BPSC Prelims 2025 बिहार विशेष: यह लेख बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे उम्मीदवारों हेतु आखिरी समय की रणनीति के लिए व्यापाक और गहन विश्लेषन प्रस्तुत करती है. इसमें पिछले एक वर्ष की बिहार-विशिष्ट समसामयिकी पर ध्यान दिया गया है. इसमें तथ्यात्मक जानकारी के साथ ही बिहार से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाओं, नीतियों और नियुक्तियों को प्रस्तुत किया गया है.
बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में ‘बिहार विशेष’ खंड का महत्व लगातार बढ़ रहा है. विगत वर्षों के प्रश्न पत्रों के विश्लेषण से यह स्पष्ट होता है कि इस खंड से लगभग 20 प्रश्न पूछे जाते हैं, जो इसे समग्र मेरिट निर्धारण में एक निर्णायक कारक बनाता है.
69वीं बीपीएससी परीक्षा में प्रश्नों के पैटर्न और उनके कठिनाई स्तर में हुए महत्वपूर्ण बदलावों ने यह रेखांकित किया है कि परीक्षा में सफलता के लिए केवल सतही ज्ञान पर्याप्त नहीं है. उम्मीदवारों को अब तथ्यात्मक जानकारी के साथ-साथ घटनाओं के पीछे के कारण, उनके प्रभाव और विभिन्न क्षेत्रों के बीच के संबंधों की एक विश्लेषणात्मक समझ विकसित करनी होगी. यह लेख इसी आवश्यकता को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, ताकि उम्मीदवारों को परीक्षा की बदलती प्रकृति के अनुरूप अपनी तैयारी को दिशा देने में मदद मिल सके.
बिहार विशेष समसामयिकी प्रश्नोत्तरी (समझ के लिए)
निर्देश: प्रत्येक प्रश्न के लिए चार विकल्प दिए गए हैं. सही विकल्प का चयन करें.
1. 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार का लिंगानुपात कितना है?
(A) 916
(B) 918
(C) 921
(D) 925
2. वर्ष 2024-25 के लिए बिहार का अनुमानित राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) का कितना प्रतिशत है?
(A) 4.1%
(B) 3.5%
(C) 3.0%
(D) 8.9%
3. बिहार में ‘जन सुराज’ अभियान को राजनीतिक पार्टी का रूप किसने दिया?
(A) सम्राट चौधरी
(B) तेजस्वी यादव
(C) चिराग पासवान
(D) प्रशांत किशोर
4. बिहार में विधानसभा में अनुसूचित जाति (SC) के लिए कुल कितनी सीटें आरक्षित हैं?
(A) 2
(B) 6
(C) 38
(D) 40
5. बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के लिए 2024-25 में कितने करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है?
(A) ₹150 करोड़
(B) ₹200 करोड़
(C) ₹1,295 करोड़
(D) ₹5,040 करोड़
6. बिहार में पहली बार हीरो एशिया कप 2025 की मेजबानी करने वाला है. यह किस खेल से संबंधित है?
(A) हॉकी
(B) क्रिकेट
(C) फुटबॉल
(D) बैडमिंटन
7. बिहार में किस क्षेत्र को लाभान्वित करने के लिए पश्चिमी कोसी नहर परियोजना (Western Kosi Canal Project) को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है?
(A) मगध क्षेत्र
(B) मिथिलांचल क्षेत्र
(C) भोजपुर क्षेत्र
(D) अंग क्षेत्र
8. बिहार में लोकसभा की कुल कितनी सीटें हैं?
(A) 16
(B) 38
(C) 40
(D) 243
9. बिहार के वर्तमान राज्यपाल कौन हैं?
(A) नंद किशोर यादव
(B) सम्राट चौधरी
(C) राजेंद्र अर्लेकर
(D) विनोद कुमार सिन्हा
10. वर्ष 2024-25 के बजट में, बिहार सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए किस पर विशेष ध्यान दिया है?
(A) स्वास्थ्य सेवाएँ
(B) सूचना एवं प्रौद्योगिकी
(C) कृषि क्षेत्र
(D) शिक्षा
11. किस योजना के तहत, बिहार में 52 लाख महिला किसानों को कृषि की नई तकनीक से जोड़ने का लक्ष्य है?
(A) मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना
(B) सात निश्चय-2
(C) जीविका दीदी
(D) महिला सशक्तिकरण मिशन
12. पटना उच्च न्यायालय की स्थापना किस वर्ष हुई थी?
(A) 1912
(B) 1916
(C) 1920
(D) 1930
विस्तृत हल एवं विश्लेषण
1. (B) 918
2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार का लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 918 महिलाएं है. यह आंकड़ा सामाजिक और जनसांख्यिकीय अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक है.
2. (C) 3.0%
वर्ष 2024-25 के लिए बिहार का राजकोषीय घाटा GSDP का 3% अनुमानित है, जो ₹29,095 करोड़ है. यह आंकड़ा 2023-24 के संशोधित अनुमानित राजकोषीय घाटे (8.9%) की तुलना में काफी कम है. यह राजकोषीय विवेक की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
3. (D) प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर को ‘जन सुराज’ अभियान को एक राजनीतिक पार्टी का रूप दिया. उन्होंने घोषणा की कि उनकी पार्टी 2025 के विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो बिहार की राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने का एक प्रयास है.
4. (C) 38
बिहार विधानसभा में अनुसूचित जाति (SC) के लिए कुल 38 सीटें आरक्षित हैं. अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए दो सीटें आरक्षित हैं. ये आरक्षण राज्य में सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
5. (A) ₹150 करोड़
मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹150 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गलियों और नालियों के पक्कीकरण के माध्यम से बुनियादी ढांचे में सुधार करना है.
6. (A) हॉकी
बिहार ने पहली बार हीरो एशिया कप 2025 की मेजबानी किया, जो हॉकी का एक प्रमुख टूर्नामेंट है. यह राज्य में खेल के बुनियादी ढांचे और खेल संस्कृति के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
7. (B) मिथिलांचल क्षेत्र
पश्चिमी कोसी नहर परियोजना (Western Kosi Canal Project) के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिससे मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा. यह सिंचाई परियोजना कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है.
8. (C) 40
बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. यह संख्या केंद्र सरकार में राज्य के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को निर्धारित करती है.
9. (C) राजेंद्र अर्लेकर
राजेंद्र अर्लेकर बिहार के 42वें राज्यपाल बने हैं. राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है और केंद्र और राज्य के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है.
10. (B) सूचना एवं प्रौद्योगिकी
बिहार बजट 2024-25 में सरकार ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी और पर्यटन पर विशेष ध्यान दिया है. इन क्षेत्रों में निवेश का लक्ष्य रोजगार सृजन और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करना है.
11. (C) जीविका दीदी
सरकार ने जीविका दीदियों के माध्यम से 52 लाख महिला किसानों को कृषि की नई तकनीक से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. यह पहल कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
12. (B) 1916
पटना उच्च न्यायालय की स्थापना वर्ष 1916 में हुई थी. यह राज्य में न्यायिक प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है.
मुख्य विषयों का सार
1. बिहार: राजनैतिक एवं प्रशासनिक घटनाक्रम
वर्ष 2024 की शुरुआत बिहार में एक बड़े राजनैतिक बदलाव के साथ हुई, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले महागठबंधन से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापसी की. इस राजनैतिक उथल-पुथल के परिणामस्वरूप, नीतीश कुमार ने 9वीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जो अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड है.
इस राजनीतिक परिवर्तन का सीधा प्रभाव प्रशासनिक पुनर्गठन पर पड़ा. एक नई सरकार को अपनी नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अपनी पसंद के अधिकारियों और शीर्ष पदाधिकारियों की आवश्यकता होती है. इसके तहत, कई प्रमुख पदों पर नई नियुक्तियां की गईं.
इन नियुक्तियों में नंद किशोर यादव का बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में चुना जाना, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा का उप-मुख्यमंत्री बनना, और विभिन्न आयोगों के अध्यक्षों की नियुक्ति शामिल है. उदाहरण के लिए, विनोद कुमार सिन्हा को राज्य विधि आयोग का अध्यक्ष, संजय कुमार को बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष, और अप्सरा मिश्रा को बिहार राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
ये नियुक्तियां सिर्फ पद भरने के लिए नहीं हैं, बल्कि यह सरकार की प्राथमिकता को भी दर्शाती हैं—जैसे महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय. इसके अतिरिक्त, प्रशांत किशोर ने ‘जन सुराज’ नामक एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया है, जो 2025 के विधानसभा चुनाव में एक नए राजनीतिक विकल्प की तलाश का संकेत देता है.
सारणी 1: प्रमुख राजनैतिक एवं प्रशासनिक नियुक्तियाँ
पद | पदाधिकारी |
राज्यपाल | राजेंद्र अर्लेकर |
मुख्यमंत्री | नीतीश कुमार |
उप-मुख्यमंत्री | सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा |
विधानसभा अध्यक्ष | नंद किशोर यादव |
विधान परिषद अध्यक्ष | अवधेश नारायण सिंह |
राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष | विनोद कुमार सिन्हा |
बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष | अप्सरा मिश्रा |
बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष | संजय कुमार |
बीपीएससी के अध्यक्ष | रवि परमार |
2. आर्थिक परिदृश्य एवं बजट 2024-25
बिहार की अर्थव्यवस्था ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 14.5% की प्रभावशाली वृद्धि दर दर्ज की, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है और इसे देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाती है. इस दौरान राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वर्तमान मूल्य पर ₹8,54,429 करोड़ अनुमानित है. यह वृद्धि कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन का परिणाम है.
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ₹2.78 लाख करोड़ का बजट पेश किया. इस बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह एक महत्वपूर्ण राजकोषीय घाटे की स्थिति से राजस्व अधिशेष की ओर बढ़ने का अनुमान लगाता है. 2023-24 में ₹35,530 करोड़ के अनुमानित राजस्व घाटे की तुलना में, 2024-25 में ₹1,121 करोड़ का राजस्व अधिशेष रहने की उम्मीद है. यह आंकड़ा सिर्फ एक संख्या नहीं है; यह एक सकारात्मक आर्थिक प्रवृत्ति को दर्शाता है, जो राज्य सरकार द्वारा बेहतर वित्तीय प्रबंधन और राजकोषीय अनुशासन की ओर एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव का संकेत है. सरकार ने विकासमूलक व्यय को भी प्राथमिकता दी है, जिसके लिए कुल बजट का 63.46% आवंटित किया गया है.
सारणी 2: बिहार बजट 2024-25: प्रमुख संकेतक
संकेतक | अनुमानित राशि |
कुल बजट | ₹2,78,725.72 करोड़ |
GSDP (अनुमानित) | ₹9.76 लाख करोड़ (13.5% की वृद्धि) |
राजकोषीय घाटा | GSDP का 3% (₹29,095 करोड़) |
राजस्व अधिशेष | ₹1,121 करोड़ |
विकासमूलक व्यय | कुल बजट का 63.46% |
3. सरकारी योजनाएँ एवं लोक कल्याणकारी पहल
बिहार सरकार ने वर्ष के दौरान कई महत्वपूर्ण योजनाओं और पहलों को जारी रखा और नई पहलों की घोषणा की. ‘सात निश्चय योजना पार्ट-2’ (2020-25) एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹5,040 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इस योजना के तहत, ‘हर घर नल का जल’ के लिए ₹1,295 करोड़ और ‘हर खेत तक सिंचाई का पानी’ के कार्यान्वयन के लिए तीन विभागों को लगाया गया है.
सरकार ने रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया है. ‘बिहार लघु उद्यमी योजना’ के तहत, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को स्वरोजगार शुरू करने के लिए ₹2 लाख का अनुदान दिया जा रहा है. महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए, ‘पिंक बस’ सेवा शुरू करने की घोषणा की गई है, जिसमें महिलाएं चालक और कंडक्टर होंगी. इसके अतिरिक्त, ‘सात निश्चय-2’ के ‘सशक्त महिला-सक्षम महिला’ घटक के तहत, महिलाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन राशि और सरकारी नौकरियों में 35% क्षैतिज आरक्षण दिया गया है. स्वास्थ्य क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, जिसमें बेगूसराय में कैंसर अस्पताल की स्थापना और पीपीपी मॉडल पर नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा शामिल है.
सरकार की विभिन्न नीतियां और योजनाएं अलग-थलग नहीं हैं, बल्कि एक एकीकृत और समग्र दृष्टिकोण को दर्शाती हैं. उदाहरण के लिए, ‘सशक्त महिला-सक्षम महिला’ का लक्ष्य पिंक बस योजना और उद्यमी योजना जैसी पहलों के साथ संरेखित है. इसी तरह, ‘जल-जीवन-हरियाली’ जैसी पर्यावरण पहल को कृषि और ग्रामीण विकास से जोड़ा गया है, जो यह दर्शाता है कि सरकार रोजगार, सामाजिक कल्याण और बुनियादी ढांचे के विकास को एक दूसरे के पूरक के रूप में देख रही है.
सारणी 3: बिहार की प्रमुख योजनाएँ और उनके आवंटन
योजना | वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रावधान |
सात निश्चय योजना पार्ट-2 (कुल) | ₹5,040 करोड़ |
मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना | ₹200 करोड़ |
हर घर नल का जल | ₹1,295 करोड़ |
घर तक पक्की गली-नालियां | ₹150 करोड़ |
बिहार लघु उद्यमी योजना | ₹2 लाख का अनुदान |
4. बिहार राज्य बजट 2025-26
बिहार राज्य के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने 3 मार्च, 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3.17 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया.
बजट के मुख्य अंश
- 2025-26 के लिए बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) 10.97 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2024-25 की तुलना में 22% की वृद्धि है.
- 2025-26 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर) 2,94,075 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान से 10% कम है. इसके अलावा राज्य द्वारा 22,820 करोड़ रुपए का कर्ज भी चुकाया जाएगा.
- 2025-26 के लिए प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) 2,61,357 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो 2024-25 के संशोधित अनुमान की तुलना में 7% अधिक है.
- 2025-26 में राजस्व अधिशेष जीएसडीपी का 0.8% (8,831 करोड़ रुपए) होने का अनुमान है जबकि 2024-25 में संशोधित अनुमान चरण में राजस्व घाटा जीएसडीपी का 4.1% (36,788 करोड़ रुपए) था.
- 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3% (32,718 करोड़ रुपए) पर लक्षित है. 2024-25 में, संशोधित अनुमान के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 9.2% होने की उम्मीद है जो 3% के बजट अनुमान से अधिक है.
नीतिगत विशिष्टताएं
- महिला कल्याण: पटना में महिला हाट की स्थापना, सभी जिलों में गुलाबी शौचालयों का क्रियान्वयन, तथा प्रमुख शहरी क्षेत्रों में महिला चालकों और कंडक्टरों वाली गुलाबी बसें शुरू करने की घोषणा की गई है.
- इंफ्रास्ट्रक्चर: सुल्तानगंज (भागलपुर जिला) और रक्सौल (पूर्वी चंपारण जिला) में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण की घोषणा की गई है.
- कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की स्थापना: राज्य के सभी उप-मंडलों और ब्लॉकों में चरणबद्ध तरीके से कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं स्थापित की जाएंगी.
- बिहार बजट 2025-26 में सबसे ज़्यादा शिक्षा पर 60,964 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
- स्वास्थ्य के लिये 20 हज़ार करोड़ रुपए और सड़क मद में 17 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया.
- बजट में गृह विभाग को 17831 करोड़, ग्रामीण विकास को 16043 करोड़, ऊर्जा विभाग को 13484 करोड़ और समाज कल्याण विभाग, SC, ST, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, अति पिछड़ा को 13 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा का प्रावधान किया गया है.
- महिला सशक्तीकरण पर विशेष ध्यान: पिंक शौचालयों का निर्माण, पटना में महिला हाट खोले जाएंगे, पिंक बस सेवा शुरू होगी (सभी चालक एवं परिचालक महिलाएँ होंगी), कामकाज़ी महिलाओं के लिये छात्रावास बनाए जाएंगे, महिला टूरिस्ट गाइड की नियुक्ति, ई-रिक्शा खरीदने के लिये वित्तीय सहायता, महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में वृद्धि और गरीब लड़कियों की शादी के लिये ‘कन्या विवाह मंडप‘ का निर्माण.
- शिक्षा और सामाजिक कल्याण: छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) की दर दोगुनी की जाएगी. SC/ST, पिछड़े वर्गों के लिये प्रोत्साहन राशि बढ़ाई जाएगी.
- स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएँ: बेगूसराय में कैंसर अस्पताल का निर्माण, बिहार में 108 नए नगर चिकित्सा केंद्र खुलेंगे और कैंसर रोगियों के लिये विशेष देखभाल केंद्र का प्रावधान.
- इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं परिवहन: पूर्णिया एयरपोर्ट का निर्माण जल्द शुरू होगा. राजगीर, सुल्तानगंज, रक्सौल, मधुबनी सहित 8 नए एयरपोर्ट बनाए जाएंगे. बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम में महिलाओं के लिये 33% आरक्षण.
- पर्यावरण और स्वच्छ ऊर्जा: वायु गुणवत्ता सुधार के लिये ₹1 करोड़ का निवेश. नहरों के किनारे ₹25 करोड़ की लागत से सौर संयंत्र स्थापित किये जाएंगे.
- कृषि एवं ग्रामीण विकास: बाजार समितियों को सशक्त किया जाएगा और प्रखंड स्तर पर सब्ज़ी बेचने के स्टॉल खोले जाएंगे. सभी प्रखंडों में तरकारी उत्पादन समिति का गठन.
- प्रवासी बिहारी और पर्यटन: प्रवासी बिहारियों के लिये विभिन्न शहरों में हेल्प सेंटर और छठ पूजा के लिये होम-स्टे सुविधा को सरकारी सहायता.
- उद्योग एवं व्यापार: कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने वाली कंपनियों को बढ़ावा और दवा उत्पादन कंपनियों के लिये नई प्रोत्साहन नीति.
5. पुरस्कार, सम्मान और खेल उपलब्धियाँ
वर्ष 2024-25 में कई बिहारी शख्सियतों और राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली. पद्मश्री पुरस्कार 2024 से तीन व्यक्तियों को सम्मानित किया गया: मुजफ्फरपुर की निर्मला देवी को सुजनी कला के लिए, विजय नित्यानंद सुरेश्वर जी महाराज को अध्यात्म के लिए, और भीम सिंह भावेश को सामाजिक कार्य के लिए. इसके अतिरिक्त, पटना नगर निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में दूसरी बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला.
एक युवा कलाकार, मोहम्मद हुसैन, को कला और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया. वह पूरे देश में चुने गए 19 बच्चों में से बिहार के एकमात्र विजेता थे, जिन्हें हस्तशिल्प कला में उनके कौशल के लिए यह सम्मान मिला. शिक्षा के क्षेत्र में, शिक्षक एम. नुरुल होदा को राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षा रत्न सम्मान 2024-25 से नवाजा गया.
खेल के क्षेत्र में, बिहार ने स्वयं को राष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी के केंद्र के रूप में स्थापित किया है. राज्य ने पहली बार 32वीं राष्ट्रीय जूनियर फेंसिंग चैम्पियनशिप और 68वीं नेशनल स्कूल गेम्स रग्बी और साइकिलिंग जैसे कई राष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी की. इसके अतिरिक्त, बिहार ने हीरो एशिया कप 2025 की मेजबानी भी किया.
यह दर्शाता है कि राज्य ने खेल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है. यह एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति है जो खिलाड़ियों को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के बजाय खेल के बुनियादी ढांचे को विकसित करने और राष्ट्रीय आयोजनों का केंद्र बनने पर राज्य सरकार के ध्यान को इंगित करती है.
सारणी 4: 2024-25 के महत्वपूर्ण पुरस्कार एवं सम्मान
विजेता | पुरस्कार/सम्मान | क्षेत्र/योगदान |
निर्मला देवी | पद्मश्री 2024 | सुजनी कला (कला) |
विजय नित्यानंद सुरेश्वर जी महाराज | पद्मश्री 2024 | अध्यात्म |
मोहम्मद हुसैन | प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 | हस्तशिल्प कला (कला एवं संस्कृति) |
एम. नुरुल होदा | राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षा रत्न सम्मान 2024-25 | शिक्षा में नवाचार |
पटना नगर निगम | राष्ट्रीय पुरस्कार | स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 |
6. 2025 में बिहार के नागरिकों को प्राप्त पुरस्कार व सम्मान
2025 में बिहार के नागरिकों को विभिन्न क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई महत्वपूर्ण पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए गए. इनमें सबसे प्रमुख पद्म पुरस्कार हैं.
पद्म पुरस्कार 2025
2025 में, बिहार की सात हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें से तीन को मरणोपरांत यह सम्मान मिला.
- पद्म विभूषण (मरणोपरांत):
- शारदा सिन्हा: कला के क्षेत्र में, जिन्हें “बिहार कोकिला” के नाम से भी जाना जाता है.
- पद्म भूषण (मरणोपरांत):
- सुशील कुमार मोदी: सार्वजनिक मामलों के क्षेत्र में, जो बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री थे.
- पद्म श्री:
- किशोर कुणाल (मरणोपरांत): सिविल सेवा के क्षेत्र में. वह एक पूर्व आईपीएस अधिकारी और महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष थे.
- भीम सिंह भावेश: सामाजिक कार्य के लिए, जिन्होंने मुसहर समुदाय के बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए काम किया.
- हेमंत कुमार: चिकित्सा के क्षेत्र में, किडनी रोगों के उपचार और निवारक शिक्षा के लिए उनके योगदान हेतु.
- निर्मला देवी: कला के क्षेत्र में, विशेष रूप से सुजनी कढ़ाई (पारंपरिक लोक वस्त्र कला) के लिए.
- विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी महाराज: अध्यात्मवाद के क्षेत्र में.
अन्य प्रमुख पुरस्कार और सम्मान:
- साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2025: इस पुरस्कार से मैथिली भाषा में मुन्नी कायत को सम्मानित किया गया.
- राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025: बिहार की कुमारी निधि दिलीप कुमार और प्रमोद कुमार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया.
- राष्ट्रपति पदक (President’s Medal): * विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (PSM): कसी सुहिता अनुपम (IPS), विशेष सचिव, गृह विभाग, और अनिल कुमार, पुलिस उपाधीक्षक, पटना को.
- मेधावी सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (MSM): नौ अधिकारियों को दिया गया, जिनमें संजय कुमार (SP), मनोज कुमार (SP) और अन्य शामिल थे.
- जीवन रक्षा पदक (Jeevan Raksha Padak):
- सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक (मरणोपरांत): पिंटू कुमार साहनी को.
- जीवन रक्षा पदक: विकास यादव को.
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निष्कर्ष एवं रणनीति
वर्ष 2024-25 बिहार के लिए राजनीतिक संक्रमण, आर्थिक प्रगति और सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने का वर्ष रहा है. राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद, सरकार ने राजकोषीय संतुलन और बुनियादी ढाँचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है. राजकोषीय घाटे को कम करने और राजस्व अधिशेष की ओर बढ़ने की दिशा में सरकार का प्रयास राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है.
बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए, उम्मीदवारों को केवल तथ्यों को याद करने से बचना चाहिए. इसके बजाय, उन्हें घटनाओं के बीच के कारण-प्रभाव संबंधों को समझना चाहिए. उदाहरण के लिए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक परिवर्तन (कारण) से प्रशासनिक नेतृत्व में बदलाव (प्रभाव) कैसे होता है, जो अंततः नई नीतियों के कार्यान्वयन को प्रभावित करता है. इसी प्रकार, यह भी समझना आवश्यक है कि ‘सात निश्चय-2’ जैसी योजनाएँ कैसे विभिन्न क्षेत्रों (जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण) में एक एकीकृत विकास दृष्टिकोण को बढ़ावा देती हैं.
इस लेख में प्रस्तुत बहुआयामी दृष्टिकोण, जिसमें विस्तृत स्पष्टीकरण और सारणीबद्ध डेटा शामिल है, उम्मीदवारों को परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक गहरी समझ विकसित करने में मदद करेगा. यह लेख एक विश्लेषणात्मक ढाँचा प्रदान करती है जो उम्मीदवारों को बिहार की समसामयिकी को एक समग्र और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखने में सक्षम बनाता है, जो परीक्षा में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण है.