद नहीं आती है. कई लोग दिनभर स्क्रीन पर रहते है, फिर रात को मोबाइल में व्यस्त हो जाते है. इस वजह से भी उन्हें जल्द नींद नहीं आती है. हालाँकि इसके कई अन्य कारण भी है.

    आइए बेहतर और गहरी नींद के लिए 10 रामबाण उपाय जानते है.

    मानसिक तनाव और नींद

    नींद न आने का एक बड़ा कारण मानसिक तनाव भी है. इसलिए लोग जल्द नींद के लिए नशे का भी सेवन करने लगते या फिर नींद की गोली या आँखों में तेल लगाते है. ये घरेलु नुस्खे आपके स्वास्थ्य को नुकसान भी पहंचा सकते है.

    रूम टेम्पेरेचर

    एक कमरे में दो या दो से अधिक लोग हो तो एयर कंडीशन के तापमान को लेकर विवाद हो जाता है. विशेषज्ञ कम तापमान में सोना बेहतर मानते है. 17 डिग्री सेल्सियस का तापमान निंद्रा के लिए ठीक माना जाता है. ठण्ड लगे तो आप हल्की चादर का इस्तेमाल भी कर सकते है.

    निकोटिन व कैफीन युक्त पदार्थ का लत

    हम में से कई लोग बार-बार चाय या कॉफ़ी पीते है. कई तो तम्बाकू और बीड़ी-सिगरेट का सेवन भी करते है. ऐसा अमूमन काम से छोटा सा ब्रेक लेने या फिर फिर से तरोताजा होने के लिए करते है. लेकिन सोने से चार या पांच घंटे पहले इसका सेवन करना, आपकी नींद में खलल डाल सकता है.

    सांस व ध्यान

    जल्द नींद के लिए कई लोग सांस पर ध्यान देते है. इस दौरान वे दुनियादारी को भूल सोचना भी बंद कर देते है. इसका असर ये होता है कि हमारी ऊर्जा एक स्थान पर केंद्रित हो जाती है और हम शिथिल होते जाते है, फिर हमें जल्द गहरी नींद आ जाती है.

    सोते वक्त टेलीविजन और संगीत से रहे दूर

    anindra

    कई लोग सोने से पहले पुराने संगीत सुनना पसंद करते है. कई तो टीवी देखते-देखते ही सो जाते है. लेकिन इससे आप काफी देर तक जगे रह जाते है. इससे बेहतर कोई गंभीर किस्म का किताब पढ़ना होता है, जिससे आपको जल्द नींद आ जाती है.

    पढ़ते वक्त रीडिंग लैंप, जिसका प्रकाश सीधे किताब पर हो, आपको जल्द सुला सकता है. इस दौरान आप अपने आँख पर अधिक दवाब देने से बचे और पुतलियों को बार-बार छपकाते रहे.

    अंधेरे में जल्द आती है नींद

    विशेषज्ञ बताते है कि जल्द सोने के लिए अपने घर के प्रकाश को बंद कर दे, या फिर प्रकाश काफी धीमा रखे. इससे आपके शरीर के बायोलॉजिकल क्लॉक को लगता है कि रात हो गई है और सो जाना चाहिए. इस तरह आपको अच्छी नींद आएगी और सुबह को तरोताजा महसूस करेंगे.

    सुबह-सुबह कसरत करना

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    व्यायाम करना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अच्छा तो है ही, यह आपको सुलाने में भी मदद करता है. हालाँकि सोने से पहले कसरत करने से आप परेशान महसूस करेंगे. इसलिए सुबह के समय ही खली पेट खूब कसरत करें.

    शांत वातावरण

    आजकल शहरों में काफी अधिक शोर होता है. कई लोग रेलवे ट्रेक के किनारे भी रहते है. ऐसे में शांत वातावरण का मिलना मुश्लिल होता है. लेकिन आप व्हाइट नॉइज मशीन का उपयोग कर सकते है.

    अच्छा और साफ़ सुथरा बिस्तर

    आपका बिस्तर और साफ़-सफाई का भी सोने से सीधा ताल्लुक होता है. गन्दा माहौल आपमें चिड़चिड़ापन लाता है. साथ ही पुराने तोशक/ चटाई (Mattress) भी नींद में खलल डालती है. हो सके तो 7 या 8 साल पुराने पड़ चुके बिस्तर को बदल दे, या फिर आप उसकी मरम्मत भी करवा सकते है.

    शरीर को ढीला छोड़े

    सोने से पहले आप अपने शरीर के तनाव को कम करें. पहले हाथ को ढीला छोड़े फिर पुरे शरीर में ढीलापन लाए. आप जितना रिलैक्स होंगे, उतना जल्दी ही आपको नींद आयेगी.

    बार-बार करवटें बदलना व शरीर को ढीला न छोड़ना, आपको रात में तनावग्रस्त करता है. इसलिए ऐसा करने से बचें.
    बेहतर नींद आने के लिए आप इन सभी उपायों को एक साथ अपनाएं तो आपको न तो आयुर्वेदिक या एलोपैथिक दवा की जरूरत होगी, और न ही आपको चिड़चिड़ेपन से गुजरना होगा. किसी चीज की हमेशा चिंता करना भी आपके नींद को उड़ा सकता है.

    गहरी निंद्रा के लिए कम प्रकाश, साफ़-सफाई, शून्य शोरगुल व साफ़ बिस्तर मूल-मंत्र है. हालाँकि आप यदि मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हो तो तुरंत मनोचिकित्स्क से मिलें व सलाह के अनुसार अपने दिनचर्या में बदलाव लाने का प्रयास करें.

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