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पृथ्वी की आंतरिक संरचना | Internal Structure of the Earth

जब हम पृथ्वी का बात करते है तो इसका तात्पर्य सिर्फ पृथ्वी के धरातल से न होकर पृथ्वी के केंद्र में स्थित मध्य बिंदु से अंतरिक्ष के आखिरी छोड़ पर स्थित वायुमंडल तक का इलाकों से होता है. हम सुदूर अंतरिक्ष में देखकर वायुमंडलीय गतिविधियों का अनुमान लगा पाते है. लेकिन धरातलीय पृथ्वी के आंतरिक संरचना और इसमें हो रहे बदलावों से हम अनभिज्ञ रहते है. इसलिए पृथ्वी की आंतरिक संरचना का अध्ययन सदैव भू-वैज्ञानिकों के शोध के केंद्र-बिंदु में रहा है.

लेकिन, पृथ्वी के मध्य बिंदु तक पहुँच पाना लगभग असंभव है. इसलिए पृथ्वी के आंतरिक संरचना के अध्ययन के लिए भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और गहरी महासागरीय गड्ढों के अध्ययन का सहारा लिया जाता है.

भू-वैज्ञानिकों के इन्हीं प्रयासों से हम पृथ्वी के आंतरिक संरचना के बारे में काफी जानकारी जुटा पाए है. इसके अनुसार पृथ्वी मुख्यतः तीन परतों से बनी है और प्रत्येक परत के गुण-धर्म, तात्विक और भौतिक बनावट में काफी अंतर है.

पृथ्वी की आंतरिक संरचना

पृथ्वी बहुत सारी से केंद्रीय परतों से बनी हुई है परतो के निर्माण के दौरान भारी पदार्थ; जैसे – लोहा एवं निकेल तत्व केंद्र की ओर तथा हल्के पदार्थ; जैसे – सिलिकॉन, एलमुनियम बाहर की ओर जमा हुए.

पृथ्वी की मुख्यतः तीन परतें मानी गई हैं. (ग्राट के अनुसार)

  1. भूपटल या भूपर्पटी (SIAL)
  2. आवरण या सीमा (SIMA)
  3. कोर या नीफे (NIFE)
पृथ्वी की आंतरिक संरचना | Internal Structure of the Earth Graph in Hindi with all layers

1. भूपटल या भूपर्पटी (Earth’s Crust/ SIAL)

  • पृथ्वी का वह बाहरी परत जिस पर महाद्वीप तथा महासागर स्थित है उसे भूपटल कहा जाता है.
  • भूपटल की रचना सियाल (SIAL) तथा सीमा (SIMA) पदार्थों से हुई है.
  • भूपटल की मोटाई 8-40 किमी. तक पाई जाती है.
  • भूपटल की बाहरी परत अवसादी एवं ग्रेनाइट चट्टानों से बनी हुई है. यह परत को सियाल (Si+Al) के नाम से जाना जाता है जो सिलिका व एलमुनियम से निर्मित होती है.

2. आवरण या सीमा (SIMA)

  • इस की निचली परत बेसाल्ट चट्टानों से बनी हुई है. यह परत को SIMA (Si+Ma) के नाम से जाना जाता है जो सिलिका व मैग्नेशियम से निर्मित होती है.
  • इस की निचली परत में छारीय पदार्थों की अधिकता है इसी पर से ज्वालामुखी विस्फोट के समय लावा बाहर आता है.
  • निचली परत मुख्यता महासागरों के नीचे होती है इस प्रकार महासागरीय सतह का निर्माण बेसाल्ट चट्टानों से हुआ है.
  • आवरण व सीमा को white of the earth कहा जाता है.
  • भुपटल एवं मेंटल का सबसे ऊपरी भाग मिलकर स्थल मंडल का निर्माण करते हैं.

3. कोर या निफे (NIFE)

  • सीमा भारत के नीचे पृथ्वी की तीसरी तथा अंतिम परत पाई जाती है.
  • इस परत में निकेल तथा लोहा की प्रधानता होती है इसीलिए इस परत का नाम NIFE (Ni+Fe) रखा गया है.
  • कोर परत 29 किलोमीटर की गहराई से पृथ्वी के केंद्र तक फैला हुआ है. जिसका घनत्व 11 से 12 gm/cm^3 तक हैं.
  • कोर का भार पृथ्वी के भार का लगभग एक तिहाई है तथा इसका आयतन पृथ्वी के आयतन का लगभग 1/6 भाग है.
  • कोर 2 भागों का बना होता है, ठोस अंत: कोर तथा द्रवित बाह्य कोर.
  • बाह्य कोर के नीचे 2900 से 5200 किलोमीटर तक फैला हुआ है तथा अंत: कोर 5200 से 6400 किलोमीटर पर पृथ्वी के केंद्र तक फैला है.
  • बाह्य कोर सतह में भूकंप की द्वितीय लहरें या S तरंगे प्रवेश नहीं कर पाती है. इससे प्रमाणित होता है कि यह भाग द्रव अवस्था में है.
  • आंतरिक कोर में भूकंप की P लहरें की गति कम अर्थात 11.23 किलोमीटर प्रति सेकंड हो जाती है अर्थात यह भाग ठोस है.

पृथ्वी से संबंधित महत्वपूर्ण आंकड़े

तथ्यआंकड़े
व्यासभूमध्य रेखा (12,756 किमी.)ध्रुव (12,714 किमी.)
मध्य व्यास परिधि12,734 किमी.भूमध्य रेखा (40,075 किमी.ध्रुव (40,024) किमी.
भूमध्य रेखा त्रिज्या6377 किमी.
कुल सतह क्षेत्र51,01,00,500 वर्ग किमी.
कुल स्थल क्षेत्र14,89,50,800 वर्ग किमी.
पृथ्वी का कुल भार5,880×10^21 टन
पृथ्वी की अनुमानित आयु4.6 अरब वर्ष
अक्ष पर घूर्णन का समय23 घंटे 56 मिनट 4.90 सेकेंड
सूर्य के परिक्रमण का समय365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट, 45.51 सेकंड

पृथ्वी का संगठन (Composition of Earth)

तत्वभूपृष्ठ में मात्रा (%)
ऑक्सीजन 46.8
सिलिकॉन27.7
एल्यूमिनियम8.1
लोहा5.0
कैल्सियम3.6
सोडियम2.83
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