Medieval India

Medieval India- Objective / Subjective History of medieval India in Hindi for Union / State Civil Services and various other competitive Examinations.

सैयद वंश का दिल्ली सल्तनत पर शासन (1414-1451)
History

सैयद वंश का दिल्ली सल्तनत पर शासन (1414-1451)

सैयद वंश के दिल्ली सल्तनत पर अधिकार होने में तैमूर लंग का काफी अहम भूमिका था. कमजोर हो चुके दिल्ली सल्तनत के मुल्तान, तदन्तर सिंध तथा लाहौर पर तैमूर का कृपापात्र खिज्र खान अधिकार कर चुका था. 1414 तक स्थिति यह आ गयी कि खिज्र खान को दिल्ली पर भी अधिकार करने से रोकने के […]

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तुगलक वंश के अधीन दिल्ली सल्तनत का साम्राज्य
History

तुगलक वंश के अधीन दिल्ली सल्तनत का साम्राज्य

साम्राज्य-विस्तार की दृष्टि से तुगलक साम्राज्य, दिल्ली सल्तनत के इतिहास में सबसे विशाल था, किंतु साम्राज्य के सिकुड़ने की दृष्टि से और राजनीतिक-सैनिक ह्रास की दृष्टि से भी यह दिल्ली सल्तनत की पराकाष्ठा थी. इसी काल में उत्तर-पश्चिम से दिल्ली सल्तनत पूर्णतः असुरक्षित हो गई थी. इसी राजवंश में तैमूर का भारत आक्रमण हुआ जिसमें

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मुहम्मद बिन तुगलक़ के समय दिल्ली सल्तनत और उसकी उसकी योग्यता
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मुहम्मद बिन तुगलक़ का दिल्ली सल्तनत और उसकी योग्यता

1325 में अपने पिता सुल्तान गियासुद्दीन तुगलक़ की संदेहास्पद स्थिति में मृत्यु के उपरांत उलुग खान उर्फ़ जूना खान अर्थात् मुहम्मद बिन तुगलक़ दिल्ली का सुल्तान बना. दिल्ली सल्तनत के इतिहास में मुहम्मद बिन तुगलक़ सबसे विद्वान सुल्तान था. किन्तु अपनी अव्यावहारिक योजनाओं, अपने अनियंत्रित क्रोध के कारण अनावश्यक रक्तपात करने की प्रवृत्ति, अपनी ज़िद्दी

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संत रविदास: पाखंड के विरोधी

संत रविदास अथवा गुरु रैदास मध्यकालीन भारत के एक संत है जिन्होंने जात-पात के विरोध में कार्य किया. इसलिए इन्हें सतगुरु अथवा जगतगुरु की उपाधि भी दी जाती है. इन्होंने ही रैदासिया अथवा रविदासिया पंथ की स्थापना की. इनके रचे गये 40 पद सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं. उनका

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