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जातिवाद (Casteism): उत्पत्ति, कारण, दुष्प्रभाव व रोकने के उपाय
Polity

जातिवाद (Casteism): उत्पत्ति, कारण, दुष्प्रभाव व रोकने के उपाय

सामान्य अर्थ मे अपनी जाति के प्रति निष्ठा का भाव ही जातिवाद (Casteism) है. जातिवाद जाति के सदस्यों की वह संकुचित भावना है, जो राष्ट्र तथा समाज के सामान्य हितों की अवहेलना करते हुए अपनी जाति के सदस्यों के हितों को बढ़ावा देती है तथा उन्हे आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करती है. दुनिया मे […]

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राजनीतिक दल (Political Party) की विशेषताएं, उत्पत्ति, कार्य, भूमिका, महत्व और भारत
Polity

राजनीतिक दल की विशेषताएं, उत्पत्ति, कार्य, भूमिका, महत्व और भारत

प्रजातंत्र मे राजनीतिक दलों का होना बहुत आवश्यक और अनिवार्य हैं. अब प्रश्न यह उठता है कि राजनीतिक दल का अर्थ क्या हैं. आमतौर से एक ही राजनीतिक विचारधारा के समर्थन मिलकर राजसत्ता पाने के उद्देश्य से जो संगठन बनाते हैं, उसे राजनीतिक दल कहा जाता हैं. राजनीतिक दल जनमत के निर्माण और अभिव्यक्ति का

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राज्य (State) का अर्थ, तत्व, स्वरूप व उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धांत
Polity

राज्य (State) का अर्थ, तत्व, स्वरूप व उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धांत

राजनीति विज्ञान के अध्ययन का केंद्र-बिन्दु राज्य यानि State है. इस विषये मे राज्य के बारे मे सब कुछ जानने का प्रयास किया जाता है. राज्य आधुनिक युग की सर्वोच्च राजनीतिक इकाई है. प्रश्न यह है कि राज्य क्या है? राज्य कहते किसे है? राज्य का अर्थ क्या है? यानि राज्य की परिभाषा क्या है?  राज्य

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माओवाद क्या हैं? जानिए इसका इतिहास, सिद्धांत और प्रभाव
Polity

माओवाद क्या हैं? जानिए इसका इतिहास, सिद्धांत और प्रभाव

माओवाद साम्यवाद का वह रूप है जिसे चीन के नेता माओ त्से तुंग ने विकसित किया. इसकी मूल अवधारणा यह है कि राज्य की सत्ता को केवल सशस्त्र विद्रोह, जनसमर्थन के संगठन और रणनीतिक गठबंधनों के सहारे ही हासिल किया जा सकता है. माओ ने इस प्रक्रिया को “दीर्घकालिक जनयुद्ध” (Protracted People’s War) कहा, जिसमें

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नाटो: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन | North Atlantic Treaty Organization (NATO)
Misc GK

नाटो: उत्तर अटलांटिक संधि संगठन | North Atlantic Treaty Organization (NATO)

उत्तर अटलांटिक संधि संगठन या नाटो (NATO) विश्व का सबसे बड़ा सैन्य गठबंधन हैं. यह संगठन राजनीतिक, सैनिक, आर्थिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सहयोग एवं परामर्श के माध्यम से यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 28 देशों को उनकी सामूहिक सुरक्षा के लिये एकजुट करता है. इसका औपचारिक नाम ऑर्गेनाइजेशन डू ट्रेटे डी आई अटलांटिके नॉर्ड

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संप्रभुता (Sovereignty) का अर्थ, प्रकार, विशेताएं और अवधारणा
Polity

संप्रभुता (Sovereignty) का अर्थ, प्रकार, विशेताएं और अवधारणा

संप्रभुता को राजसत्ता या प्रभुसत्ता भी कहा जाता है. अंग्रेजी में इसे सॉवरेन्टी (Sovereignty) कहते हैं, जो लैटिन शब्द ‘सुप्रेनस’ (Suprenus) से बना है, जिसका अर्थ है ‘सर्वोच्च शक्ति’. राज्य शक्ति राज्य की एक विशेषता है और राज्य के चार तत्वों में से सबसे महत्वपूर्ण तत्व है. संप्रभुता का अर्थ (Sovereignty क्या है?) संप्रभुता राज्य

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भारत में यूरोपियों का आगमन | The Arrival of Europeans in India
History

भारत में यूरोपीय व इनके कंपनियों का आगमन | The Arrival of Europeans in India

भारत में यूरोपीय लोगों का आगमन कोई आकस्मिक घटना नहीं हैं. प्राचीन काल से ही भारत सोने की चिड़िया कहलाता था. इस कारण विदेशी हमेशा इस देश के प्रति आकृष्ट होते रहे थे. वे व्यापारी, आक्रमणकारी, छात्र या फिर जिज्ञासु पर्यटक के रूप में भारत आते रहे. अति प्राचीन काल से ही भारत और यूरोप

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सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-34), दांडी मार्च व प्रथम 2 गोलमेज सम्मेलन | Civil Disobedience Movement, Dandi March and the first two Round Table Conferences
History

सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-34), दांडी मार्च व प्रथम 2 गोलमेज सम्मेलन | Civil Disobedience Movement, Dandi March and the first two Round Table Conferences

भारतीय स्वतंत्रता के राष्ट्रीय आंदोलन में सविनय अवज्ञा आंदोलन स्वरणक्षरों में अंकित हैं. इसकी शुरुआत दांडी मार्च से हुई, जिसे नमक सत्याग्रह भी कहा जाता है. यह आंदोलन मोहनदास करमचंद गांधी के नेतृत्व में अहिंसक प्रतिरोध के रूप में प्रारंभ हुआ था. इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर लगाए गए एकाधिकार का विरोध करना

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साम्प्रदायिक निर्णय, पूना समझौता और गांधी का हरिजन आंदोलन | Communal Award and Poona Pact, 1932 and Harijan Movement of Gandhi
History

साम्प्रदायिक निर्णय, पूना समझौता और गांधी का हरिजन आंदोलन | Communal Award and Poona Pact, 1932 and Harijan Movement of Gandhi

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रेम्जे मेकडोनाल्ड ने 16 अगस्त 1932 को ‘साम्प्रदायिक निर्णय’ की घोषणा की. यह विभिन्न संप्रदायों के प्रतिनिधित्व के विषय पर जारी किया गया था. इसे ही कम्यूनल पंचाट भी कहा जाता हैं. इसके तहत प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय के लिये विधानमंडलों में कुछ सीटें सुरक्षित रखी गई, जिनके सदस्यों का चुनाव पृथक् निर्वाचक

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राज्य व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग | State and National Human Rights Commission (S/NHRC)
Civics

राज्य व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग | State and National Human Rights Commission (S/NHRC)

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना सरकार द्वारा अक्टूबर 1993 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अधीन की गई हैं. इस अधिनियम को 12 अक्टूबर 1993 को 28 सितंबर 1993 के मानव अधिकार अध्यादेश के संरक्षण में एकीकृत किया गया था. पुनः, मानव अधिकारों का संरक्षण अधिनियम 1993 (PHRA) द्वारा संवैधानिक आधार दिया गया था. NHRC

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