Author name: Team PD

Team PD includes all the persons associated with this website. We together bring to the point clear concept articles for you, which is supported by vast knowledge of our team.

आनुवंशिकी (Genetics) के नियम, मेंडल के प्रयोग व अन्य तथ्य
Biology

आनुवंशिकी (Genetics): अर्थ, सिद्धांत, मेंडल के प्रयोग व अन्य तथ्य

आनुवंशिकी, जीव विज्ञान की एक शाखा है जो जीन, आनुवंशिक भिन्नता, और जीवों में वंशानुक्रम का अध्ययन करती है. यह इस बात की पड़ताल करती है कि माता-पिता से उनकी संतानों में लक्षणों का वंशानुक्रम (inheritance) कैसे होता है. आनुवंशिकी व आनुवंशिकता क्या हैं? प्रत्येक जीव में बहुत से ऐसे गुण होते हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी […]

आनुवंशिकी (Genetics): अर्थ, सिद्धांत, मेंडल के प्रयोग व अन्य तथ्य Read More »

जैव विकास (Organic Evolution) के सिद्धांत, नियम, आलोचना व शब्दावली
Biology

जैव विकास (Organic Evolution) के सिद्धांत, नियम, आलोचना व शब्दावली

पृथ्वी पर वर्तमान जटिल प्राणियों का विकास प्रारम्भ में पाए जाने वाले सरल प्राणियों में परिस्थिति और वातावरण के अनुसार होने वाले परिवर्तनों के कारण हुआ. सजीव जगत में होने वाले इस परिवर्तन को जैव विकास (Organic evolution) कहते हैं. विकास या इवोल्यूशन (Evolution) शब्द का शाब्दिक अर्थ लिपटी हुई वस्तु को खोलकर उसमें समय-समय

जैव विकास (Organic Evolution) के सिद्धांत, नियम, आलोचना व शब्दावली Read More »

शैवाल (Algae): परिचय, लक्षण, आवास प्रजनन, लाभ व हानि
Biology

शैवाल (Algae): परिचय, लक्षण, आवास प्रजनन, लाभ व हानि

शैवाल या एल्गी (Algae) पादप जगत के सबसे सरल जलीय प्रकाश संश्लेषी जीव हैं, जो स्वयं भोजन का निर्माण करने में सक्षम होते हैं. यह ) पादप जगत का सबसे सरल जलीय जीव है. इनका वैज्ञानिक अध्ययन फाइकोलॉजी (Phycology) कहलाता है. शैवाल प्रायः हरितलवक युक्त (cholorophyllous), संवहन ऊतक रहित (Non vascular) स्वपोषी (Autotrophic) होते हैं.

शैवाल (Algae): परिचय, लक्षण, आवास प्रजनन, लाभ व हानि Read More »

बौद्धकालीन भारत के राज्य, शासन-प्रणाली, अर्थव्यवस्था व समाज
History

बौद्धकालीन भारत के राज्य, शासन-प्रणाली, अर्थव्यवस्था व समाज

बौद्धकालीन भारत: भारतीय इतिहास में बुद्ध का आगमन एक क्रान्तिकारी घटना है. उनका जन्म छठी शताब्दी ई.पू. में हुआ था. भारतीय इतिहास में यह काल बुद्ध युग के नाम से विख्यात है. 600 ई.पू. से लेकर 400 ई.पू. तक का काल-खण्ड भारतीय इतिहास का महत्त्वपूर्ण काल-खण्ड है. इस काल-खण्ड में भारत के इतिहास-गगन पर युग

बौद्धकालीन भारत के राज्य, शासन-प्रणाली, अर्थव्यवस्था व समाज Read More »

ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव | Effects of the British Rule on the Indian Economy
History

ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव | Effects of the British Rule on the Indian Economy

भारत में प्रारंभिक आक्रमणकारियों और ब्रिटिश साम्राज्यवादियों में मुख्य अंतर यह था कि अंग्रेजों के अतिरिक्त किसी अन्य प्रारंभिक आक्रमणकारी ने न ही भारतीय अर्थव्यवस्था की संरचना में परिवर्तन किया और न ही धन की निरंतर निकासी का सिद्धांत अपनाया. भारत में ब्रिटिश शासन के फलस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था, उपनिवेशी अर्थव्यवस्था में रूपांतरित हो गयी. भारतीय

ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव | Effects of the British Rule on the Indian Economy Read More »

छत्रपति शिवाजी महाराज, मराठा साम्राज्य, उत्तराधिकारी व शासन-व्यवस्था
History

छत्रपति शिवाजी महाराज, मराठा साम्राज्य, उत्तराधिकारी व शासन-व्यवस्था

छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा मराठा साम्राज्य का निर्माण एक क्रान्तिकारी घटना है. विजयनगर के उत्थान से भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण तत्व आया था. वैसे ही सत्रहवीं सदी के उत्तराद्ध में मराठा शक्ति के उत्थान से हुआ. भारतीय इतिहास के पूर्व मध्य काल में मराठों की राजनैतिक एवं सांस्कृतिक कार्यों में उज्जवल परम्पराएँ थीं. उस

छत्रपति शिवाजी महाराज, मराठा साम्राज्य, उत्तराधिकारी व शासन-व्यवस्था Read More »

आर्य समाज व दयानंद सरस्वती: उद्देश्य, सिद्धांत व शुद्धि आंदोलन
History

आर्य समाज व दयानंद सरस्वती: उद्देश्य, सिद्धांत व शुद्धि आंदोलन

आर्य समाज (Arya Samaj) हिन्दू धर्म का सुधारवादी आंदोलन था, जिसका मुख्य उद्देश्य प्राचीन वैदिक धर्म की शुद्ध रूप से पुनः स्थापना करना था. इसके संस्थापक दयानंद सरस्वती (1824-83) थे. इनके नेतृत्व में आर्य समाज द्वारा शैक्षिक सुधार, लैंगिक समानता और जातिविहीन समाज पर काम किया. इसने देश में चल रहे सामाजिक सुधार आंदोलनों को

आर्य समाज व दयानंद सरस्वती: उद्देश्य, सिद्धांत व शुद्धि आंदोलन Read More »

नेपोलियन बोनापार्ट का इतिहास, उदय, युद्ध, कार्य, पतन और उपलब्धियां
History

नेपोलियन बोनापार्ट का इतिहास, उदय, युद्ध, कार्य, पतन और उपलब्धियां

विश्व के महान सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 15 अगस्त सन् 1769 को कोर्सिल द्वीप में हुआ था. नेपोलियन के माता-पिता इटालियन मूल के थे. उसके पिता का नाम कार्लों बोनापार्ट था. कुलीन श्रेणी का परिवार होते हुए भी उसके पास जमीन-जायदाद का अभाव था. नेपोलियन के पिता वकील थे. परिवार मे आठ सन्ताने थी

नेपोलियन बोनापार्ट का इतिहास, उदय, युद्ध, कार्य, पतन और उपलब्धियां Read More »

पादप जगत का वर्गीकरण, इनकी विशेषताएं व महत्व
Biology

पादप जगत का वर्गीकरण, इनकी विशेषताएं व महत्व

आधुनिक काल में पादप जगत (Kingdom Plantae) का वर्गीकरण जीवों की संरचना, पोषण, प्रजनन और आनुवंशिक लक्षणों के आधार पर किया गया है. पादपों को मुख्यतः दो बड़े वर्गों में बाँटा गया है : उपरोक्त विभाजन का विस्तार से आगे वर्णन किया जा रहा हैं: थैलोफाइटा (Thallophyta) इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं: थैलोफाइटा का

पादप जगत का वर्गीकरण, इनकी विशेषताएं व महत्व Read More »

राजा राममोहन राय के ब्रह्म समाज का इतिहास, उद्देश्य, सुधार, योगदान व पतन | History, objectives, reforms, contribution and downfall of Raja Ram Mohan Roy's Brahmo Samaj
History

राजा राममोहन राय के ब्रह्म समाज का इतिहास, उद्देश्य, सुधार, योगदान व पतन | History, objectives, reforms, contribution and downfall of Raja Ram Mohan Roy’s Brahmo Samaj

राजा राममोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का जनक माना जाता है. वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उनके द्वारा स्थापित ब्रह्म समाज आधुनिक पाश्चात्य विचारों पर आधारित था. यह हिन्दू धर्म का पहला सुधार आंदोलन था. एक सुधारवादी के रूप में राजा राममोहन राय, मानवीय प्रतिष्ठा के आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं सामाजिक समानता के सिद्धांत

राजा राममोहन राय के ब्रह्म समाज का इतिहास, उद्देश्य, सुधार, योगदान व पतन | History, objectives, reforms, contribution and downfall of Raja Ram Mohan Roy’s Brahmo Samaj Read More »

Scroll to Top