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नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
Economics

नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?

नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य वर्तमान भेदभावपूर्ण आर्थिक सम्बन्धों का निर्धारण नए सिरे से करना है. नई अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के समर्थक देशों का मानना है कि विकसित और विकासशील देशों में गहरी आर्थिक असमानता है. वर्तमान व्यवस्था धनी या विकसित देशों के हितों की ही पोषक है. नई अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का उद्देश्य […]

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नवपाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं: औजार, व्यापार व स्थल
History

नवपाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं: औजार, व्यापार व स्थल

नवपाषाण शब्द उस काल को सूचित करता है जब मनुष्य को धातु के बारे में जानकारी नही थी. परन्तु उसने स्थायी निवास, पशु-पालन, कृषि कर्म, चाक पर निर्मित मृदभांड बनाने शुरू कर दिए थे. इस काल की जलवायु लगभग आज कल के समान थी इसलिए ऐसे पौधे पैदा हुए जो लगभग आज के गेंहू तथा

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सामंतवाद से क्या तात्पर्य है? परिभाषा, उदय और पतन के कारण
History

सामंतवाद से क्या तात्पर्य है? परिभाषा, उदय और पतन के कारण

यूरोप और ऐशिया के सामान्यत: मध्यकाल के युग को सामंतवाद कहा जाता है क्योंकि इसका उदय, विकास और हृास इसी काल में हुआ. इस शब्द की विभिन्न परिभाषाएं हैं क्योंकि विभिन्न विद्वानों ने इसकी अलग-अलग व्याख्या की है. इसका प्रयोग ऐतिहासिक विकास की भिन्न-भिन्न अवस्थाओं के सन्दर्भ में किया जाता है और ये अवस्थाएं कालक्रम

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मार्क्सवाद क्या है? प्रमुख विशेषताएं, सिद्धांत, महत्व और आलोचनाएं
History Polity

मार्क्सवाद क्या है? प्रमुख विशेषताएं, सिद्धांत, महत्व और आलोचनाएं

मार्क्सवाद क्या है? जर्मन विचारक कार्ल मार्क्स के समाज, अर्थशास्त्र और राजनीति से संबंधित विचारों को सामूहिक रूप में मार्क्सवाद के नाम से जाना जाता है. मार्क्सवादी विचारधारा के जन्मदाता कार्ल मार्क्स 1818-1883 तथा फ्रेडरिक एन्जिल्स 1820-1895 है. इन दोनों विचारको ने इतिहास समाजशास्त्र विज्ञान, अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान की समस्याओ पर संयुक्त रूप से

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3 आंग्ल-मराठा युद्ध के कारण एवं परिणाम
History

3 आंग्ल-मराठा युद्ध के कारण एवं परिणाम

जब मुग़ल कमजोर हो गए तो अंग्रेजों और मराठे अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करने लगे. इसी का परिणाम आंग्ल-मराठा युद्ध के रूप में सामने आया. दोनों शक्तियों के बीच कुल तीन युद्ध लड़े गए. इनमें मराठों का हार हुआ और पश्चिमी भारत में ब्रिटिश हुकूमत कायम हो गया. प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1772 ई. से

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रूसी क्रांति 1917 के कारण और प्रभाव | Bolshevik Revolution of Russia 1917
History

रूसी क्रांति 1917 के कारण और प्रभाव

1917 का रूसी क्रांति (लाल या बोल्शेविक क्रांति भी) आधुनिक युग का सबसे युगांतकारी क्रांति है. इसका वैश्विक राजनीति पर आज भी प्रभाव बना हुआ है. इसी क्रांति के बाद सोवियत रूस में साम्यवादी सरकार स्थापित हुआ था. वहीं, इस वक्त के शक्तिशाली पश्चिमी देशों में पूंजीवादी सरकारें थीं. इसलिए दोनों विचारधारा के देशों में

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शीत युद्ध के कारण और इसके प्रभाव | Cold War Reason Impact and Aftermath
History

शीत युद्ध के कारण और इसके प्रभाव

शीत युद्ध की अवधारणा का जन्म द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद 1945 में हुआ. यह अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्धों की एक सच्चाई है जो अमेरिका तथा सोवियत संघ के पारस्परिक सम्बन्धों को उजागर करती है. यह द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का एक नया अध्याय है. इसे एक नया अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक विकास का नाम

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चार्ल्स डार्विन का विकासवाद का सिद्धांत
Biology

चार्ल्स डार्विन का विकासवाद का सिद्धांत

विकास वह नाम है जो कि हमें सभी प्राकृतिक घटनाओं में क्रम की विस्तृत योजना को देते है. विकासवाद के सामने मुख्य समस्या उपस्थित होती है कि विश्व और जीव का विकास किस नियम से हो रहा है? अर्थात् विकास प्रक्रिया का स्वरूप क्या है? इस समस्या के समाधान के लिए विभिन्न विचारकों ने भिन्न

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उपभोक्ता व्यवहार क्या है? ख़रीदार कैसे प्रभावित होते है?
Economics

उपभोक्ता व्यवहार क्या है? ख़रीदार कैसे प्रभावित होते है?

उपभोक्ता व्यवहार विश्व की समस्त विपणन क्रियाओं का केन्द्र बिन्दु उपभोक्ता है. आज विपणन के क्षैत्र में जो कुछ भी किया जा रहा है उसके केन्द्र में कही न कही उपभोक्ता विद्यमान है. इसलिए उपभोक्ता को बाजार का राजा या बाजार का मालिक कहा गया है. सभी विपणन संस्थाए उपभोक्ता की आवश्यकताओं इच्छाओं, उसकी पंसद

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केन्द्रीय सतर्कता आयोग के कार्य एवं अधिकार
Civics

केन्द्रीय सतर्कता आयोग के कार्य एवं अधिकार

केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की स्थापना सन 1964 में की गयी थी. केन्द्रीय सतर्कता आयोग के गठन की सिफारिश संथानम समिति (1962-64) द्वारा की गयी थी, जिसे भ्रष्टाचार रोकने से सम्बन्धित सुझाव देने के लिए गठित किया गया था. केन्द्रीय सतर्कता आयोग सांविधिक दर्जा (statutory status) प्राप्त एक बहुसदस्यीय संस्था हे. केन्द्रीय सतर्कता आयोग किसी

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