Education

सुमेरियन सभ्यता का सामाजिक और आर्थिक जीवन, Economic, Political, Social and religious activities during Ancient Sumerian or Mesopotamia Civilisation
History

सुमेरियन सभ्यता का सामाजिक और आर्थिक जीवन

सुमेरियन सभ्यता एवं नगर राज्यों का विकास दजला (टिगरिस) एवम् फरात (युफ़्रेटीस) नदियों के मध्य क्षेत्र में विकसित हुआ. दो नदियों के बीच के भूमि में स्थित होने के कारण इसे ‘मेसोपोटामिया का सभ्यता’ भी कहा जाता है. यूनानी में मेसोपोटामिया का अर्थ ‘दो नदियों की भूमि’ होता है. आधुनिक इराक़ बाबिल ज़िला, उत्तरपूर्वी सीरिया, […]

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समाजशास्त्र का उद्भव एवं विकास, Socialism Evolution and Development, Timeline, History Essay in Hindi for UPSC and State PCS CSE with definition.
Civics

समाजशास्त्र का उद्भव एवं विकास

समाजशास्त्र का उद्भव बहुत पुराना नहीं है. समाजशास्त्र को अस्तित्व में लाने का श्रेय फ्रांस के विद्वान आगस्त कोंत को जाता है. जिन्होंने 1838 में इस नए विज्ञान को समाजशास्त्र नाम दिया. मैकाइवर कहते है कि ‘‘विज्ञान परिवार में पृथक नाम तथा स्थान सहित क्रमबद्ध ज्ञान की प्राय: सुनिश्चित शाखा के रूप में समाजशास्त्र को

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संविधानवाद का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं तत्व विकास, Constitutionalism Concept Explained for UPSC and State PCS in Hindi, Essay for CSE, Hindi Essay for CSE, Free
Civics Polity

संविधानवाद का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, तत्व एवं विकास

संविधानवाद का इतिहास भी उतना ही पुराना है, जितना राजनीतिक संस्थाओं का इतिहास. राजनीतिक संस्थाओं और राजनीतिक शक्ति के प्रादुर्भाव ने मानव को इनकी निरंकुशता के बारे में सोचने को बाध्य किया है. शक्ति मनुष्य को भ्रष्ट करती है और जब इसका सम्बन्ध राजनीतिक संस्थाओं या राजनीति से जुड़ जाता है तो इसके पथभ्रष्ट व

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कृषि को प्रभावित करने वाले कारक, Factors those affect agriculture
Economics

कृषि को प्रभावित करने वाले 10 कारक

कृषि कार्य को प्राकृतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक कारक प्रभावित करते हे. प्राकृतिक वातावरण कृषि का आधार होता है अत: यह प्रत्यक्ष रूप से कृषि को प्रभावित करता हे. कृषि को प्रभावित करने वाले भौतिक कारक इस सभी कारकों के प्रभाव स्वरूप ही कृषि में विशिष्टता आती हे. अत: कृषि को प्रभावित करने वाले कारकों

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सामाजिक परिवर्तन का चक्रीय सिद्धांत, Circular Theory of Social Transformation
Civics

सामाजिक परिवर्तन का चक्रीय सिद्धांत

सामाजिक परिवर्तन के संबंध में विद्वानों ने अपने-अपने सिद्धांत का उल्लेख किया है. इन सिद्धांतों को कई प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है. उद्वविकासवादी के प्रमुख प्रवर्तक हर्बर्ट स्पेन्सर हैं जिनके अनुसार सामाजिक परिवर्तन धीरे-धीरे, सरल से जटिल की और कुछ निश्चित स्तरों से गुजरता हुआ होता है. संरचनात्मक कार्यात्मक सिद्धांत के प्रवर्तकों में

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उत्पाद नियोजन क्या है? उत्पाद नियोजन की आवश्यकता एवं महत्व
Economics

उत्पाद नियोजन क्या है? उत्पाद नियोजन की आवश्यकता एवं महत्व

उत्पाद नियोजन से आशय उन प्रयासों से है जिनके द्वारा बाजार या उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं एवं इच्छाओं के अनुरूप उत्पाद या उत्पाद श्रृंखला को निर्धारित किया जाता है. दूसरे शब्दों में हम कह सकते है कि उत्पाद नियोजन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा उपभोक्ताओं की इच्छाओं एवं आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोगी उत्पादों को

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अलाउद्दीन खिलजी का राजनैतिक जीवन और आर्थिक सुधार
History

अलाउद्दीन खिलजी का राजनैतिक जीवन और आर्थिक सुधार

अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत पर काबिज़ खिलजी वंश का दूसरा शासक था. वह मध्य एशिया से आए एक तुर्क गुलाम के वंश से था, जिसे पकड़कर भारत लाया गया था. अलाउद्दीन खिलजी अपने पूर्ववर्ती शासक जलालुद्दीन खिलजी का दामाद और भतीजा था. अलाउद्दीन खिलजी ने 19 जुलाई 1296 ई. में सुल्तान जलाउद्दीन खिलजी की हत्या

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मौद्रिक नीति क्या है? RBI इसमें हस्तक्षेप क्यों करता है? Monetary Policy deciding Factors in Hindi, RBI Policy, Reserve Bank of India, Role of RBI in Banking Sector, Inflation and Deflation Control
Economics

मौद्रिक नीति क्या है? RBI इसमें हस्तक्षेप क्यों करता है?

मौद्रिक नीति किसी भी देश का आर्थिक विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और कॉर्पोरेट जगत में व्यापक चर्चा में रहते है. आज के समय वैश्विक अर्थव्यवस्था आपस में जुड़कर एकल अर्थव्यवस्था का रूप ले चुका है. ऐसे में एक देश के मौद्रिक नीति का असर दूसरे देश पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अक्सर हो जाता है.

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संप्रेषण का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, मॉडल एवं प्रक्रिया, Communication Concept Clear for UPSC or CSE in Hindi by Piyadassi.in
Civics

संप्रेषण का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, मॉडल एवं प्रक्रिया

संप्रेषण (Communication) से तात्पर्य है-भाव, विचार, सूचना, संदेश आदि को एक इकाई से दूसरी इकाई तक पहुँचाना और प्रतिक्रिया प्राप्त करना. क्रियाओं का वह व्यवस्थित क्रम व स्वरूप जिसके द्वारा एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को, एक समूह दूसरे समूह को एक विभाग दूसरे विभाग को एक संगठन बाहरी पक्षकारों को विचारों सूचनाओं, भावनाओं व दृष्टिकोणों

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जनसंचार के प्रमुख कार्य, प्रकृति एवं लक्ष्य; Mass Communication in Hindi, Essay for UPSC, Hindi Essay
Civics

जनसंचार के 5 प्रमुख कार्य, प्रकृति एवं लक्ष्य

जनसंचार (Mass Communication) संचार का एक माध्यम हैं जिसके द्वारा कोई भी संदेश अनेक माध्यमों के द्वारा जन-समुदाय तक पहुंचाया जाता है. वर्तमान समय में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो जन-संचार माध्यम से न जुड़ा हो. सच पूछा जाय तो आज के मनुष्य का विकास जन-संचार के माध्यमों द्वारा ही हो रहा है.

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