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महासागरीय जलधाराओं की सूची, दिशा, क्षेत्र और विशेषताएं | Ocean Currents in Hindi UPSC BPSC CSE GK GS JPSC MPSC UPPSC in Hindi
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महासागरीय जलधाराओं की सूची, दिशा, क्षेत्र और विशेषताएं

महासागरीय जलधाराएँ समुद्र में पानी की निश्चित दिशा में होने वाली गति हैं. ये समुद्र में नदियों की तरह बहती हैं. ये गतियाँ सूरज, हवा, गुरुत्वाकर्षण और पृथ्वी के घूर्णन से होती हैं. ये जलधाराएं दो प्रकार से गति करती हैं:  क्षैतिज और लंबवत. क्षैतिज गति को ‘धारा’ कहा जाता है, जबकि ऊर्ध्वाधर गति को […]

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ज्वारभाटा क्या हैं और इसके कितने प्रकार होते हैं?
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ज्वारभाटा क्या हैं और इसके कितने प्रकार होते हैं?

समुद्र का पानी चंद्रमा और सूर्य की खिंचाव की शक्ति के कारण दिन में एक या दो बार ऊपर-नीचे होता है, इसे ज्वारभाटा कहते हैं. मौसम के बदलाव, जैसे हवा या हवा के दबाव में परिवर्तन, के कारण समुद्र के पानी की गति को महोर्मि कहते हैं. महोर्मि ज्वारभाटा की तरह नियमित नहीं होती. ज्वारभाटा

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पश्चिमी विक्षोभ क्या है? इसका निर्माण और प्रभाव
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पश्चिमी विक्षोभ क्या है? इसका निर्माण और प्रभाव

पश्चिमी विक्षोभ कैस्पियन, भूमध्य सागर या काला सागर क्षेत्र में उत्पन्न होने वाला एक बहीरुषण उष्णकटिबंधीय तूफान है. यह भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भागों में अचानक सर्दियों की बारिश लाता है. इसका विस्तार पूर्व में बांग्लादेश के उत्तरी भागों और दक्षिण-पूर्व नेपाल तक होता है. भारत में गैर-मानसुनी वर्ष का अधिकांश हिस्सा इसी के द्वारा

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भारत में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ: सूची, फायदे और उनका महत्व 
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भारत में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ: सूची, फायदे और उनका महत्व 

भारत में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. ये परियोजनाएँ नदियों के जल को नियंत्रित और प्रबंधित करके कई उद्देश्यों को पूरा करती हैं, जिनमें बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, विद्युत उत्पादन, पेयजल आपूर्ति, मत्स्य पालन और पर्यटन शामिल हैं. भारत के पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इन्हें ‘आधुनिक भारत

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भारत की मृदा: इसका निर्माण, बनावट, वर्गीकरण, अवकर्षण, अपरदन और संरक्षण
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भारत की मृदा: इसका निर्माण, बनावट, वर्गीकरण, अवकर्षण, अपरदन और संरक्षण

भारत की मृदा विश्व के सबसे उपजाऊ मृदाओं में से एक है. मृदा भू-पर्पटी की सबसे महत्वपूर्ण परत है और एक मूल्यवान संसाधन है. यह शैल, मलबा और जैव सामग्री का मिश्रण होती ,है जो पृथ्वी की सतह पर विकसित होती है. यह वृक्षों, घास, फसलों और जीवन के कई रूपों का पोषण करती है.

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भारत के प्रमुख खनिज संसाधन और खनन उद्योग
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भारत के प्रमुख खनिज संसाधन, 3 प्रकार और खनन उद्योग

भारत में खनिजों का एक समृद्ध और विविध भंडार है, जो इसके औद्योगिक विकास और आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. भारत खनिज संसाधनों से संपन्न है, जिससे इसका खनन क्षेत्र औद्योगिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा का एक आधार बन गया है. देश लगभग 95 विभिन्न प्रकार के खनिजों का उत्पादन करता है, जिसमें

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भारत की प्राकृतिक वनस्पति: वर्गीकरण, महत्व और निर्धारक
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भारत की प्राकृतिक वनस्पति: वर्गीकरण, महत्व और निर्धारक

भारत की प्राकृतिक वनस्पति पृथ्वी पर मौजूद सबसे विविध और समृद्ध पारिस्थितिक तंत्रों में से एक है.भारत अपनी अनूठी भौगोलिक और विविध जलवायु परिस्थितियों के कारण असाधारण रूप से विविध प्राकृतिक वनस्पति का घर है. यह विविधता केवल एक भौगोलिक विशेषता नहीं है, बल्कि यह भारत की समृद्ध जैव विविधता का आधार भी है, जो

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भारत की जलवायु: क्षेत्र, कारक, विशेषताएं और अन्य तथ्य | Climate of India, features, factors, regions and other facts in Hindi
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भारत की जलवायु: क्षेत्र, कारक, विशेषताएं और अन्य तथ्य

यह खंड भारत की जलवायु, इसके निर्धारक कारकों, विशेषताओं, जलवायु क्षेत्रों, और अक्षांश, देशांतर तथा पृथ्वी के वार्षिक परिक्रमण के प्रभाव का विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करता है. यह जानकारी शैक्षिक और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए उपयोगी है और विभिन्न स्रोतों से संकलित की गई है. भारत की जलवायु: परिचय और प्रकार भारत की जलवायु मुख्यतः

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भारत का नदी प्रणाली और प्रमुख नदियाँ (River system and major rivers of India)
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भारत का नदी प्रणाली और प्रमुख नदियाँ

भारत के नदी प्रणाली को मुख्य रूप से दो वर्गों में बांटा जा सकता है- पहला हिमालयी नदियाँ और दूसरा प्रायद्वीपीय नदियाँ. हिमालयी नदियाँ, जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र और इंदुस, हिमनदों और बर्फ के पिघलने से निरंतर बहती हैं. लेकिन प्रायद्वीपीय नदियाँ, जैसे नर्मदा, तापी, गोदावरी और कृष्णा, मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर हैं. इसलिए

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शैल चक्र और चट्टानों के प्रकार
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शैल चक्र और चट्टानों के प्रकार

शैल चक्र (Rock Cycle) भूविज्ञान का एक मूलभूत सिद्धांत है, जो चट्टानों के निर्माण, परिवर्तन और पुनर्चक्रण की प्रक्रिया को समझाने में मदद करता है. यह प्रक्रिया पृथ्वी की सतह और इसके आंतरिक भागों में होने वाली भौतिक, रासायनिक और जैविक प्रक्रियाओं द्वारा संचालित होती है. नीचे दिए गए विस्तृत विश्लेषण में, हम शैल चक्र

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