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संसदीय सरकार का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं गुण एवं दोष | Parliamentary form of Governance Features Pros and Cons UPSC in Hindi
Polity

संसदीय सरकार का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं गुण एवं दोष

संसदीय सरकार को उत्तरदायी सरकार भी कहते हैं. इसमें कार्यपालक शक्तियां एक मन्त्रिमण्डल में निहित होती हैं. इसलिए इसे मन्त्रिमण्डलात्मक सरकार भी कहा जाता है. संसदीय सरकार शासन की वह प्रणाली है जिसमें कार्यपालिका (मन्त्रिमण्डल) अपने कार्यों के लिए विधायिका (संसद) के प्रति उत्तरदायी होती है. इसलिए इसे उत्तरदायी सरकार भी कहा जाता है. इसमें […]

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महात्मा गाँधी का जीवन परिचय एवं शिक्षा-दर्शन |
Misc GK

महात्मा गाँधी का जीवन परिचय एवं शिक्षा-दर्शन

महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था. उनका जन्म 2 अक्टूबर,1869 को गुजरात के काठियावाड़ जिले के पोरबन्दर नामक स्थान पर हुआ था. उनके पिता करमचंद गाँधी पोरबन्दर रियासत के दीवान थे. बाद में वे राजकोट और कुछ समय बाद बीकानेर के भी दीवान बने. वे ईमानदार, साहसी एवं उदार प्रकृति के व्यक्ति

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74वां संविधान संशोधन क्या है? इसके उद्देश्य और अवधारणा | What is the 74th Constitutional Amendment? Its objectives and concept in Hindi UPSC
Civics

74वां संविधान संशोधन क्या है? इसके उद्देश्य और अवधारणा

सत्ता विकेन्द्रीकरण की दिशा में संविधान का 73वां और 74वां संविधान संशोधन एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम है. 74वां संविधान संशोधन नगर निकायों में सत्ता विकेन्द्रीकरण का एक मजबूत आधार है. अत: इस अध्याय का उद्देश्य 74वें संविधान संशोधन की आवश्यकता और 74वें संविधान संशोधन में मौजूद उपबंधों और नियमों को स्पष्ट करना है.  भारत

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ग्राम पंचायत का गठन, चुनाव प्रणाली, कार्य, एवं शक्तियां | Formation, election system, functions and powers of Gram Panchayat in Hindi UPSC
Civics

ग्राम पंचायत का गठन, चुनाव प्रणाली, कार्य, एवं शक्तियां

संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को मजबूती प्रदान की गई है. इस अधिनियम के द्वारा स्थानीय स्वशासन व विकास की इकाईयों को एक पहचान मिली है. त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में ग्राम पंचायत ग्रामीण विकास की पहली इकाई मानी गई है. गांव के लोगों के सबसे नजदीक होने के कारण इसका अत्यधिक

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मुद्रा, इसके प्रकार और अर्थव्यवस्था में महत्व | Currency its types and value in Economy UPSC in Hindi
Economics

मुद्रा (Currency): इसके प्रकार और अर्थव्यवस्था में महत्व 

जनसामान्य के लिए सिक्के और नोट ही मुद्रा (Currency) है. यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है. इसके बिना किसी भी प्रकार का लेन-देन संभव नहीं है. विश्व में सभी प्रकार के लेनदेन में मुद्रा का ही इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए घरेलु अर्थव्यवस्था के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के

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स्वतंत्रता का अवधारणा, प्रकार और जे. एस. मिल के विचार | Concept of Freedom Meaning Definition Types and J S Mill's Thoughts on this in Hindi.
Civics

स्वतंत्रता का अवधारणा, प्रकार और जे. एस. मिल के विचार

स्वतंत्रता का अंग्रेजी अनुवाद “लिबर्टी” है, जो लैटिन भाषा के शब्द “लिबर” से लिया गया है. “लिबर” का शाब्दिक अर्थ है – बंधनों का अभाव. इस दृष्टिकोण से, स्वतंत्रता का अर्थ है कि किसी की इच्छा या कार्य में कोई रुकावट न हो. हालांकि, स्वतंत्रता का सही अर्थ केवल बंधनों से मुक्त होना नहीं है.

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73वां संविधान संशोधन अधिनियम क्या है और कब हुआ?
Civics

73वां संविधान संशोधन अधिनियम क्या है और कब हुआ?

स्वतन्त्रता पश्चात देश को सुचारु रूप से चलाने के लिये हमारे संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान का निर्माण किया गया. इस संविधान में नियमों के अनुरूप व एक नियत प्रक्रिया के अधीन जब भी कुछ परिवर्तन किया जाता है या उसमें कुछ नया जोड़ा जाता है अथवा हटाया जाता है तो यह, संविधान संशोधन अधिनियम

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अफीम युद्ध के कारण और परिणाम
History

2 अफीम युद्ध के कारण और परिणाम

यूरोपियन साम्राज्य्वादियों द्वारा चीन में प्रभुत्व स्थापित करने के प्रयासों का परिणाम अफीम युद्ध के रूप में सामने आया. सत्रहवी शताब्दी के दौरान यूरोपीय व्यापारी समस्त विश्व में अपनी शर्तों पर दबाब की राजनीति अपनाकर व्यापार कर रहे थे. लेकिन, यूरोपियों को चीन ने अपनी शर्तों पर व्यापार करने हेतु मजबूर किया. मंचू राजवंश ने

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आर्थिक विकास के निर्धारक घटक एवं अवस्थाएं | Economic Development Determining Factors Theories Definitions and Phases in Hindi Aarthik Vikas ke ghatak aur awasthaen
Economics

आर्थिक विकास के निर्धारक घटक एवं अवस्थाएं

विश्व के समस्त देशों में आर्थिक विकास (या आर्थिक वृद्धि) हुए है. परन्तु उनकी वृद्धि दरें एक दूसरे से भिन्न रहती हैं. वृद्धि दरों में असमानताएं उनकी विभिन्न आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, तकनीकी एवं अन्य स्थितियों के कारण पाई जाती है. यहीं स्थितियां आर्थिक वृद्धि के कारक हैं. परन्तु इन कारकों का निश्चित रूप से

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वायसराय के रूप में लॉर्ड कर्जन के सुधार | Reforms by Lord Curzon
History

वायसराय के रूप में लॉर्ड कर्जन के सुधार

लॉर्ड कर्जन ने जनवरी,1899 ई. में भारत के वायसराय का पद ग्रहण किया. लॉर्ड कर्जन एक योग्य शासक था. उसके द्वारा किये गये भारतीय समस्याओं से संबंधित आंतरिक प्रशासनिक सुधार इस प्रकार है :- वायसराय के रूप में लॉर्ड कर्जन के सुधार दुर्भिक्ष एवं महामारी की रोकथाम –  लॉर्ड कर्जन ने बडे धैर्य से इनका

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