Republic Day 2023: भारत सरकार हर साल एक विदेशी नेता को गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य समारोह पर आमंत्रित करती है. यह समारोह राष्ट्रिय राजधानी नै दिल्ली स्थित लुटियन जोन के राजपथ पर आयोजित की जाती है, जिसे भारत के राष्ट्रपति सलामी देते है. भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर विदेशी नेता को आमंत्रित करने का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दिखाना है.
कौन है अब्देल फतेह अल सीसी
साल 2023 के गणतंत्र दिवस परेड के लिए मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी को आमंत्रित किया गया है. साल 2021 aur 2022 में मुख्य अतिथि के तौर पर किसी ने भाग नहीं लिया था. इसके पीछे कोरोना महामारी कारण बताया जाता है.
अब्देल फतेह अल सिसी मिस्र के सोलहवें राष्ट्रपति हैं. वे 2014 से इस पद पर आसीन है. वे मार्च, 2018 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में लगभग 97 प्रतिशत मतों से निर्वाचित हुए थे. फिर, 2 जून, 2018 को उन्होने मिस्र के राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल हेतु शपथ ली.
राष्ट्रपति चुने जाने से पूर्व अब्दुल फ़तेह अल सीसी मिस्त्र के सेनाध्यक्ष थे. सात साल पहले तानाशाह होस्नी मुबारक को एक जन आंदोलन के कारण सत्ता से बाहर होना पड़ा. मुबारक तीन दशक से सत्ता पर काबिज थे. इसके बाद हुए राष्ट्रपति चुनाव में अब्दुल फतह अल सीसी को जीत हासिल हुई. तब से वे लगातार अपने पद पर बने हुए है.
महामारी के बाद पहले मुख्य अतिथि
2022 में मध्य एशिया के पांच राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था. इस बार उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के नेताओं को आमंत्रित करने की योजना थी. लेकिन, कोविड महामारी के कारण वे समारोह में शामिल नहीं हुए.
इससे पहले 2021 में भी ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने इसी कारण से समारोह में भाग नहीं लिया था. इस तरह 2 साल के अंतराल के बाद भारत के गणतंत्र दिवस परेड समारोह में कोई विदेशी शासक शामिल हो रहे है. 2022 में समारोह में आम लोगों की हिस्सेदारी भी 70 से 80 फीसदी कम रही. मात्र पांच से आठ हजार लोगों ने भाग लिया था. टिकटों में कटौती कोरोना महामारी के कारण किया गया था.
इस तरह कोरोना महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद भारत के गणतंत्र दिवस परेड में विदेशी मुख्य अतिथि शामिल हो रहे है.
गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि का महत्व
हमारा राष्ट्रिय त्यौहार गणतंत्र दिवस एक अतिमहत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिन है. इस वजह से किसी देश के मुखिया को गणतंत्र दिवस परेड का चीफ गेस्ट बनना, दोनों देशों को आपस में भावनात्मक रूप से जोड़ता है. इस तरह यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद है.
साथ ही, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है. ऐसे देश के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले राष्ट्राध्यक्ष के सम्मान में भी वृद्धि होती है. यह दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध को भी रेखांकित करता है.
कैसे चुने जाते है चीफ गेस्ट
गणतंत्र दिवस परेड के लिए चीफ गेस्ट का चयन समारोह से 6 माह पूर्व कर लिया जाता है. इसलिए लिए कुछ ख़ास कसौटियों पर दोनों देशों के रिश्तों का आंकलन किया जाता है. इनमें राजनीति, अर्थव्यवस्था और सेना का संबंध शामिल है. साथ ही, गट-निरपेक्षता में अतिथि देश का योगदान और भारत से जुड़ाव का भी ध्यान रखा जाता है. इसके बाद ही विदेश मंत्रालय मेहमान के नाम पर मुहर लगाता है.
चीफ गेस्ट की मेहमाननवाजी
भारतीय प्रोटोकॉल और गणतंत्र दिवस परेड के महत्व को देखते हुए यह यह किसी विदेशी मेहमान के लिए सर्वोच्च सम्मान है. चीफ गेस्ट राजपथ के मुख्य समारोह में भारत के राष्ट्रपति के साथ होते है. उन्हें राष्ट्रपति भवन के सामने गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है. इसके बाद शाम को भारत के राष्ट्रपति उनके लिए विशेष रिसेप्शन का आयोजन करते हैं. उनके लिए प्रधानमंत्री विशेष आयोजन करते है, जहाँ भारत के उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री उनसे मुलाक़ात करते है.
गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि, भारत के राष्ट्रपति के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान में राजघाट पर श्रद्धांजलि देते हैं.
गणतंत्र दिवस परेड से जुड़े ख़ास जानकारी
साल 2022 का का गणतंत्र दिवस गुरुवार को मनाया जा रहा है. हर साल, इस दिन के सम्मान में सशस्त्र बलों द्वारा परेड आयोजित की जाती है. यह वह दिन है जब हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिससे भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना.
भारत एक स्वतंत्र, संप्रभु और लोकतांत्रिक देश है जिसने 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान लागू किया था. भारत के एक गणराज्य बनने की खुशी में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप मनाया जाता है.
प्रथम चार गणतंत्र दिवस परेड (1950 से 1954) समारोह विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए थे. ये जगह है, लाल किला, रामलीला मैदान, इरविन स्टेडियम, और किंग्सवे मार्ग. राजपथ पर पहली बार 1955 में गणतंत्र दिवस परेड आयोजित की गयी. तब से यहीं पर गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह आयोजित किया होता है.
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ‘सुकर्णो’ भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेड समारोह के पहले मुख्य अतिथि थे. राजपथ पर पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद पहले अतिथि के रूप में शामिल हुए. अब तक यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के प्रतिनिधियों को सबसे अधिक 5-5 बार आमंत्रित किया गया है.
गणतंत्र दिवस परेड में जहां भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शनी वाले झांकी होते हैं. वहीं, भारत के सैन्य ताकत की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाती है.
आइये इस लेख के माध्यम से भारतीय गणतंत्र दिवस परेड में आने वाले सभी मुख्य अतिथियों के बारे में जानते हैं.
गणतंत्र दिवस परेड में आने वाले सभी मुख्य अतिथियों की सूची (List of Chief Guests at Republic Day Parade)
वर्ष | अतिथि | देश |
1950 | राष्ट्रपति सुकर्णो | इंडोनेशिया |
1951 | राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह | नेपाल |
1952 | कोई निमंत्रण नहीं | — |
1953 | कोई निमंत्रण नहीं | — |
1954 | राजा जिग्मे दोरजी वांगचुक | भूटान |
1955 | गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद | पाकिस्तान |
1956 | चांसलर ऑफ द एक्सचेकर आर ए बटलर | यूनाइटेड किंगडम |
– | मुख्य न्यायाधीश कोटारो तनाका | |
1957 | रक्षा मंत्री जियोर्जी ज़ुकोव | सोवियत संघ |
1958 | मार्शल ये जियानयिंग | चीन |
1959 | ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिप | यूनाइटेड किंगडम |
1960 | राष्ट्रपति क्लेमेंट वोरोशिलोव | सोवियत संघ |
1961 | क्वीन एलिजाबेथ II | यूनाइटेड किंगडम |
1962 | प्रधान मंत्री विगगो कैंपमैन | डेनमार्क |
1963 | राजा नोरोडोम सिहानोक | कंबोडिया |
1964 | रक्षा स्टाफ के प्रमुख लॉर्ड लुईस माउंटबेटन | यूनाइटेड किंगडम |
1965 | खाद्य और कृषि मंत्री राणा अब्दुल हमीद | पाकिस्तान |
1966 | कोई निमंत्रण नहीं | — |
1967 | राजा मोहम्मद ज़हीर शाह | अफ़ग़ानिस्तान |
1968 | प्रधानमंत्री अलेक्सी कोसियगिन | सोवियत संघ |
राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज़ टीटो | एसएफआर यूगोस्लाविया | |
1969 | बुल्गारिया के प्रधानमंत्री टॉड झिवकोव | बुल्गारिया |
1970 | बेल्जियम के राजा बौदौइन | बेल्जियम |
1971 | राष्ट्रपति जूलियस न्येरे | तंजानिया |
1972 | प्रधान मंत्री सीवोसागुर रामगुलाम | मॉरीशस |
1973 | राष्ट्रपति मोबुतु सेसे सेको | जायरे |
1974 | राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज़ टीटो | यूगोस्लाविया |
– | प्रधानमंत्री सिरीमावो रवात्ते दीस बंदरनैके | श्रीलंका |
1975 | राष्ट्रपति केनेथ कौंडा | जाम्बिया |
1976 | प्रधानमंत्री जैक शिराक | फ्रांस |
1977 | पहले सचिव एडवर्ड गियर्क | पोलैंड |
1978 | राष्ट्रपति पैट्रिक हिलरी | आयरलैंड |
1979 | प्रधानमंत्री मैल्कम फ्रेजर | ऑस्ट्रेलिया |
1980 | राष्ट्रपति वैलेरी गिसकार्ड डी-एजिंग | फ्रांस |
1981 | राष्ट्रपति जोस लोपेज़ पोर्टिलो | मेक्सिको |
1982 | राजा जुआन कार्लोस प्रथम | स्पेन |
1983 | राष्ट्रपति शेहु शगारी | नाइजीरिया |
1984 | किंग जिग्मे सिंगये वांगचुक | भूटान |
1985 | राष्ट्रपति राउल अल्फोंसिन | अर्जेंटीना |
1986 | प्रधान मंत्री एंड्रियास पापांड्रेउ | ग्रीस |
1987 | राष्ट्रपति एलन गार्सिया | पेरू |
1988 | राष्ट्रपति जुनियस जयवर्धने | श्रीलंका |
1989 | महासचिव गुयेन वान लिन्ह | वियतनाम |
1990 | प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ | मॉरीशस |
1991 | राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम | मालदीव |
1992 | राष्ट्रपति मेरियो सोरेस | पुर्तगाल |
1993 | प्रधानमंत्री जॉन मेजर | यूनाइटेड किंगडम |
1994 | प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग | सिंगापुर |
1995 | नेल्सन मंडेला | दक्षिण अफ्रीका |
1996 | राष्ट्रपति डॉ. फर्नांडो हेनरिक कार्डसो | ब्राज़ील |
1997 | प्रधानमंत्री बसदेव पांडे | त्रिनिदाद और टोबैगो |
1998 | राष्ट्रपति जैक्स शिराक | फ्रांस |
1999 | राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव | नेपाल |
2000 | राष्ट्रपति ओलुसेगुन ओबासंजो | नाइजीरिया |
2001 | राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बुउटफ्लिका | अल्जीरिया |
2002 | राष्ट्रपति कसम उतेम | मॉरीशस |
2003 | राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी | ईरान |
2004 | राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा | ब्राज़ील |
2005 | किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुक | भूटान |
2006 | किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद | सऊदी अरब |
2007 | राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन | रूस |
2008 | राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी | फ्रांस |
2009 | राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव | कजाखस्तान |
2010 | राष्ट्रपति ली म्युंग बाक | दक्षिण कोरिया |
2011 | राष्ट्रपति सुसीलो बंबांग युधोयोनो | इंडोनेशिया |
2012 | प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा | थाईलैंड |
2013 | भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक | भूटान |
2014 | प्रधानमंत्री शिंजो आबे | जापान |
2015 | राष्ट्रपति बराक ओबामा | संयुक्त राज्य अमेरिका |
2016 | राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद | फ्रांस |
2017 | क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद | संयुक्त अरब अमीरात |
2018 | सुल्तान हसनल बोल्कियाह | ब्रुनेई |
– | जोको विडोडो | इंडोनेशिया |
– | थॉन्गलौन सिसोलिथ | लाओस |
– | प्रधानमंत्री हुन सेन | कंबोडिया |
– | नजीब रज़ाक | मलेशिया |
– | राष्ट्रपति हतिन क्याव | म्यांमार |
– | रोड्रिगो रो ड्यूटरे | फिलीपींस |
– | हलीम याकूब | सिंगापुर |
– | प्रथुथ चान-ओशा | थाईलैंड |
– | गुयेन जुआन फुक | वियतनाम |
2019 | राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा | दक्षिण अफ्रीका |
2020 | राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो | ब्राज़ील |
2021 | कोई मुख्य अतिथि नहीं | |
2022 | कोई मुख्य अतिथि नहीं | |
2023 | अब्देल फतह अल सीसी (आमंत्रित) | मिस्त्र के राष्ट्रपति |