रोबोटिक्स विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक आकर्षक क्षेत्र है जो रोबोटों के डिजाइन, निर्माण, संचालन और उपयोग से संबंधित है. यह सिर्फ एक शाखा नहीं, बल्कि कई विषयों का एक मिला-जुला रूप है. इसमें इंजीनियरिंग के कई प्रमुख क्षेत्र शामिल है. इसमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग का उपयोग रोबोट के शारीरिक ढाँचे और गति को नियंत्रित करने में होता है. इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग से इसके सेंसर, सर्किट और मोटरों को तैयार किया जाता हैं.
इसके अलावा, रोबोट की ‘सोच’ और ‘कार्यक्षमता’ को नियंत्रित करने के लिए कंप्यूटर साइंस (प्रोग्रामिंग) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का ज्ञान आवश्यक है. रोबोटिक्स एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ भौतिकी और सामग्री विज्ञान (जैसे धातु और प्लास्टिक का ज्ञान) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सही सामग्री का चुनाव रोबोट की मजबूती और प्रदर्शन को प्रभावित करता है.
रोबोटिक्स का प्रभाव हमारे जीवन के लगभग हर पहलू पर पड़ रहा है. कारखानों में भारी और जोखिम भरे काम करने से लेकर सर्जरी और अंतरिक्ष अन्वेषण तक, रोबोट हमारी मदद कर रहे हैं. भविष्य में, रोबोट हमारे घरों में घरेलू सहायक के रूप में, चिकित्सा क्षेत्र में मरीजों की देखभाल करने वाले नर्सों के रूप में, और यहाँ तक कि शिक्षकों के सहायक के रूप में भी देखे जा सकते हैं.
इस क्षेत्र का लगातार विकास हो रहा है, और मशीन लर्निंग और AI के साथ इसके संयोजन से रोबोट और भी अधिक स्मार्ट और आत्मनिर्भर होते जा रहे हैं. क्या आप रोबोट को हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं?
रोबोट क्या है? (What is a Robot in Hindi)
रोबोट की कोई एक सर्वमान्य परिभाषा नहीं है. हम इसे एक प्रोग्राम किया हुआ यंत्र मान सकते हैं जो खास कार्य करने के लिए बनाया गया है. यह यंत्र स्थिर या गतिशील हो सकता है. यह अपनी सबसे बड़ी खासियत, यानी निर्णय लेने की क्षमता, के कारण आम मशीनों से अलग है.
एक सामान्य मशीन सिर्फ वही करती है जो उसे सीधे-सीधे कहा जाता है, जबकि एक रोबोट अपने आसपास के माहौल के हिसाब से छोटे-मोटे निर्णय ले सकता है. यह क्षमता ही उसे मानव हस्तक्षेप के बिना स्वतंत्र रूप से काम करने में सक्षम बनाती है. उदाहरण के लिए, एक रोबोटिक आर्म जो कारखाने में काम कर रही है, किसी वस्तु के गलत स्थिति में होने पर उसे पहचान कर अपना काम रोक सकती है या सही कर सकती है.
रोबोटिक्स: नामकरण और नियम (Robotics: Naming and Rule)
रोबोट शब्द का पहली बार इस्तेमाल 1920 में चेक (Czech) लेखक कैरेल कैपेक (Karel Čapek) ने अपने नाटक ‘आर.यू.आर‘ (Rossum’s Universal Robots) में किया था. यह नाटक प्राग (Prague) में प्रदर्शित किया गया था. यहीं से यह शब्द लोकप्रिय हुआ.
वहीं, रोबोटिक्स शब्द का प्रयोग पहली बार मशहूर विज्ञान गल्प (Science Fiction) लेखक आइज़क असिमोव (Isaac Asimov) ने 1941 में अपनी लघु कथा ‘लायर!‘ (Liar!) में किया था. असिमोव को रोबोटिक्स के तीन नियमों को गढ़ने का श्रेय भी दिया जाता है. इसे उन्होंने अपनी 1950 की किताब ‘आई, रोबोट‘ (I, Robot) में दिए थे. आज भी इन नियमों को रोबोटिक्स के लिए एक नैतिक दिशानिर्देश माना जाता है. ये नियम इस प्रकार हैं:
- पहला नियम: रोबोट को किसी भी इंसान को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए, और न ही निष्क्रियता से किसी इंसान को नुकसान पहुँचने देना चाहिए.
- दूसरा नियम: रोबोट को इंसान द्वारा दिए गए सभी आदेशों का पालन करना चाहिए, बशर्ते कि वे पहले नियम के विपरीत न हों.
- तीसरा नियम: रोबोट को अपने अस्तित्व की रक्षा तब तक करनी चाहिए जब तक ऐसी रक्षा पहले या दूसरे नियम के विपरीत न हो.
आइज़क असिमोव के ये नियम केवल कहानियों तक ही सीमित नहीं रहे. आज भी रोबोटिक्स के नैतिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आधार हैं. AI-संचालित रोबोटों के निर्माण के दौरान इनका महत्व बढ़ जाता है.
आधुनिक रोबोटिक्स का विकास (Development of Modern Robotics)
आधुनिक रोबोटिक्स के इतिहास में यूनिमेट (Unimate) का स्थान सर्वोपरि है, जिसे पहला औद्योगिक रोबोट माना जाता है. इस ऐतिहासिक मशीन का निर्माण अमेरिकी आविष्कारक जॉर्ज डेवॉल (George Devol) की यांत्रिक भुजा (mechanical arm) की खोज पर आधारित था. डेवॉल ने 1954 में इस आविष्कार का पेटेंट कराया. इसने रोबोटिक्स के क्षेत्र में क्रांति ला दी.
इस खोज को वास्तविकता में बदलने का श्रेय जोसेफ एंजेलबर्गर (Joseph Engelberger) को जाता है. जोसेफ एंजेलबर्गर को अक्सर ‘आधुनिक रोबोटिक्स के जनक‘ कहा जाता है. एंजेलबर्गर ने डेवॉल के साथ मिलकर यूनिमेशन इंक. (Unimation Inc.) नामक कंपनी की स्थापना की. 1961 में, उन्होंने पहला यूनिमेट रोबोट जनरल मोटर्स के कारखाने में स्थापित किया. इस रोबोट का मुख्य कार्य गर्म धातु के टुकड़ों को डाइ कास्टिंग मशीन से उठाकर उन्हें ठंडा करने वाले स्थान पर रखना था. इस प्रकार श्रमिकों को जोखिम भरे काम से मुक्ति मिली.
इस रोबोट की सफलता ने दुनिया भर के कारखानों में रोबोट के उपयोग का मार्ग प्रशस्त किया. यूनिमेट ने न केवल उत्पादन क्षमता को बढ़ाया बल्कि मानव श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण भी सुनिश्चित किया. आज, हम जिन जटिल रोबोटिक प्रणालियों को देखते हैं, उनकी शुरुआत यूनिमेट के साधारण लेकिन क्रांतिकारी डिजाइन से ही हुई.
रोबोटिक्स के विकास के अन्य तथ्य इस प्रकार है:
- पहला यूनिमेट रोबोट 4,000 पाउंड (लगभग 1,814 किलोग्राम) वजनी था. यह एक यांत्रिक हाथ की तरह काम करता था.
- एंजेलबर्गर ने अपनी कंपनी का नाम ‘यूनिमेशन’ रखा, जो ‘यूनिवर्सल ऑटोमेशन’ का संक्षिप्त रूप था. उनका मानना था कि रोबोट हर तरह के औद्योगिक कार्य को स्वचालित कर सकते हैं.
- यूनिमेट रोबोट को एक डिजिटल कंप्यूटर से नियंत्रित किया जाता था. यह इसे विभिन्न अनुक्रमों में कार्य करने की क्षमता देता था.
- 1960 के दशक के मध्य में, जापानी कंपनियों ने भी रोबोटिक्स में रुचि लेना शुरू कर दिया. जल्द ही वे इस क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ी बन गए, जिससे रोबोटिक्स का वैश्विक विकास हुआ.
रोबोटिक्स की पीढ़ियाँ (Generations of Robotics)
रोबोटिक्स के विकास को आम तौर पर तीन मुख्य पीढ़ियों में बाँटा जा सकता है, जो इसके बढ़ते हुए क्षमताओं को दर्शाते हैं:
- पहली पीढ़ी (First Generation): शुरुआती रोबोट मुख्य रूप से औद्योगिक कार्यों के लिए बनाए गए थे. इनका काम दोहराव वाले और भारी कार्यों को सटीकता से करना था, जैसे कार असेंबली लाइनों पर वेल्डिंग या पेंटिंग करना. इनमें किसी तरह की संवेदनशीलता नहीं थी और ये सिर्फ पहले से तय निर्देशों का पालन करते थे.
- दूसरी पीढ़ी (Second Generation): इस पीढ़ी में रोबोट में कैमरे और सेंसर जैसी तकनीकें जोड़ी गईं. इससे वे अपने आसपास के वातावरण को समझने और प्रतिक्रिया देने में सक्षम हुए. इनका उपयोग जटिल कार्यों, जैसे अन्वेषण और खोज, में होने लगा. इन रोबोटों में थोड़ी-बहुत स्वायत्तता (autonomy) आने लगी थी.
- तीसरी पीढ़ी (Third Generation): वर्तमान में रोबोटिक्स का क्षेत्र कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) के कारण पूरी तरह से बदल गया है. आज के रोबोट सिर्फ शारीरिक कार्य नहीं करते, बल्कि मानसिक विश्लेषण भी कर सकते हैं. वे डेटा का विश्लेषण करते हैं, सीखते हैं और जटिल समस्याओं को हल कर सकते हैं. AI ने रोबोटिक्स को न केवल अधिक कुशल बनाया है, बल्कि इसे नए और रोमांचक क्षेत्रों, जैसे स्वास्थ्य सेवा और ग्राहक सेवा, में भी पहुँचा दिया है.
रोबोट के प्रमुख घटक (Key Components of Robot)
किसी भी रोबोट के मुख्यतः पाँच घटक होते है:
सेंसर (Sensor)
रोबोट के कार्य करने के लिए सेंसर सबसे महत्वपूर्ण घटक होते हैं. इन्हें आप रोबोट की आँखें और कान मान सकते हैं. ये रोबोट को अपने आस-पास के वातावरण से जानकारी इकट्ठा करने में मदद करते हैं. ये जानकारी रोबोट के मस्तिष्क के लिए निर्देशों का काम करती है.
उदाहरण के लिए, एक रोबोट में लगे कैमरे (Camera) उसे अपने आसपास की चीजों, जैसे उनके रंग, आकार और अपनी दूरी, को पहचानने में सक्षम बनाते हैं. इसी तरह, माइक्रोफोन (Microphone) रोबोट को ध्वनि पहचानने की क्षमता देता है, जिससे वह विभिन्न प्रकार की आवाज़ों पर प्रतिक्रिया कर सकता है.
आधुनिक रोबोट और भी जटिल सेंसर का उपयोग करते हैं:
- थर्मामीटर और बैरोमीटर: ये सेंसर रोबोट को क्रमशः तापमान और वायु दाब का पता लगाने में मदद करते हैं. यह मौसम से संबंधित या औद्योगिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.
- LiDAR (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग): यह एक उन्नत सेंसर है जो लेजर प्रकाश का उपयोग करके आसपास के वातावरण की त्रिविमीय (3D) तस्वीर बनाता है. यह रोबोट को नेविगेशन और वस्तु पहचान में असाधारण सटीकता प्रदान करता है. सेल्फ-ड्राइविंग कारों में इसका व्यापक उपयोग होता है.
- एक्सेलेरोमीटर और मैग्नेटोमीटर: ये सेंसर रोबोट को उसकी गति और दिशा का पता लगाने में मदद करते हैं. एक्सेलेरोमीटर गुरुत्वाकर्षण के सापेक्ष उसकी गति का पता लगाता है. मैग्नेटोमीटर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग करके दिशा निर्धारित करता है, ठीक एक कंपास की तरह. ये सेंसर मिलकर रोबोट को एक स्थिर और नियंत्रित गति बनाए रखने में सहायता करते हैं.
इफेक्टर (Effector)
सेंसरों से जानकारी प्राप्त करने के बाद, रोबोट को उस जानकारी के आधार पर कुछ कार्रवाई करने की आवश्यकता होती है. यह कार्य इफेक्टर नामक घटक द्वारा किया जाता है. इफेक्टर को आप रोबोट के हाथ या औजार कह सकते हैं, जो वास्तव में भौतिक कार्य को अंजाम देते हैं.
ये इफेक्टर किसी खास कार्य को पूरा करने के लिए रोबोट में लगाए जाते हैं. इनका चुनाव रोबोट के उद्देश्य पर निर्भर करता है. ये कंप्यूटर या नियंत्रण प्रणाली द्वारा नियंत्रित होते हैं, जो सेंसर से मिली जानकारी के आधार पर इन्हें निर्देश देता है.
इफेक्टर के बिना, रोबोट केवल अपने वातावरण को समझ सकता है. लेकिन कोई भी कार्य नहीं कर सकता. वे रोबोट को एक सक्रिय कार्यकर्ता बनाते हैं, जो वस्तुओं को जोड़ सकता है, निर्माण कर सकता है और हेरफेर कर सकता है.
कुछ सामान्य प्रकार के इफेक्टर इस प्रकार हैं:
- ग्रिपर (Gripper): यह सबसे आम इफेक्टर है, जिसका उपयोग वस्तुओं को उठाने, पकड़ने और छोड़ने के लिए किया जाता है. कारखानों में इसका उपयोग पुर्जों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए होता है.
- वैक्यूम पंप (Vacuum Pump): इनका उपयोग चिकनी सतहों वाली वस्तुओं को उठाने के लिए किया जाता है, जैसे कि कांच की चादरें.
- मैग्नेट (Magnet): इसका उपयोग धातु की वस्तुओं को उठाने के लिए होता है.
- अन्य औजार: कार्य के अनुसार, इफेक्टर के रूप में विभिन्न औजार लगाए जा सकते हैं, जैसे पेचकस (screwdriver), ड्रिलिंग रॉड (drilling rod), हैमर (hammer), या स्प्रे पेंट गन (spray paint gun).
एक्चुएटर (Actuator)
अगर सेंसर रोबोट की आँखें और कान हैं, तो एक्चुएटर उसकी मांसपेशियाँ हैं. ये घटक रोबोट के अंगों, जैसे उसकी भुजाओं, पैरों या पहियों, को गति प्रदान करते हैं. यह वही हिस्सा है जो ऊर्जा को यांत्रिक गति में बदलकर रोबोट को सक्रिय करता है.
रोबोटिक्स में विभिन्न प्रकार के एक्चुएटर्स का उपयोग होता है. ये सभी एक्चुएटर एक साथ काम करते हैं ताकि रोबोट अपने वातावरण में प्रभावी ढंग से आगे बढ़ सके और अपने कार्य पूरे कर सके:
- इलेक्ट्रिक मोटर (Electric Motor): ये सबसे आम प्रकार के एक्चुएटर हैं और घूर्णन (rotational) गति उत्पन्न करते हैं. इनका उपयोग रोबोट के पहियों और जोड़ों को चलाने के लिए किया जाता है. जब रोबोट को सीधी (linear) गति की आवश्यकता होती है, तो इस घूर्णन गति को गियर या अन्य यांत्रिक प्रणालियों का उपयोग करके रैखिक गति में बदला जाता है.
- हाइड्रोलिक और न्यूमेटिक एक्चुएटर्स: इन एक्चुएटर्स का उपयोग तब किया जाता है जब भारी काम के लिए अधिक बल (शक्ति) की आवश्यकता होती है. हाइड्रोलिक एक्चुएटर तरल पदार्थ (जैसे तेल) के दाब का उपयोग करते हैं, जबकि न्यूमेटिक एक्चुएटर संपीड़ित हवा का उपयोग करते हैं. ये भारी औद्योगिक रोबोटों और निर्माण मशीनों में बहुत उपयोगी होते हैं.
- स्टेपर मोटर (Stepper Motor): जहाँ बहुत अधिक सटीकता की ज़रूरत होती है, वहाँ स्टेपर मोटरों का इस्तेमाल होता है. ये मोटर छोटे, सटीक चरणों में घूमती हैं, जिससे रोबोट के लिए अत्यंत सटीक स्थिति और गति नियंत्रण संभव होता है. इनका उपयोग 3D प्रिंटर और CNC मशीनों में भी होता है, जहाँ हर हरकत को सटीक होना चाहिए.
मैनीपुलेटर (Manipulator)
अगर एक्चुएटर रोबोट की मांसपेशियां हैं, तो मैनीपुलेटर (Manipulator) रोबोट की बांह और हाथ है. यह रोबोट के विभिन्न जोड़ों (Joints) और लिंक्स (Links) का एक संयोजन है. यह बनावट इसे मानव बांह की तरह गति करने और वस्तुओं तक पहुंचने में सक्षम बनाता है. ये जोड़ और लिंक मिलकर एक गतिशील संरचना बनाते हैं.
मैनीपुलेटर का मुख्य कार्य रोबोट के अंत में लगे इफेक्टर (जिसे एंड इफेक्ट) कहा जाता है) को कार्य स्थल तक पहुंचाना है. उदाहरण के लिए, एक वेल्डिंग रोबोट में, मैनीपुलेटर वेल्डिंग टॉर्च (एंड इफेक्टर) को कार के ढांचे के सही स्थान पर ले जाता है. इन मैनीपुलेटर्स को अलग-अलग अक्षों (Axes) पर घुमाया जा सकता है, जिससे वे जटिल और सटीक गति कर पाते हैं.
कंट्रोल सिस्टम (Control System)
सेंसरों से जानकारी प्राप्त करने, एक्चुएटर्स को गति देने और मैनीपुलेटर को नियंत्रित करने के लिए एक मस्तिष्क की आवश्यकता होती है. यह मस्तिष्क कंट्रोल सिस्टम है. यह रोबोट का व्यवहार निर्देशित करता है और उसे सही काम करने के लिए निर्देश देता है. आज के अधिकांश रोबोटों में, यह कंट्रोल सिस्टम एक डिजिटल कंप्यूटर होता है.
सरल शब्दों में, कंट्रोल सिस्टम रोबोट के दिमाग की तरह काम करता है, जो सभी इनपुट को प्रोसेस करता है और सभी आउटपुट को नियंत्रित करता है. यह रोबोट की स्वायत्तता और सटीकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
कंट्रोल सिस्टम का कार्य कुछ इस तरह से होता है:
- यह सेंसर से लगातार जानकारी प्राप्त करता है.
- इस जानकारी का विश्लेषण करता है.
सेंसर से मिली जानकारी और पहले से प्रोग्राम किए गए निर्देशों के आधार पर, यह एक्चुएटर्स को सिग्नल भेजता है कि उन्हें किस दिशा में और कितनी गति से चलना है.
रोबोट्स का वर्गीकरण (Classification of Robots)
रोबोट्स को कई तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है. इनमें सबसे आम तरीका उनके कंट्रोल सिस्टम, गति और उपयोग पर आधारित है.
कंट्रोल सिस्टम के आधार पर रोबोट्स:
(1) प्री-प्रोग्राम्ड रोबोट (Pre-Programmed Robots)
ये रोबोट अपने नाम के अनुसार ही काम करते हैं. इन्हें पहले से ही एक निश्चित कार्य करने के लिए प्रोग्राम किया जाता है. यह वर्गीकरण रोबोटिक्स की शुरुआती अवस्था को दर्शाता है, जहाँ रोबोट केवल निश्चित और सरल कार्यों के लिए बनाए गए थे.
- दोहराव का कार्य (Repetitive tasks): ये रोबोट एक ही कार्य को बार-बार, बिना किसी बदलाव के करते हैं. जैसे, एक कारखाने में एक रोबोटिक आर्म जो लगातार एक ही पुर्जे को उठाता और रखता है.
- सरल वातावरण: ये रोबोट एक स्थिर और नियंत्रित वातावरण में काम करते हैं, जहाँ बहुत कम बदलाव होते हैं. इन्हें अपने आसपास की बहुत कम जानकारी की ज़रूरत होती है.
- सीमित सेंसर: इनमें सेंसर तो होते हैं, लेकिन बहुत कम और केवल बेसिक जानकारी के लिए, जैसे कि किसी वस्तु की उपस्थिति का पता लगाना.
(2) स्वायत्त या स्वतंत्र रोबोट (Autonomous Robots)
ये रोबोट, प्री-प्रोग्राम्ड रोबोट के बिल्कुल विपरीत होते हैं. ये जटिल और बदलते वातावरण में काम करने में सक्षम होते हैं. यह वर्गीकरण AI और मशीन लर्निंग के विकास को दर्शाता है, जिसने रोबोट्स को और अधिक स्मार्ट और आत्मनिर्भर बना दिया है.
- मानवीय नियंत्रण की ज़रूरत नहीं: इन रोबोट्स को काम करने के लिए लगातार मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती. वे खुद ही नेविगेट करते हैं, निर्णय लेते हैं और अपने काम को पूरा करते हैं.
- जटिल सेंसर प्रणाली: ये अपने वातावरण से जानकारी जुटाने के लिए उन्नत सेंसर का उपयोग करते हैं, जैसे कि LiDAR, कैमरे और GPS. ये सेंसर इन्हें अपने आसपास की स्थिति को समझने में मदद करते हैं.
- निर्णय लेने की क्षमता: इनकी सबसे खास विशेषता यह है कि ये अपने सेंसर से मिली जानकारी के आधार पर खुद निर्णय ले सकते हैं. उदाहरण के लिए, एक स्वचालित कार रास्ते में आई बाधा को देखकर खुद ही ब्रेक लगा सकती है या रास्ता बदल सकती है.
गति के आधार पर रोबोट्स के प्रकार (Types of Robots as per Motion)
रोबोट्स को उनके चलने या स्थिर रहने की क्षमता के आधार पर भी दो मुख्य श्रेणियों में बाँटा जाता है:
स्थिर रोबोट (Stationary Robots)
ये रोबोट एक ही स्थान पर रहकर अपना कार्य करते हैं. इन्हें गतिमान बनाने के लिए पहियों या पैरों की आवश्यकता नहीं होती.
- उद्योगों में उपयोग: इनका सबसे आम उपयोग औद्योगिक वातावरण में होता है. इन्हें किसी विशिष्ट कार्य के लिए एक जगह पर फिक्स कर दिया जाता है. उदाहरण के लिए, कारखाने में वेल्डिंग रोबोट जो लगातार एक ही बिंदु पर वेल्डिंग करता है, या पेंटिंग रोबोट जो एक ही जगह से कार के हिस्सों को पेंट करता है.
- उच्च सटीकता: चूंकि ये स्थिर रहते हैं, ये बहुत उच्च स्तर की सटीकता और दोहराव सुनिश्चित कर सकते हैं.
सचल या गतिमान रोबोट (Mobile Robots)
ये रोबोट अपने नाम के अनुसार ही गति करने में सक्षम होते हैं. इनका उपयोग उन कार्यों के लिए होता है, जहाँ रोबोट को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना होता है.
- गति के साधन: इनमें आमतौर पर पहिए, ट्रैक या पैर लगे होते हैं. ये गति करने के लिए सेंसर (जैसे LiDAR और कैमरे) का उपयोग करते हैं. सेंसर उन्हें अपने वातावरण में नेविगेट करने और बाधाओं से बचने में मदद करते हैं.
- विविध उपयोग: ये बहुत उपयोगी होते हैं क्योंकि इन्हें नियंत्रित करने के लिए किसी भारी बुनियादी ढांचे की आवश्यकता नहीं होती. इनका उपयोग कारखानों में सामान पहुँचाने के लिए, अस्पतालों में दवाओं की डिलीवरी के लिए, और यहाँ तक कि जासूसी (जैसे स्पाई रोबोट) या खोज और बचाव कार्यों के लिए भी होता है.
उपयोगिता (Uses)के अनुसार रोबोट का वर्गीकरण
रोबोटों को उनके काम और उपयोगिता के आधार पर कई श्रेणियों में बांटा जा सकता है. ये रोबोट हमारे जीवन के अलग-अलग पहलुओं को आसान बनाने और बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
1. औद्योगिक रोबोट (Industrial Robots)
ये रोबोट कारखानों और विनिर्माण उद्योगों की जान होते हैं. ये दोहराए जाने वाले, थकाने वाले, या खतरनाक कामों को बड़ी सटीकता से करते हैं. इन रोबोटों का इस्तेमाल मुख्य रूप से वेल्डिंग, पेंटिंग, असेंबली, और सामग्री को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने जैसे कामों में होता है. इनके इस्तेमाल से काम की गुणवत्ता और गति बढ़ती है. इसके उपयोग से इंसानों के लिए जोखिम कम हो जाता है.
2. घरेलू रोबोट (Domestic Robots)
तकनीक के विकास के साथ ही घरों में भी रोबोट का इस्तेमाल आम होता जा रहा है. घरेलू रोबोट हमें रोजमर्रा के घरेलू काम-काज में मदद करते हैं. उदाहरण के लिए, रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर अपने आप घर की सफाई करते हैं. वहीं, रोबोटिक पूल क्लीनर जो स्विमिंग पूल को साफ रखते हैं. ये हमें समय और मेहनत दोनों बचाने में मदद करते हैं.
3. चिकित्सा और स्वास्थ्य रोबोट (Medical & Healthcare Robots)
चिकित्सा के क्षेत्र में रोबोट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. ये सर्जरी में डॉक्टरों की मदद करने से लेकर रोगियों की देखभाल तक में उपयोगी होते हैं. सर्जरी रोबोट, जैसे डा विंची सर्जिकल सिस्टम (Da Vinci Surgical System) , बहुत ही छोटे चीरों के साथ जटिल ऑपरेशन कर सकते हैं. ये सटीक इलाज करते है जिससे रोगी जल्दी ठीक हो पाते हैं. इसके अलावा, कुछ रोबोट रोगियों को दवा देने या उन्हें उठाने जैसे काम भी करते हैं.
4. सैन्य और सुरक्षा रोबोट (Military & Security Robots)
ये रोबोट सेना और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. इनका इस्तेमाल जासूसी, निगरानी, और खतरनाक मिशनों में होता है. इस तरह सैनिकों की जान को खतरा कम हो जाता है. बम निष्क्रिय करने वाले रोबोट या मानवरहित हवाई वाहन (UAV) जिन्हें हम ड्रोन कहते हैं, इसी श्रेणी में आते हैं.
5. मनोरंजन रोबोट (Entertainment Robots)
ये रोबोट हमें हँसाने और हमारा मनोरंजन करने के लिए बनाए गए हैं. इनमें खिलौना रोबोट जैसे सोनी का आइबो (AIBO) कुत्ता रोबोट शामिल है, जो इंसानों की तरह व्यवहार करता है. साथ ही, कुछ रोबोट ऐसे भी हैं जो पार्टियों में DJ का काम करते हैं या बच्चों को कहानियाँ सुनाते हैं.
6. अंतरिक्ष और खोज रोबोट (Space & Exploration Robots)
अंतरिक्ष की दुनिया में रोबोटों का अहम रोल है. इनका उपयोग ऐसी जगहों की खोज करने में होता है जहाँ इंसानों का जाना मुश्किल या खतरनाक है. नासा के मार्स रोवर जैसे क्यूरियोसिटी और पर्सीवरेंस मंगल ग्रह की सतह पर घूमकर वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करते हैं. इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में भी रोबोटिक आर्म जैसे रोबोट का इस्तेमाल किया जाता है.
7. सहायक और सामाजिक रोबोट (Assistive & Social Robots)
ये रोबोट उन लोगों की मदद के लिए बनाए गए हैं जिन्हें दैनिक कार्यों में सहायता की जरूरत होती है. इनमें बुजुर्ग, विकलांग, या बीमार लोग शामिल हैं. ये रोबोट मरीजों को खाना देने, उन्हें उठाने, या यहाँ तक कि अकेलेपन को दूर करने के लिए बातचीत करने में भी मदद कर सकते हैं.
8. ह्यूमनाइड रोबोट (Humanoid Robots)

ह्यूमनाइड रोबोट वे होते हैं जिन्हें इंसानों की तरह दिखने और चलने के लिए डिज़ाइन किया जाता है. इनके पास आमतौर पर सिर, धड़, दो हाथ और दो पैर होते हैं. इनके इंसानी आकार और रूप का मुख्य उद्देश्य है कि वे उन वातावरणों में आसानी से काम कर सकें जो इंसानों के लिए बनाए गए हैं. इसका मतलब है कि ये दरवाज़े खोल सकते हैं, सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं, और मानव-उपकरणों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ह्यूमनाइड रोबोट का विकास अभी भी शुरुआती दौर में है. ये भविष्य की तकनीक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. जापान की कंपनी होंडा द्वारा विकसित आसिमो (ASIMO), दुनिया के सबसे प्रसिद्ध ह्यूमनाइड रोबोट्स में से एक है. यह चलने, दौड़ने और सीढ़ियां चढ़ने जैसे कार्य कर सकता है. इसके अलावा, बोस्टन डायनेमिक्स का एटलस (Atlas) जैसा रोबोट भी अपनी अद्भुत संतुलन और गतिशीलता के लिए प्रसिद्ध है.
प्रमुख ह्यूमनाइड रोबोट के कुछ अन्य उदाहरण इस प्रकार हैं:
- रोबोनॉट (Robonaut): यह NASA द्वारा बनाया गया एक उन्नत ह्यूमनाइड रोबोट है. इसका मुख्य काम अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अंतरिक्ष यात्रियों की मदद करना है. रोबोनॉट-2, जिसे 2011 में अंतरिक्ष में भेजा गया था, का धड़ और हाथ हैं, जिससे यह अंतरिक्ष स्टेशन की मरम्मत और उपकरणों को संभालने जैसे नाजुक काम कर सकता है. रोबोनॉट-2 का वजन लगभग 150 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 3 फीट 4 इंच है.
- फेडोर (FEDOR): रूस का यह ह्यूमनाइड रोबोट न केवल अंतरिक्ष में बल्कि पृथ्वी पर भी खतरनाक और चरम वातावरण में काम करने के लिए बनाया गया है. फेडोर (फाइनल एक्सपेरिमेंटल डेमोंस्ट्रेशन ऑब्जेक्ट रिसर्च) का उद्देश्य उन स्थितियों में इंसानों की जगह लेना है जो जानलेवा हो सकती हैं.
- वालकरी (Valkyrie): नासा एक और महत्वाकांक्षी ह्यूमनाइड रोबोट, ‘वालकरी’ पर काम कर रहा है. इसे मंगल पर लंबे मिशन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहाँ इसे भविष्य में मानव कॉलोनियों के निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्य सौंपे जा सकते हैं. वालकरी को खास तौर पर आपदा-राहत और मानवीय अभियानों के लिए भी विकसित किया जा रहा है.
9. सहयोगी रोबोट (Collaborative Robots)
इन्हें कोबोट्स (Cobots) के नाम से भी जाना जाता है. ये विशेष रूप से इंसानों के साथ मिलकर काम करने के लिए बनाए गए हैं. ये पारंपरिक औद्योगिक रोबोटों से अलग होते हैं. इन्हें सुरक्षा को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है, ताकि ये इंसानों को नुकसान न पहुँचा सकें. इन्हें नियंत्रित करना भी आसान होता है. नियंत्रण के लिए बहुत ज़्यादा विशेषज्ञता की ज़रूरत नहीं होती. ये असेंबली, पैकेजिंग और गुणवत्ता जाँच जैसे कामों में इंसानी श्रमिकों की मदद करते हैं, जिससे काम की दक्षता और सुरक्षा दोनों बढ़ती है.
10. नैनो रोबोट (Nano Robots)
नैनो रोबोट्स या नैनोबोट्स ऐसे रोबोट हैं जो नैनोमीटर (एक मीटर का एक अरबवाँ हिस्सा) के पैमाने पर काम करते हैं. ये अविश्वसनीय रूप से छोटे होते हैं और अक्सर चिकित्सा, पर्यावरण और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं.
- माइक्रोबोट्स (Microbots): ये नैनो रोबोट से थोड़े बड़े होते हैं. इनका आकार 1 मिलीमीटर से कम होता है. ये सूक्ष्म स्तर पर घटकों को संभालने में सक्षम होते हैं, जैसे कि बायोलॉजिकल रिसर्च में.
- स्नेक रोबोट्स (Snake Robots): ये लचीले और साँपों की तरह दिखते हैं. ये आपदा प्रबंधन में विशेष रूप से उपयोगी होते हैं. ये मलबे में फँसे लोगों की खोज और बचाव में मदद कर सकते हैं.
- स्वार्म रोबोट्स (Swarm Robots): ये छोटे रोबोटों का एक समूह होते हैं जो आपस में संचार करके एक टीम के रूप में काम करते हैं. ये रेडियो फ्रीक्वेंसी या अन्य यांत्रिक उपकरणों का उपयोग करके एक-दूसरे से बात कर जटिल कार्यों को पूरा करते हैं. अन्वेषण या निर्माण में ये उपयोगी है.
- एम–ब्लॉक (M-Blocks): ये मॉड्यूलर रोबोट हैं जो क्यूब्स के रूप में होते हैं. ये आपस में जुड़कर अलग-अलग आकार बना सकते हैं. ये औद्योगिक या मरम्मत कार्यों के लिए उपयोगी होते हैं.
- क्लेट्रोनिक्स (Claytronics): ये भविष्य की तकनीक हैं. इनमें नैनो रोबोट्स, जिन्हें ‘कैटॉम’ (Claytronic Atom) कहा जाता है, एक साथ जुड़कर किसी भी भौतिक वस्तु का निर्माण कर सकते हैं. इनमें रंग बदलने की क्षमता भी होती है. इसलिए ये वास्तविक वस्तुओं की तरह दिख सकते हैं.
11. दूरसंचालित रोबोट (Teleoperated Robots)
दूरसंचालित रोबोट वे होते हैं जिन्हें दूर बैठकर एक इंसान नियंत्रित करता है. ये अक्सर उन जगहों पर इस्तेमाल होते हैं जहाँ इंसानों का जाना खतरनाक होता है. इसलिए इन्हें समुद्र की गहराई, ज्वालामुखी या बम निष्क्रिय करने वाले अभियानों में भेजा जाता है. मेक्सिको की खाड़ी में हुए तेल रिसाव का पता लगाने और उसे रोकने में इन रोबोट्स ने अहम भूमिका निभाई थी. चिकित्सा के क्षेत्र में भी इनका उपयोग बढ़ रहा है. इसके उपयोग से डॉक्टर दूर से ही मरीज़ों का ऑपरेशन कर सकते हैं.
12. संवर्धित रोबोट (Augmenting Robots)
ये रोबोट सीधे तौर पर इंसान के शरीर से जुड़कर काम करते हैं. इन्हें ऑगमेंटिंग रोबोट या एग्ज़ोस्केलेटन (Exoskeleton) भी कहते हैं. इनका मुख्य उद्देश्य इंसान की शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाना या किसी दुर्घटना के कारण खोई हुई क्षमता को वापस लाना है. उदाहरण के लिए, एक पैरालाइज्ड व्यक्ति को चलने में मदद करने या किसी मज़दूर की भारी सामान उठाने की शक्ति को बढ़ाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.
कुछ विशिष्ट और प्रभावशाली रोबोट्स (Some Special and Impressive Robots)
तकनीकी विकास ने रोबोटिक्स के क्षेत्र में कई अद्भुत और विशिष्ट रोबोट्स को जन्म दिया है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम कर रहे हैं.
1. माबेल (MABEL)
माबेल एक ऐसा रोबोट है जो दो पैरों पर इंसानों की तरह दौड़ सकता है. इसे 2009 में मिशिगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने विकसित किया था. इसकी सबसे खास बात इसकी गति है. यह 6.8 मील प्रति घंटे (लगभग 11 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से दौड़ सकता है. यह गति इसे दो पैरों पर चलने वाले सबसे तेज रोबोटों में से एक बनाता है. माबेल का विकास रोबोटिक्स में गतिशीलता और संतुलन को समझने में एक महत्वपूर्ण कदम था.
2. माइटी ईगल (Mighty Eagle)
यह नासा द्वारा निर्मित एक रोबोटिक प्रोटोटाइप लैंडर है. यह एक ग्रीन व्हीकल है क्योंकि यह ईंधन के रूप में 90% शुद्ध हाइड्रोजन पेरोक्साइड (H₂O₂) का उपयोग करता है. यह विशेषता पर्यावरण के लिए काफी अनुकूल है. माइटी ईगल को सौर मंडल के अन्य ग्रहों या खगोलीय पिंडों की सतह पर वैज्ञानिक और शोध कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसका उपयोग यह सीखने के लिए किया जा रहा है कि भविष्य में चंद्रमा और मंगल जैसे स्थानों पर अंतरिक्ष यान कैसे उतरेंगे.
3. चैटबॉट (Chatbot)
चैटबॉट एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जिसे इंसानों के साथ बातचीत करने के लिए बनाया गया है. यह लिखित चैट, मौखिक संवाद, या यहाँ तक कि नॉन-वर्बल संकेतों के माध्यम से भी प्रतिक्रिया दे सकता है. इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे टॉकबोट या चैटरबॉक्स. चैटबॉट का उपयोग ग्राहक सेवा, सूचना प्रदान करने, या सामान्य बातचीत के लिए किया जाता है. हाल के वर्षों में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ इसके एकीकरण ने इसे और भी स्मार्ट और अधिक मानवीय बना दिया है.
4. रोबोअर्थ (Roboearth)
रोबोअर्थ को रोबोट्स के लिए एक वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) कहा जा सकता है. यह एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहाँ रोबोट्स इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे के साथ जानकारी और कौशल साझा कर सकते हैं. यह एक ज्ञान–आधारित प्रणाली है जो रोबोट्स को नए वातावरण और कार्यों को तेजी से सीखने में मदद करती है.
उदाहरण के लिए, यदि एक रोबोट किसी खास काम को करना सीखता है, तो वह उस जानकारी को रोबोअर्थ पर अपलोड कर सकता है, जिससे अन्य रोबोट भी तुरंत उस ज्ञान का उपयोग कर सकते हैं. यह रोबोटिक्स के क्षेत्र में सहयोग और विकास को बढ़ावा देने का एक अनूठा तरीका है.
रोबोटिक्स के अनुप्रयोग (Applications of Robotics)
आधुनिक समय में रोबोटिक्स का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है. कुछ मुख्य उपयोग यहाँ दिया गया हैं:
उद्योग में (In Industries)
उद्योगों में रोबोटिक्स का उपयोग एक क्रांति लेकर आया है. रोबोट्स ने विनिर्माण प्रक्रियाओं को अधिक सटीक, तेज और सुरक्षित बना दिया है. यहाँ कुछ प्रमुख प्रकार के रोबोट्स और उनके औद्योगिक उपयोगों का विवरण दिया गया है:
1. पॉइंट–टू–पॉइंट रोबोट (Point-to-Point Robots)
ये रोबोट विशेष रूप से पूर्वनिर्धारित बिंदुओं पर काम करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं. इनका मुख्य काम एक स्थान से दूसरे स्थान पर सटीक गति के साथ काम करना है. उदाहरण के लिए, वेल्डिंग रोबोट्स जो धातु के टुकड़ों को जोड़ने के लिए ठीक उसी जगह पर वेल्ड करते हैं. वहीं, ड्रिलिंग रोबोट्स जो एक ही जगह पर बार-बार छेद करते हैं. ये रोबोट काम में स्थिरता और दोहराव सुनिश्चित करते हैं, जिससे गलतियों की संभावना कम हो जाती है.
2. पिक एंड प्लेस रोबोट (Pick and Place Robots)
ये रोबोट्स किसी वस्तु को एक जगह से उठाकर दूसरी जगह रखने के काम में माहिर होते हैं. इनकी तेज गति और सटीकता से उत्पादन क्षमता में जबरदस्त वृद्धि होती है. ये रोबोट छोटे इलेक्ट्रॉनिक घटकों से लेकर बड़े ऑटोमोबाइल पार्ट्स तक, हर तरह की चीजों को संभाल सकते हैं. ये विशेष रूप से असेंबली लाइनों और पैकेजिंग यूनिट्स में उपयोगी होते हैं. यहाँ ये इंसानों की तुलना में बहुत तेज और लगातार काम कर सकते हैं.
3. कंटीन्यूअस–पाथ रोबोट (Continuous-Path Robots)
यह पॉइंट-टू-पॉइंट रोबोट्स का एक उन्नत रूप है. ये रोबोट केवल निश्चित बिंदुओं पर काम करने के बजाय एक निर्बाध (continuous) मार्ग का अनुसरण करते हैं. इनका रास्ता चापाकार, गोलाकार या किसी भी जटिल वक्र के रूप में हो सकता है. इनका उपयोग उन कामों में होता है जहाँ एक ही सतह पर लगातार काम करना होता है, जैसे कि ऑटोमोबाइल उद्योग में पेंटिंग और स्प्रेइंग. ये रोबोट सतह की बनावट और आकार के हिसाब से अपनी गति और दिशा को समायोजित कर सकते हैं. इससे एक समान और उच्च-गुणवत्ता वाला परिणाम मिलता है.
4. एक्सोस्केलेटन (Exoskeletons)
ये पारंपरिक औद्योगिक रोबोट से थोड़े अलग हैं क्योंकि ये सीधे तौर पर इंसान की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए बनाए गए हैं. एक्सोस्केलेटन एक बाहरी ढाँचा होता है जिसे एक कर्मचारी पहनता है. यह ढाँचा भारी वस्तुओं को उठाने या लंबे समय तक एक ही स्थिति में काम करने में मदद करता है. उदाहरण के लिए, ऑटोमोबाइल उद्योग में जहाँ भारी-भरकम पुर्जों को उठाना पड़ता है, वहाँ एक्सोस्केलेटन श्रमिकों को चोटों से बचाता है. साथ ही, उनकी ताकत को कई गुना बढ़ा देता है.
उद्योगों में रोबोटिक्स के लाभ
रोबोटिक्स के इस्तेमाल से उद्योगों में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिनसे गुणवत्ता, उत्पादकता और सुरक्षा में सुधार हुआ है. उद्योगों में रोबोटिक्स के कई फायदे हैं, जो सिर्फ उत्पादन की दक्षता तक ही सीमित नहीं हैं. यह काम करने के तरीके को सुरक्षित, तेज और बेहतर बनाता है.
1. बढ़ी हुई गुणवत्ता और सटीकता (Enhanced Quality and Precision)
रोबोट्स किसी भी काम को बिना थके, एक ही तरह की सटीकता और निरंतरता के साथ करते हैं. ऑटोमोबाइल जैसे उद्योगों में जहां एक ही काम को बार-बार दोहराना पड़ता है, वहां रोबोट्स उच्च-गुणवत्ता वाले परिणाम देते हैं. ये गलतियों की संभावना को कम करते हैं, जिससे अंतिम उत्पाद (final product) की गुणवत्ता में सुधार होता है. इस प्रकार उत्पादन में कोई खामी नहीं रहती.
2. बेहतर उत्पादन और दक्षता (Increased Production and Efficiency)
इंसानों के विपरीत, रोबोट्स को आराम, छुट्टी या खाने के लिए ब्रेक की ज़रूरत नहीं होती. वे चौबीसों घंटे, सातों दिन काम कर सकते हैं. यह पारंपरिक विनिर्माण तरीकों की तुलना में उत्पादन की गति और मात्रा को काफी बढ़ा देता है. इसके परिणामस्वरूप, कंपनियां कम समय में अधिक सामान बना पाती हैं. इससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता (competitiveness) बढ़ती है.
3. जोखिम–मुक्त कार्य वातावरण (Risk-Free Work Environment)
रोबोट्स को उन खतरनाक कामों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है जो इंसानों के लिए जोखिम भरे होते हैं. इनमें जहरीले रसायनों, अत्यधिक गर्मी या विकिरण (radiation) वाले वातावरण में काम करना शामिल है. रोबोट्स को इन कामों में लगाकर, कंपनियों को अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है. इस प्रकार कार्यस्थल पर दुर्घटनाएं और चोटें कम होती हैं.
4. लागत और बर्बादी में कमी (Reduced Cost and Waste)
रोबोट्स को खरीदने और रखरखाव करने में लागत आती है. लेकिन लंबी अवधि में वे काफी पैसे बचाते हैं. उन्हें वेतन, बोनस या बीमा की ज़रूरत नहीं होती. इसके अलावा, उनकी सटीक कार्यप्रणाली से कच्चे माल की बर्बादी कम होती है. रोबोट्स का उपयोग करके कम समय में अधिक उत्पादन करने से प्रति-इकाई लागत (cost per unit) भी कम हो जाती है. यह कंपनी के लाभ को बढ़ा देता है.
चिकित्सा में रोबोटिक्स के अनुप्रयोग (Applications of Robotics in Medical Science)
चिकित्सा के क्षेत्र में रोबोटिक्स का उपयोग एक नई क्रांति लेकर आया है. रोबोट्स अब न केवल सर्जनों को जटिल ऑपरेशनों में मदद कर रहे हैं, बल्कि रोगी की देखभाल और निदान को भी बेहतर बना रहे हैं.
जटिल सर्जरी, जैसे कि मस्तिष्क या हृदय बाईपास, में बेहद सटीकता और नियंत्रण की आवश्यकता होती है. रोबोट इस काम को बखूबी अंजाम देते हैं. वे छोटे चीरों (incisions) के माध्यम से काम करते हैं, जिससे रोगी को कम दर्द होता है, रक्तस्राव कम होता है और वह जल्दी ठीक हो पाता है.
उदाहरण के लिए, डा विंची सर्जिकल रोबोट का उपयोग अमेरिका की इंट्यूटिव सर्जिकल कंपनी करती है. इसमें छोटे उपकरण और एक उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरा लगा होता है, जिसे सर्जन दूर बैठकर एक कंसोल से नियंत्रित करते हैं. ये रोबोट स्त्री रोग से लेकर हृदय शल्य चिकित्सा तक कई प्रकार की सर्जरी में इस्तेमाल होते हैं. 2007 में आयरलैंड के कॉर्क यूनिवर्सिटी मैटरनिटी अस्पताल में पहली बार रोबोट का इस्तेमाल स्त्री रोग संबंधी सर्जरी के लिए किया गया था.
चिकित्सा में इसके कुछ खास प्रयोग इस प्रकार है:
1. प्रोस्थेटिक्स (Prosthetics)
प्रोस्थेटिक्स, चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है जिसमें किसी व्यक्ति के कटे हुए या अनुपस्थित अंगों की जगह कृत्रिम अंग लगाए जाते हैं. रोबोटिक्स ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी है. अब कृत्रिम हाथ या पैर को सिर्फ यांत्रिक (mechanical) उपकरण की तरह नहीं, बल्कि मस्तिष्क के निर्देशों के अनुसार नियंत्रित किया जा सकता है.
शरीर के बिना कटे अंगों से प्राप्त होने वाले इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) संकेतों को मापा जाता है. ये संकेत मांसपेशियों की विद्युत गतिविधियों को दर्शाते हैं. रोबोटिक प्रोस्थेटिक्स इन संकेतों को समझकर मस्तिष्क के निर्देशों को पहचानते हैं, जिससे उपयोगकर्ता अपने कृत्रिम अंग को स्वाभाविक रूप से हिला सकता है. यह तकनीक विकलांग लोगों को नई गतिशीलता और स्वतंत्रता प्रदान करती है. इस प्रकार यह संभव हो पाता है.
2. टेलीमेडिसिन (Telemedicine)
टेलीमेडिसिन में, डॉक्टर दूर-संचालित रोबोटों का उपयोग करके दूर बैठे रोगियों का इलाज कर सकते हैं. यह उन दूरदराज के क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी है जहाँ विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होती है.
इन रोबोटों की मदद से, डॉक्टर मिनिमल इनवेसिव सर्जरी (Minimal Invasive Surgery) भी कर सकते हैं, जैसे कि ऑर्थोस्कोपिक और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी. इन सर्जरी में शरीर में बड़े चीरे लगाने के बजाय बहुत छोटे छेद किए जाते हैं, जिससे रक्तस्राव और दर्द कम होता है और रोगी जल्दी ठीक होता है. रोबोट में लगे सेंसर सर्जन को ऑपरेशन वाले अंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते रहते हैं. वे कंप्यूटर स्क्रीन पर देखकर सर्जरी को नियंत्रित कर पाते हैं.
3. सटीकता और सुरक्षा में सुधार
रोबोट्स उन चिकित्सा प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिनमें अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता होती है.
- कैंसर उपचार: कैंसर के इलाज के दौरान, रोबोट्स का उपयोग केवल प्रभावित कोशिकाओं (ट्यूमर) को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है. इससे स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान होने की संभावना कम हो जाती है. स्तन कैंसर के शुरुआती निदान के लिए रोबोटिक हैंड विकसित किए गए हैं. ये मानव स्पर्श की तुलना में कहीं अधिक सटीकता के साथ गांठों (lumps) का पता लगा सकते हैं.
- छोटे रोबोटिक कैप्सूल: ये कैप्सूल एक वायरलेस कैमरे के साथ आते हैं. रोगी इन्हें निगल सकता है, जिसके बाद ये पाचन तंत्र के अंदर की तस्वीरें लेते हैं. इससे डॉक्टर बिना किसी सर्जरी के अंदरूनी समस्याओं का पता लगा सकते हैं.
- डेंटल रोबोट: दंत चिकित्सा में, रोबोटिक ड्रिल का उपयोग इम्प्लांट सर्जरी के लिए किया जाता है. ये प्रक्रिया को और भी सटीक बनाते हैं, जिससे दर्द कम होता है और सर्जरी का समय भी घट जाता है. इससे उपचार सस्ता और अधिक सुलभ हो जाता है.
- मानवीय कंपन को दूर करना: रोबोटिक सर्जरी से डॉक्टरों के हाथों में होने वाले मामूली कंपन (tremors) को भी खत्म किया जा सकता है, जिससे सबसे जटिल ऑपरेशन भी बड़ी सटीकता से किए जा सकते हैं.
सैन्य क्षेत्र (Military) में रोबोटिक्स के अनुप्रयोग
सैन्य रोबोटिक्स ने युद्ध और सुरक्षा के तरीकों में क्रांति ला दी है. रोबोट अब सैनिकों के लिए खतरनाक और जोखिम भरे काम कर रहे हैं, जिससे उनकी सुरक्षा बढ़ रही है.
1. मानवरहित हवाई वाहन (UAV) या ड्रोन (Drone)
ड्रोन या मानवरहित हवाई वाहन (UAV) सैन्य अभियानों में एक गेम-चेंजर साबित हुए हैं. ये दूर से नियंत्रित होने वाले विमान हैं जिनका उपयोग कई कामों के लिए किया जाता है:
- जासूसी और निगरानी: ये दुश्मन के इलाके की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और निगरानी रखने के लिए इस्तेमाल होते हैं.
- हमले: कुछ ड्रोन मिसाइल और अन्य हथियारों से लैस होते हैं, जिनका उपयोग बिना किसी सैनिक को जोखिम में डाले सटीक हमले करने के लिए होता है.
- परिवहन: छोटे ड्रोन सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति, जैसे दवा या गोला-बारूद, भी पहुँचा सकते हैं.
हाल के वर्षों में, स्वारम ड्रोन (Swarm Drones) जैसी तकनीकें भी विकसित हुई हैं. इसमें सैकड़ों छोटे ड्रोन एक साथ मिलकर एक बड़े लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं.
2. बोस्टन डायनामिक्स रोबोट डॉग
बोस्टन डायनामिक्स द्वारा बनाए गए रोबोट डॉग, जैसे कि स्पॉट (Spot), को सैन्य उपयोग के लिए भी अनुकूलित किया जा रहा है. ये चार-पैर वाले रोबोट उबड़-खाबड़ और दुर्गम इलाकों, जैसे घने जंगल, बर्फीले पहाड़ और संकरी घाटियों में भी आसानी से चल सकते हैं. इनका उपयोग सैनिकों के लिए भारी उपकरण और आपूर्ति ले जाने के लिए होता है. इससे सैनिकों का बोझ कम होता है. ये रोबोट अपनी स्थिरता और गतिशीलता के लिए जाने जाते हैं. इस कारण ये मुश्किल जगहों पर भी अपना काम कर पाते हैं.
3. डीआरडीओ का ‘दक्ष‘ (Daksh)
भारत में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ‘दक्ष’ नामक एक खास रोबोट बनाया है. यह एक इलेक्ट्रिक और रिमोट-नियंत्रित रोबोट है जिसका मुख्य काम विस्फोटकों का पता लगाना और उन्हें सुरक्षित रूप से निष्क्रिय करना है. यह रोबोट मानव जीवन को खतरे में डाले बिना बम और अन्य विस्फोटक उपकरणों को संभालने और उन्हें नष्ट करने में सक्षम है. यह बम निरोधक टीमों के लिए यह एक अमूल्य उपकरण बन गया है.
4. भविष्य की रोबोट आर्मी
दुनिया भर के रक्षा संगठन भविष्य की ऐसी रोबोट सेना बनाने पर काम कर रहे हैं जो खुद से सोच सके. इन रोबोट्स में उच्च स्तर की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) होगी ताकि वे मित्र और शत्रु की पहचान कर सकें. यह तकनीक युद्ध के मैदान में निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को पूरी तरह से बदल सकती है, जिससे रोबोट अपने लक्ष्यों का पता लगाकर उन पर स्वतंत्र रूप से कार्रवाई कर सकेंगे. इस प्रयास में भारत का डीआरडीओ भी शामिल है. इस तकनीक को लेकर नैतिक चिंताएँ भी हैं. खासकर जब बिना मानवीय नियंत्रण के हथियार चलाना हो.
अंतरिक्ष क्षेत्र में रोबोटिक्स के अनुप्रयोग
अंतरिक्ष की खोज में रोबोटों का उपयोग इसलिए किया जाता है ताकि इंसानों को खतरनाक स्थितियों से बचाया जा सके. नासा ने इसी उद्देश्य से कई रोबोट्स विकसित किए हैं.
- रोबोनॉट (Robonaut): यह एक ह्यूमनाइड रोबोट है जिसे विशेष रूप से अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में काम करने के लिए बनाया गया है. यह रोबोट अंतरिक्ष यात्रियों की जगह स्पेस वॉक जैसे जोखिम भरे काम कर सकता है. यह अंतरिक्ष यात्रियों का सुरक्षा सुनिश्चित करता है.
- मार्स रोवर्स: नासा ने मंगल ग्रह पर कई मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर्स भेजे हैं, जैसे कि क्यूरियोसिटी और पर्सीवरेंस. ये रोबोट मंगल की सतह पर घूमकर चट्टानों और मिट्टी का विश्लेषण करते हैं और डेटा इकट्ठा करते हैं. यह वैज्ञानिकों को ग्रह के इतिहास और जीवन की संभावनाओं को समझने में मदद करता है.
समुद्री क्षेत्र में रोबोटिक्स
रोबोटिक पनडुब्बियाँ गहरे समुद्रों और बर्फीले पानी के नीचे के रहस्यमय और अज्ञात दुनिया का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ये पनडुब्बियाँ समुद्री जीवन, भूवैज्ञानिक संरचनाओं और समुद्र के नीचे की दुर्लभ प्रजातियों का अध्ययन करती हैं. ये मानव गोताखोरों के लिए बहुत जोखिम भरे काम करती हैं, जैसे कि पानी के भीतर तेल या गैस रिसाव का पता लगाना.
दवा उद्योग में रोबोटिक्स के अनुप्रयोग
दवा उद्योग में रोबोट्स ने काम करने के तरीके को सुरक्षित और अधिक कुशल बनाया है, खासकर उन कार्यों में जो इंसानों के लिए खतरनाक होते हैं.
- खतरनाक रसायनों को संभालना: रोबोट्स रेडियोधर्मी या अन्य हानिकारक रसायनों और विकिरण (radiation) के संपर्क में रहकर काम कर सकते हैं. वे कैंसरकारी दवाओं को मिश्रित करने जैसे काम को बड़ी सावधानी से करते हैं. इससे मानव कर्मचारियों को जोखिम नहीं होता.
- प्रयोगशाला स्वचालन: दवा प्रयोगशालाओं में, रोबोट्स टेस्ट ट्यूब विश्लेषण, नमूना परीक्षण और दवा के घटकों को मापने जैसे दोहराए जाने वाले कार्यों को बहुत तेजी से और सटीकता से करते हैं. यह न केवल समय बचाता है बल्कि परिणामों की गुणवत्ता भी बढ़ाता है.
- नकली दवाओं की पहचान: कुछ रोबोटिक्स प्रणालियाँ नकली दवाओं और नकली संयोजनों की पहचान करने में भी मदद कर सकती हैं. यह दवा की आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाता है.
दुर्गम और खतरनाक क्षेत्रों में
रोबोट्स उन जगहों पर काम करने में माहिर हैं जहाँ इंसानों के लिए जाना बहुत जोखिम भरा होता है. ये जीवन-रक्षक के रूप में काम करते हैं और आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
1. जोखिम भरे अभियानों में उपयोग
रोबोट्स का उपयोग उन खतरनाक कार्यों में होता है जहाँ मानव जीवन को खतरा हो सकता है.
- बम और बारूदी सुरंगें: ये रोबोट बमों को निष्क्रिय करने या ज़मीन के नीचे दबी बारूदी सुरंगों का पता लगाने में बहुत कारगर होते हैं.
- परमाणु और रासायनिक खतरे: नाभिकीय विकिरण (nuclear radiation) या जहरीले रसायनों वाले क्षेत्रों में रोबोट्स को भेजा जाता है. इससे इंसानी कर्मचारियों नुकसान से बच जाते है. उदाहरण के लिए, ‘पायनियर‘ (Pioneer) नामक रोबोट को चेरनोबिल परमाणु रिएक्टर में भेजा गया था ताकि उसके अंदर की संरचना का विश्लेषण किया जा सके. इसी तरह, 2011 के फुकुशिमा परमाणु हादसे से निपटने में भी रोबोट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
2. आपदा प्रबंधन
बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी रोबोट्स बहुत उपयोगी होते हैं. ये मलबे के नीचे दबे लोगों को खोजने, खतरनाक गैसों या पदार्थों के बारे में जानकारी देने और स्थिति का आकलन करने में मदद करते हैं.
कृषि क्षेत्र में रोबोटिक्स के अनुप्रयोग
कृषि में रोबोटिक्स का उपयोग खेतों में काम को आसान और अधिक कुशल बना रहा है. इससे उत्पादन बढ़ रहा है और लागत कम हो रही है.
1. फसल प्रबंधन
कृषि रोबोट, जिन्हें एग्रोबोट्स (Agrobots) भी कहते हैं, विभिन्न कामों के लिए इस्तेमाल होते हैं.
- फसल की कटाई: रोबोट्स फसलों की कटाई के काम को बहुत तेजी से और सटीकता से कर सकते हैं.
- खरपतवार नियंत्रण: ड्रोन और रोबोट्स खरपतवारों का पता लगा सकते हैं और केवल उन्हीं पर कीटनाशकों का छिड़काव कर सकते हैं, जिससे रसायनों का उपयोग कम होता है.
- बीज रोपण और मृदा विश्लेषण: ये रोबोट्स मिट्टी का विश्लेषण करके सबसे उपयुक्त स्थान पर बीज बो सकते हैं. यह फसल की पैदावार में सुधार करता है.
2. पशुधन रोबोटिक्स (Livestock Robotics)
पशुधन प्रबंधन में भी रोबोट्स का उपयोग बढ़ रहा है.
- स्वचालित दूध दुहना (Automatic Milking): रोबोटिक मिल्किंग सिस्टम गायों को स्वचालित रूप से दूध दुहने में मदद करते हैं.
- सफाई और देखभाल: रोबोट्स पशुओं की साफ-सफाई और उनके स्वास्थ्य की निगरानी में भी सहायता कर सकते हैं.
रोबोटिक्स और नैतिक चुनौतियाँ
जैसे-जैसे रोबोट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) हमारे जीवन में गहराई से समा रहे हैं, इनसे जुड़े नैतिक प्रश्न भी महत्वपूर्ण हो रहे हैं. यह एक ऐसा विषय है जहाँ रोबोटिक्स के अद्भुत लाभों और संभावित खतरों के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है.
पक्ष में तर्क
रोबोटिक्स के समर्थक कई सकारात्मक बिंदुओं पर जोर देते हैं:
- सुरक्षा और जोखिम में कमी: रोबोट्स को उन खतरनाक कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जो इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं. खदानों, परमाणु संयंत्रों, या युद्ध क्षेत्रों में काम करके वे मानव जीवन को बचाते हैं.
- दक्षता और सटीकता में वृद्धि: रोबोट्स बिना थके या गलती किए काम कर सकते हैं. वे विनिर्माण, सर्जरी और डेटा विश्लेषण जैसे कार्यों में सटीकता और गति को बढ़ाते हैं, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार होता है.
- जीवन की गुणवत्ता में सुधार: सहायक रोबोट्स बुजुर्गों, विकलांगों और बीमार लोगों की मदद करते हैं. ये उन्हें अधिक आत्मनिर्भर बनाते हैं और दैनिक जीवन को आसान बनाते हैं. इसके अलावा, चिकित्सा में रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को कम दर्द होता है और वे जल्दी ठीक हो पाते हैं.
- नौकरी के नए अवसर: जहाँ रोबोट्स कुछ नौकरियों को खत्म कर सकते हैं, वहीं वे रोबोटिक्स के डिजाइन, निर्माण, रखरखाव और प्रोग्रामिंग जैसे क्षेत्रों में नए और उच्च-कुशल नौकरियां भी पैदा करते हैं.
विपक्ष में तर्क
रोबोटिक्स के आलोचक कई गंभीर नैतिक चिंताओं को उठाते हैं:
- नौकरियों का विस्थापन: यह सबसे बड़ी चिंता है. जैसे-जैसे रोबोट अधिक कुशल होते जा रहे हैं, वे विनिर्माण, परिवहन और यहाँ तक कि सेवा क्षेत्रों में भी इंसानों की जगह ले रहे हैं. इससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी और आर्थिक असमानता पैदा हो सकती है.
- जवाबदेही का अभाव: अगर एक स्वायत्त रोबोट (autonomous robot) कोई गलती करता है, तो उसकी जवाबदेही किसकी होगी? क्या यह रोबोट को प्रोग्राम करने वाले की, उसे बनाने वाली कंपनी की, या मालिक की गलती होगी? कानूनी और नैतिक रूप से इसका निर्धारण करना एक बड़ी चुनौती है.
- घातक स्वायत्त हथियार (Lethal Autonomous Weapons): सैन्य रोबोटिक्स का विकास सबसे विवादास्पद मुद्दों में से एक है. यदि रोबोट्स को मानव नियंत्रण के बिना दुश्मन पर हमला करने की अनुमति दी जाती है, तो यह युद्ध के नैतिक नियमों को पूरी तरह से बदल देगा. ये ‘किलर रोबोट्स’ मानवीय हस्तक्षेप के बिना निर्दोष लोगों को भी निशाना बना सकते हैं.
- मानव–रोबोट संबंध: जैसे-जैसे रोबोट अधिक मानवीय (humanoid) होते जा रहे हैं, इंसानों का उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना संभव है. यह विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इससे सामाजिक और भावनात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
अंत में (Conclusion)
रोबोटिक्स का भविष्य जटिल है. इसके लाभों को पूरी तरह से प्राप्त करने और नैतिक खतरों को कम करने के लिए हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा. हमें रोबोटिक्स के विकास के लिए स्पष्ट कानूनी और नैतिक दिशानिर्देश बनाने चाहिए. रोबोट्स को इंसानों के सहायक के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि उनके प्रतिस्थापन के रूप में. इस तकनीक का बुद्धिमानी से उपयोग करके ही हम एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं जहाँ रोबोट और इंसान दोनों एक साथ मिलकर आगे बढ़ सकें.