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वित्त आयोग (अणु० 280): गठन, कार्य व शक्तियां तथा महत्व
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वित्त आयोग (अनु० 280): गठन, कार्य व शक्तियां तथा महत्व

वित्त आयोग भारत के संघीय व्यवस्था में महत्वपूर्ण संवैधानिक निकाय है. इसका स्वरुप अर्धन्यायिक व सलाहकारी है. इसका प्राथमिक उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व के वितरण, राज्यों को सहायता अनुदान के सिद्धांतों और अन्य वित्तीय मामलों पर राष्ट्रपति को सिफारिशें प्रस्तुत करना है. इस प्रकार यह संस्था भारत के राजकोषीय संघवाद की […]

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पांचवीं और छठी अनुसूची के प्रावधान, समिति, महत्व व अनुच्छेद
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पांचवीं और छठी अनुसूची के प्रावधान, समिति, महत्व व अनुच्छेद

भारतीय संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची में देश के विभिन्न राज्यों में रहने वाले अनुसूचित क्षेत्रों और जनजातीय समुदायों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित हैं. इसका वर्णन संविधान के भाग 10 में अनुच्छेद 244 के उपबंध में है. इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य जनजातीय आबादी के हितों की रक्षा करना, उनकी संस्कृति को

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भारत में वामपंथी उग्रवाद का इतिहास, पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति
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भारत में वामपंथी उग्रवाद का इतिहास, पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति

यह लेख भारत में वामपंथी उग्रवाद के उद्भव, कारणों, विभिन्न चरणों, लक्ष्यों व उद्देश्यों, प्रभावित क्षेत्रों, सांगठनिक ढांचे, आंतरिक सुरक्षा से संबंध, सरकारी प्रयासों व योजनाओं, तथा वर्तमान स्थिति का तथ्यात्मक रूप से वर्णन करती है. लेख में केवल प्रामाणिक या सरकारी स्त्रोतों से प्राप्त अनंतिम तथ्यों व आंकड़ों को समाहित किया गया है. वामपंथी

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भारत का महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल) | Attorney General of India
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भारत का महान्यायवादी (अटॉर्नी जनरल, अनु० 76 )

भारत का महान्यायवादी संघ की कार्यपालिका का एक अंग है. महान्यायवादी (AG) देश कासर्वोच्च विधि अधिकारी होता है. संविधान के अनुच्छेद 76 में महान्यायवादी के पद से संबंधित प्रावधान किए गए है. कानूनी मामलों में केंद्र सरकार को सलाह एवं परामर्श देना इनका मुख्य काम है. औपनिवेशिक काल में भारत का महान्यायवादी भारत का महान्यायवादी

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जिला प्रशासन का संरचना, महत्त्व, कार्य और दायित्व | District Administration in Hindi
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जिला प्रशासन का संरचना, महत्त्व, कार्य और दायित्व

हमने पढ़ा है कि यह मुख्यमंत्री और उनकी परिषद ही है जो सभी नीतिगत निर्णय लेती है. अब सवाल यह है कि राज्य सरकार की सभी नीतियों को कौन क्रियान्वित करता है. जिला प्रशासन की प्राथमिक इकाई है. जिले के माध्यम से ही लोग सीधे सरकार के संपर्क में आते हैं. लोग अपनी शिकायतें जिला

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राज्य सरकार का संचालन और विधानमंडल 
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राज्य सरकार का संचालन और विधानमंडल 

भारत में सरकार का ढांचा संघीय स्वरूप का हैं. अर्थात यहाँ दो स्तर की सरकारें हैं- संघ सरकार और राज्य सरकार. भारतीय संविधान में दोनों तरह की सरकारों के कामकाज को निर्दिष्ट किया गया है. वास्तव में केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र सम्पूर्ण देश और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तक विस्तृत होता है. लेकिन राज्य सरकार देश

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संसदीय कार्यवाही के साधन या उपकरण | Devices of Parliamentary Proceedings in Hindi
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संसदीय कार्यवाही के साधन या उपकरण

संसदीय सत्र के दौरान, भारतीय संसद के दोनों सदनों में संसदीय कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग किया जाता है. ये उपकरण संसद सदस्यों को सदन के नियमों के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इन्हें संसदीय कार्यवाही के साधन या उपकरण कहा जाता है. वास्तव में,

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लोकसभा अध्यक्ष का चयन, कार्य और शक्तियां | Chairperson of Loksabha | Loksabha President | Sabhapati |Pithasin Ahikari
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लोकसभा अध्यक्ष का चयन, कार्य और शक्तियां 

लोकसभा अध्यक्ष; संसद के निचले सदन (लोकसभा) का सर्वोच्च प्राधिकारी और अध्यक्षीय अधिकारी होता है. लोकसभा के सदस्यों में से ही अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का निर्वाचन होता है, जिनका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है. किंतु वे समय से पूर्व भी त्यागपत्र दे सकते हैं अथवा दो तिहाई मत से पारित प्रस्ताव द्वारा उन्हें हटाया

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भारत के संविधान में उच्च न्यायालयों का प्रावधान | Provision of High Courts in the Constitution of India
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भारतीय संविधान में उच्च न्यायालय का प्रावधान और शक्तियां (अनु. 214-232)

भारत के संविधान में उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) का प्रावधान भी किया गया है. भारतीय न्यायिक व्यवस्था में सर्वोच्च अदालत के बाद इन्हीं अदालतों का वरीयता दिया जाता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 214 से 232 तक उच्च न्यायालयों से संबंधित प्रावधान हैं. संक्षेप में, ये अनुच्छेद भारतीय न्यायिक प्रणाली में उच्च न्यायालयों की भूमिका,

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सर्वोच्च न्यायालय का गठन, क्षेत्राधिकार, कॉलेजियम प्रणाली और अन्य तथ्य
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सर्वोच्च न्यायालय का गठन, क्षेत्राधिकार, कॉलेजियम प्रणाली और अन्य तथ्य

आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय का गठन, शक्तियां एवं कार्य, न्यायाधीशों की नियुक्ति, शपथ, योग्यताएं, आयु सीमा, महाभियोग, वेतन व भत्ते एवं अन्य तथ्यों के बारे में जानेंगे. सर्वोच्च न्यायालय के गठन (Formation of Supreme Court) भारतीय संविधान के भाग V के अध्याय 4 के तहत सर्वोच्च न्यायालय स्थापित किया गया

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