Education

गुप्त साम्राज्य: उद्भव, राजनीतिक विकास, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और प्रशासन
History

गुप्त साम्राज्य: उद्भव, राजनीतिक विकास, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और प्रशासन

भारत के इतिहास में गुप्त साम्राज्य अपनी सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और राजनीतिक उपलब्धियों के लिए विख्यात है. चौथी शताब्दी की शुरुआत में उत्तरी भारत में व्याप्त राजनीतिक विखंडन के दौर में था. कुषाण साम्राज्य के विघटन के उपरांत छोटे राज्य और स्वायत्त इकाइयाँ अस्तित्व में थीं. इस कमजोरी का फायदा गुप्तों ने उठाया और एक समृद्ध […]

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भारत की प्राकृतिक वनस्पति: वर्गीकरण, महत्व और निर्धारक
Geography

भारत की प्राकृतिक वनस्पति: वर्गीकरण, महत्व और निर्धारक

भारत की प्राकृतिक वनस्पति पृथ्वी पर मौजूद सबसे विविध और समृद्ध पारिस्थितिक तंत्रों में से एक है.भारत अपनी अनूठी भौगोलिक और विविध जलवायु परिस्थितियों के कारण असाधारण रूप से विविध प्राकृतिक वनस्पति का घर है. यह विविधता केवल एक भौगोलिक विशेषता नहीं है, बल्कि यह भारत की समृद्ध जैव विविधता का आधार भी है, जो

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अफगानिस्तान का इतिहास, अमेरिकी हमला, तालिबानी शासन और वर्तमान चुनौतियां
History

अफगानिस्तान का इतिहास, अमेरिकी हमला, तालिबानी शासन और वर्तमान चुनौतियां

अफगानिस्तान दक्षिण-केंद्रीय एशिया में स्थित एक लैंडलॉक्ड देश है. यह पाकिस्तान (पूर्व और दक्षिण), ईरान (पश्चिम), तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, और ताजिकिस्तान (उत्तर), और चीन (उत्तर-पूर्व) से घिरा है. इसका क्षेत्रफल लगभग 652,230 वर्ग किमी (251,830 वर्ग मील) है. इसकी कुल सीमा लंबाई 3,436 मील है. इसका पाकिस्तान के साथ सबसे लंबी सीमा (1,510 मील) है. भौगोलिक

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भारत की जलवायु: क्षेत्र, कारक, विशेषताएं और अन्य तथ्य | Climate of India, features, factors, regions and other facts in Hindi
Geography

भारत की जलवायु: क्षेत्र, कारक, विशेषताएं और अन्य तथ्य

यह खंड भारत की जलवायु, इसके निर्धारक कारकों, विशेषताओं, जलवायु क्षेत्रों, और अक्षांश, देशांतर तथा पृथ्वी के वार्षिक परिक्रमण के प्रभाव का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करता है. यह जानकारी शैक्षिक और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए उपयोगी है और विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है. भारत की जलवायु: परिचय और प्रकार भारत की जलवायु मुख्यतः

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चेर वंश का इतिहास, शासक, भूगोल, सामाजिक और आर्थिक स्थिति
History

चेर वंश का इतिहास, शासक, प्रशासन, आर्थिक स्थिति और अन्य तथ्य

चेर वंश (Chera Dynasty) दक्षिण भारत का एक प्रमुख प्राचीन राजवंश था, जो तमिलकम के तीन प्रमुख राजवंशों (चेर, चोल, और पांड्य) में से एक था. इन्होंने वर्तमान केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों पर शासन किया. चेर वंश का इतिहास संगम साहित्य, शिलालेखों, और विदेशी स्रोतों से प्राप्त होता है. इनके शासन को दो

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भारत का नदी प्रणाली और प्रमुख नदियाँ (River system and major rivers of India)
Geography

भारत का नदी प्रणाली और प्रमुख नदियाँ

भारत के नदी प्रणाली को मुख्य रूप से दो वर्गों में बांटा जा सकता है- पहला हिमालयी नदियाँ और दूसरा प्रायद्वीपीय नदियाँ. हिमालयी नदियाँ, जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र और इंदुस, हिमनदों और बर्फ के पिघलने से निरंतर बहती हैं. लेकिन प्रायद्वीपीय नदियाँ, जैसे नर्मदा, तापी, गोदावरी और कृष्णा, मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर हैं. इसलिए

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शैल चक्र और चट्टानों के प्रकार
Geography

शैल चक्र और चट्टानों के प्रकार

शैल चक्र (Rock Cycle) भूविज्ञान का एक मूलभूत सिद्धांत है, जो चट्टानों के निर्माण, परिवर्तन और पुनर्चक्रण की प्रक्रिया को समझाने में मदद करता है. यह प्रक्रिया पृथ्वी की सतह और इसके आंतरिक भागों में होने वाली भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रक्रियाओं द्वारा संचालित होती है. नीचे दिए गए विस्तृत विश्लेषण में, हम शैल चक्र

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प्राचीन भारत का ऐतिहासिक स्त्रोत | Historical Sources of Ancient India in Hindi
History

प्राचीन भारत का ऐतिहासिक स्त्रोत, साक्ष्य और लेखन की तकनीक

प्राचीन भारत को जानने के लिए आधुनिक शैली के ऐतिहासिक लेखन का अभाव है. इस काल के ऐसे ग्रंथों का अभाव मिलता हैं, जिन्हें आधुनिक परिभाषा के अनुसार ‘इतिहास’ कहा जाता है. इसलिए प्राचीन भारत के इतिहास को जानने के लिए साहित्यिक स्रोतों, पुरातात्त्विक साक्ष्यों तथा विदेशी यात्रियों के वर्णनों का मदद लिया जाता है.

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भारत का सहकारिता आंदोलन, उद्भव, विकास, स्तर और गुण-दोष
Economics

भारत का सहकारिता आंदोलन, उद्भव, विकास, स्तर और गुण-दोष

भारत में सहकारिता आंदोलन की शुरुआत औपनिवेशिक काल में हुई, जब 1904 में सहकारी ऋण समिति अधिनियम पारित हुआ. इसका उद्देश्य किसानों को साहूकारों के शोषण से बचाना था. यह आंदोलन यूरोपीय मॉडल, विशेष रूप से जर्मनी के रायफाइज़न मॉडल से प्रेरित था. वैश्विक सहकारी आंदोलन की नींव 1844 में रोशडेल पायनियर्स ने लंकाशायर, इंग्लैंड

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मानव विकास सूचकांक (HDI) की अवधारणा, इतिहास और भारत
Economics

मानव विकास सूचकांक (HDI) की अवधारणा, इतिहास और भारत

मानव विकास सूचकांक (HDI) एक संयुक्त सूचकांक है, जो किसी देश के मानव विकास की औसत उपलब्धियों को तीन आधारभूत आयामों के आधार पर मापता है. ये आयाम हैं: (i) दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन,  (ii) ज्ञान प्राप्त करना, और  (iii) शिष्ट व शालीन जीवन जीना.  इनका मापन निम्नलिखित तरीकों से होता है:  मानव विकास सूचकांक:

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