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गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि (1950-2023)

Republic Day 2023: भारत सरकार हर साल एक विदेशी नेता को गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य समारोह पर आमंत्रित करती है. यह समारोह राष्ट्रिय राजधानी नै दिल्ली स्थित लुटियन जोन के राजपथ पर आयोजित की जाती है, जिसे भारत के राष्ट्रपति सलामी देते है. भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर विदेशी नेता को आमंत्रित करने का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दिखाना है.

कौन है अब्देल फतेह अल सीसी

साल 2023 के गणतंत्र दिवस परेड के लिए मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी को आमंत्रित किया गया है. साल 2021 aur 2022 में मुख्य अतिथि के तौर पर किसी ने भाग नहीं लिया था. इसके पीछे कोरोना महामारी कारण बताया जाता है.

अब्देल फतेह अल सिसी मिस्र के सोलहवें राष्ट्रपति हैं. वे 2014 से इस पद पर आसीन है. वे मार्च, 2018 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में लगभग 97 प्रतिशत मतों से निर्वाचित हुए थे. फिर, 2 जून, 2018 को उन्होने मिस्र के राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल हेतु शपथ ली.

राष्ट्रपति चुने जाने से पूर्व अब्दुल फ़तेह अल सीसी मिस्त्र के सेनाध्यक्ष थे. सात साल पहले तानाशाह होस्नी मुबारक को एक जन आंदोलन के कारण सत्ता से बाहर होना पड़ा. मुबारक तीन दशक से सत्ता पर काबिज थे. इसके बाद हुए राष्ट्रपति चुनाव में अब्दुल फतह अल सीसी को जीत हासिल हुई. तब से वे लगातार अपने पद पर बने हुए है.

महामारी के बाद पहले मुख्य अतिथि

2022 में मध्य एशिया के पांच राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया था. इस बार उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के नेताओं को आमंत्रित करने की योजना थी. लेकिन, कोविड महामारी के कारण वे समारोह में शामिल नहीं हुए.

इससे पहले 2021 में भी ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने इसी कारण से समारोह में भाग नहीं लिया था. इस तरह 2 साल के अंतराल के बाद भारत के गणतंत्र दिवस परेड समारोह में कोई विदेशी शासक शामिल हो रहे है. 2022 में समारोह में आम लोगों की हिस्सेदारी भी 70 से 80 फीसदी कम रही. मात्र पांच से आठ हजार लोगों ने भाग लिया था. टिकटों में कटौती कोरोना महामारी के कारण किया गया था.

इस तरह कोरोना महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद भारत के गणतंत्र दिवस परेड में विदेशी मुख्य अतिथि शामिल हो रहे है.

गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि का महत्व

हमारा राष्ट्रिय त्यौहार गणतंत्र दिवस एक अतिमहत्वपूर्ण ऐतिहासिक दिन है. इस वजह से किसी देश के मुखिया को गणतंत्र दिवस परेड का चीफ गेस्ट बनना, दोनों देशों को आपस में भावनात्मक रूप से जोड़ता है. इस तरह यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद है.

साथ ही, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है. ऐसे देश के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले राष्ट्राध्यक्ष के सम्मान में भी वृद्धि होती है. यह दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध को भी रेखांकित करता है.

कैसे चुने जाते है चीफ गेस्ट

गणतंत्र दिवस परेड के लिए चीफ गेस्ट का चयन समारोह से 6 माह पूर्व कर लिया जाता है. इसलिए लिए कुछ ख़ास कसौटियों पर दोनों देशों के रिश्तों का आंकलन किया जाता है. इनमें राजनीति, अर्थव्यवस्था और सेना का संबंध शामिल है. साथ ही, गट-निरपेक्षता में अतिथि देश का योगदान और भारत से जुड़ाव का भी ध्यान रखा जाता है. इसके बाद ही विदेश मंत्रालय मेहमान के नाम पर मुहर लगाता है.

चीफ गेस्ट की मेहमाननवाजी

भारतीय प्रोटोकॉल और गणतंत्र दिवस परेड के महत्व को देखते हुए यह यह किसी विदेशी मेहमान के लिए सर्वोच्च सम्मान है. चीफ गेस्ट राजपथ के मुख्य समारोह में भारत के राष्ट्रपति के साथ होते है. उन्हें राष्ट्रपति भवन के सामने गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है. इसके बाद शाम को भारत के राष्ट्रपति उनके लिए विशेष रिसेप्शन का आयोजन करते हैं. उनके लिए प्रधानमंत्री विशेष आयोजन करते है, जहाँ भारत के उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री उनसे मुलाक़ात करते है.

गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि, भारत के राष्ट्रपति के साथ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान में राजघाट पर श्रद्धांजलि देते हैं.

गणतंत्र दिवस परेड से जुड़े ख़ास जानकारी

साल 2022 का का गणतंत्र दिवस गुरुवार को मनाया जा रहा है. हर साल, इस दिन के सम्मान में सशस्त्र बलों द्वारा परेड आयोजित की जाती है. यह वह दिन है जब हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिससे भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना.

भारत एक स्वतंत्र, संप्रभु और लोकतांत्रिक देश है जिसने 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान लागू किया था. भारत के एक गणराज्य बनने की खुशी में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप मनाया जाता है.

प्रथम चार गणतंत्र दिवस परेड (1950 से 1954) समारोह विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए थे. ये जगह है, लाल किला, रामलीला मैदान, इरविन स्टेडियम, और किंग्सवे मार्ग. राजपथ पर पहली बार 1955 में गणतंत्र दिवस परेड आयोजित की गयी. तब से यहीं पर गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह आयोजित किया होता है.

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ‘सुकर्णो’ भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेड समारोह के पहले मुख्य अतिथि थे. राजपथ पर पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद पहले अतिथि के रूप में शामिल हुए. अब तक यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के प्रतिनिधियों को सबसे अधिक 5-5 बार आमंत्रित किया गया है.

गणतंत्र दिवस परेड में जहां भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शनी वाले झांकी होते हैं. वहीं, भारत के सैन्य ताकत की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाती है.

आइये इस लेख के माध्यम से भारतीय गणतंत्र दिवस परेड में आने वाले सभी मुख्य अतिथियों के बारे में जानते हैं.

गणतंत्र दिवस परेड में आने वाले सभी मुख्य अतिथियों की सूची (List of Chief Guests at Republic Day Parade)

वर्षअतिथिदेश
1950राष्ट्रपति सुकर्णोइंडोनेशिया
1951राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाहनेपाल
1952कोई निमंत्रण नहीं
1953कोई निमंत्रण नहीं
1954राजा जिग्मे दोरजी वांगचुकभूटान
1955गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मदपाकिस्तान
1956चांसलर ऑफ द एक्सचेकर आर ए बटलरयूनाइटेड किंगडम
मुख्य न्यायाधीश कोटारो तनाका
1957रक्षा मंत्री जियोर्जी ज़ुकोवसोवियत संघ
1958मार्शल ये जियानयिंगचीन
1959ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिपयूनाइटेड किंगडम
1960राष्ट्रपति क्लेमेंट वोरोशिलोवसोवियत संघ
1961क्वीन एलिजाबेथ IIयूनाइटेड किंगडम
1962प्रधान मंत्री विगगो कैंपमैनडेनमार्क
1963राजा नोरोडोम सिहानोककंबोडिया
1964रक्षा स्टाफ के प्रमुख लॉर्ड लुईस माउंटबेटनयूनाइटेड किंगडम
1965खाद्य और कृषि मंत्री राणा अब्दुल हमीदपाकिस्तान
1966कोई निमंत्रण नहीं
1967राजा मोहम्मद ज़हीर शाहअफ़ग़ानिस्तान
1968प्रधानमंत्री अलेक्सी कोसियगिनसोवियत संघ
राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज़ टीटोएसएफआर यूगोस्लाविया
1969बुल्गारिया के प्रधानमंत्री टॉड झिवकोवबुल्गारिया
1970बेल्जियम के राजा बौदौइनबेल्जियम
1971राष्ट्रपति जूलियस न्येरेतंजानिया
1972प्रधान मंत्री सीवोसागुर रामगुलाममॉरीशस
1973राष्ट्रपति मोबुतु सेसे सेकोजायरे
1974राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज़ टीटोयूगोस्लाविया
प्रधानमंत्री सिरीमावो रवात्ते दीस बंदरनैकेश्रीलंका
1975राष्ट्रपति केनेथ कौंडाजाम्बिया
1976प्रधानमंत्री जैक शिराकफ्रांस
1977पहले सचिव एडवर्ड गियर्कपोलैंड
1978राष्ट्रपति पैट्रिक हिलरीआयरलैंड
1979प्रधानमंत्री मैल्कम फ्रेजरऑस्ट्रेलिया
1980राष्ट्रपति वैलेरी गिसकार्ड डी-एजिंगफ्रांस
1981राष्ट्रपति जोस लोपेज़ पोर्टिलोमेक्सिको
1982राजा जुआन कार्लोस प्रथमस्पेन
1983राष्ट्रपति शेहु शगारीनाइजीरिया
1984किंग जिग्मे सिंगये वांगचुकभूटान
1985राष्ट्रपति राउल अल्फोंसिनअर्जेंटीना
1986प्रधान मंत्री एंड्रियास पापांड्रेउग्रीस
1987राष्ट्रपति एलन गार्सियापेरू
1988राष्ट्रपति जुनियस जयवर्धनेश्रीलंका
1989महासचिव गुयेन वान लिन्हवियतनाम
1990प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथमॉरीशस
1991राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूममालदीव
1992राष्ट्रपति मेरियो सोरेसपुर्तगाल
1993प्रधानमंत्री जॉन मेजरयूनाइटेड किंगडम
1994प्रधानमंत्री गोह चोक टोंगसिंगापुर
1995नेल्सन मंडेलादक्षिण अफ्रीका
1996राष्ट्रपति डॉ. फर्नांडो हेनरिक कार्डसोब्राज़ील
1997प्रधानमंत्री बसदेव पांडेत्रिनिदाद और टोबैगो
1998राष्ट्रपति जैक्स शिराकफ्रांस
1999राजा बीरेंद्र बीर बिक्रम शाह देवनेपाल
2000राष्ट्रपति ओलुसेगुन ओबासंजोनाइजीरिया
2001राष्ट्रपति अब्देलअज़ीज़ बुउटफ्लिकाअल्जीरिया
2002राष्ट्रपति कसम उतेममॉरीशस
2003राष्ट्रपति मोहम्मद खातमीईरान
2004राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वाब्राज़ील
2005किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुकभूटान
2006किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊदसऊदी अरब
2007राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिनरूस
2008राष्ट्रपति निकोलस सरकोजीफ्रांस
2009राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेवकजाखस्तान
2010राष्ट्रपति ली म्युंग बाकदक्षिण कोरिया
2011राष्ट्रपति सुसीलो बंबांग युधोयोनोइंडोनेशिया
2012प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्राथाईलैंड
2013भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुकभूटान
2014प्रधानमंत्री शिंजो आबेजापान
2015राष्ट्रपति बराक ओबामासंयुक्त राज्य अमेरिका
2016राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांदफ्रांस
2017क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायदसंयुक्त अरब अमीरात
2018सुल्तान हसनल बोल्कियाहब्रुनेई
जोको विडोडोइंडोनेशिया
थॉन्गलौन सिसोलिथलाओस
प्रधानमंत्री हुन सेनकंबोडिया
नजीब रज़ाकमलेशिया
राष्ट्रपति हतिन क्यावम्यांमार
रोड्रिगो रो ड्यूटरेफिलीपींस
हलीम याकूबसिंगापुर
प्रथुथ चान-ओशाथाईलैंड
गुयेन जुआन फुकवियतनाम
2019राष्ट्रपति सिरिल रामफोसादक्षिण अफ्रीका
2020राष्ट्रपति जायर बोल्सनारोब्राज़ील
2021कोई मुख्य अतिथि नहीं
2022कोई मुख्य अतिथि नहीं
2023अब्देल फतह अल सीसी (आमंत्रित)मिस्त्र के राष्ट्रपति
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