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गुप्त साम्राज्य: उद्भव, राजनीतिक विकास, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और प्रशासन
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गुप्त साम्राज्य: उद्भव, राजनीतिक विकास, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और प्रशासन

भारत के इतिहास में गुप्त साम्राज्य अपनी सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और राजनीतिक उपलब्धियों के लिए विख्यात है. चौथी शताब्दी की शुरुआत में उत्तरी भारत में व्याप्त राजनीतिक विखंडन के दौर में था. कुषाण साम्राज्य के विघटन के उपरांत छोटे राज्य और स्वायत्त इकाइयाँ अस्तित्व में थीं. इस कमजोरी का फायदा गुप्तों ने उठाया और एक समृद्ध […]

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अफगानिस्तान का इतिहास, अमेरिकी हमला, तालिबानी शासन और वर्तमान चुनौतियां
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अफगानिस्तान का इतिहास, अमेरिकी हमला, तालिबानी शासन और वर्तमान चुनौतियां

अफगानिस्तान दक्षिण-केंद्रीय एशिया में स्थित एक लैंडलॉक्ड देश है. यह पाकिस्तान (पूर्व और दक्षिण), ईरान (पश्चिम), तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, और ताजिकिस्तान (उत्तर), और चीन (उत्तर-पूर्व) से घिरा है. इसका क्षेत्रफल लगभग 652,230 वर्ग किमी (251,830 वर्ग मील) है. इसकी कुल सीमा लंबाई 3,436 मील है. इसका पाकिस्तान के साथ सबसे लंबी सीमा (1,510 मील) है. भौगोलिक

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चेर वंश का इतिहास, शासक, भूगोल, सामाजिक और आर्थिक स्थिति
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चेर वंश का इतिहास, शासक, प्रशासन, आर्थिक स्थिति और अन्य तथ्य

चेर वंश (Chera Dynasty) दक्षिण भारत का एक प्रमुख प्राचीन राजवंश था, जो तमिलकम के तीन प्रमुख राजवंशों (चेर, चोल, और पांड्य) में से एक था. इन्होंने वर्तमान केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों पर शासन किया. चेर वंश का इतिहास संगम साहित्य, शिलालेखों, और विदेशी स्रोतों से प्राप्त होता है. इनके शासन को दो

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प्राचीन भारत का ऐतिहासिक स्त्रोत | Historical Sources of Ancient India in Hindi
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प्राचीन भारत का ऐतिहासिक स्त्रोत, साक्ष्य और लेखन की तकनीक

प्राचीन भारत को जानने के लिए आधुनिक शैली के ऐतिहासिक लेखन का अभाव है. इस काल के ऐसे ग्रंथों का अभाव मिलता हैं, जिन्हें आधुनिक परिभाषा के अनुसार ‘इतिहास’ कहा जाता है. इसलिए प्राचीन भारत के इतिहास को जानने के लिए साहित्यिक स्रोतों, पुरातात्त्विक साक्ष्यों तथा विदेशी यात्रियों के वर्णनों का मदद लिया जाता है.

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मगध साम्राज्य के 3 प्रमुख राजवंश, उदय और विस्तार का कारण | 3 Dynasties of Magadh, rise, expansion and fall reasons explained in Hindi for UPSC BPSC UPPSC JPSC MPSC RPSC and Railways Competitive Government Exams in Hindi
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मगध साम्राज्य के 3 प्रमुख राजवंश, उदय और विस्तार का कारण

684 ईसा पूर्व से 320 ईसा पूर्व तक भारत में मगध साम्राज्य का शासन था. मगध साम्राज्य का उदय राजा बिम्बसार (544-492 ई.पू.) के शासन काल में हुआ, जिन्होंने अपनी नीति और सैन्य ताकत से राज्य को शक्तिशाली बनाया. उनकी राजधानी राजगीर थी, जो नदियों और पहाड़ों से सुरक्षित थी, और उनके शासनकाल में कृषि

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16 महाजनपद, उनकी राजधानी, शासन-प्रणाली और विस्तार
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16 महाजनपद, उनकी राजधानी, शासन-प्रणाली और क्षेत्र

बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय में प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों (या महान साम्राज्यों) का उल्लेख है. ये छठी शताब्दी ईसा पूर्व की शुरुआत में उभरे थे. ये महाजनपद छठी और चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में उल्लेखनीय रूप से विकसित हुए. नदी के जलोढ़ भूमि के कारण यहां

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द्वितीय विश्व युद्ध के कारण, प्रमुख घटनाएं और परिणाम | Second World War Reasons, main incidents Result and Repercussions on the world
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द्वितीय विश्व युद्ध के कारण, प्रमुख घटनाएं और परिणाम

द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) 1919 के पेरिस शांति सम्मेलन के 20 वर्ष बाद 1939 में शुरू हुआ. 1 सितंबर 1939 को हिटलर के पोलैंड पर आक्रमण करने के बाद 3 सितंबर 1939 को इंग्लैंड ने जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की. यह द्वितीय विश्वयुद्ध का आधिकारिक आगाज था.युद्ध के दौरान, केन्द्रीय शक्तियाँ—जर्मनी,

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जर्मनी का वाइमर संविधान: विशेषता, उत्पत्ति और पतन के कारण | Weimar Republic of Germany | Rise and Fall in Hindi UPSC BPSC State PCS Prelims and Mains Exam
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जर्मनी का वाइमर संविधान: विशेषता, उत्पत्ति और पतन के कारण

जर्मनी का वाइमर संविधान, जिसे जर्मन संविधान के नाम से भी जाना जाता है. यह 1919 से 1933 तक वाइमर गणराज्य युग के दौरान जर्मनी का आधिकारिक संविधान था. इसे 11 अगस्त 1919 को लागू किया गया. इसमें लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की स्थापना की गई, जिसमें राष्ट्रपति राष्ट्रप्रमुख और चांसलर सरकार का प्रमुख होता था.वाइमर

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विजयनगर साम्राज्य का इतिहास, सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक विशेषताएं | Vijaynagar Empire History and System UPSC BPSC State PCS in Hindi
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विजयनगर साम्राज्य का इतिहास, सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक विशेषताएं

1336 ईस्वी में अंतिम यादव शासक संगम के पुत्रों, हरिहर और बुक्का ने तुंगभद्रा नदी के किनारे विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की. दोनों भाई पहले काकतीय राजवंश में सामंत और बाद में कांपिली राज्य के मंत्री थे. जब तुगलकों ने वारंगल पर हमला किया, तो हरिहर और बुक्का कांपिली चले गए. लेकिन मुहम्मद-बिन-तुगलक ने कांपिली

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जैन धर्म का इतिहास, प्रसार, दर्शन, सम्प्रदाय और मान्यताएं
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जैन धर्म का इतिहास, प्रसार, दर्शन, सम्प्रदाय और सिद्धांत

जैन धर्म एक प्राचीन धर्म है. यह अहिंसा और आत्म-संयम के माध्यम से आध्यात्मिक शुद्धता और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग सिखाता है. जैन धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार छठी शताब्दी ईसा पूर्व में भगवान महावीर के के समस्य हुए. भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे. प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ थे. जैन धर्म का

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