भारत में वित्त आयोग (Finance Commission) एक संवैधानिक निकाय है जिसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित किया गया है। इसका मुख्य कार्य केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व के वितरण और सहायता अनुदान के सिद्धांतों पर सिफारिशें करना है।
यहां भारत के सभी वित्त आयोगों, उनके कार्यकाल और नियुक्ति के समय की एक तालिका दी गई है:
वित्त आयोग | अध्यक्ष | गठन का वर्ष | रिपोर्ट प्रस्तुति | सिफारिशों का कार्यकाल |
पहला | के.सी. नियोगी | 1951 | 1952 | 1952-1957 |
दूसरा | के. संथानम | 1956 | 1957 | 1957-1962 |
तीसरा | ए.के. चंदा | 1960 | 1961 | 1962-1966 |
चौथा | डॉ. पी.वी. राजमन्नार | 1964 | 1965 | 1966-1969 |
पांचवां | महावीर त्यागी | 1968 | 1969 | 1969-1974 |
छठा | के. ब्रह्मानंद रेड्डी | 1972 | 1973 | 1974-1979 |
सातवां | जे.एम. शेलट | 1977 | 1978 | 1979-1984 |
आठवां | वाई.बी. चव्हाण | 1982 | 1984 | 1984-1989 |
नवां | एन.के.पी. साल्वे | 1987 | 1988 (अंतिम) | 1989-1995 |
दसवां | के.सी. पंत | 1992 | 1994 | 1995-2000 |
ग्यारहवां | प्रो. ए.एम. खुसरो | 1998 | 2000 | 2000-2005 |
बारहवां | डॉ. सी. रंगराजन | 2002 | 2004 | 2005-2010 |
तेरहवां | डॉ. विजय एल. केलकर | 2007 | 2009 | 2010-2015 |
चौदहवां | डॉ. वाई.वी. रेड्डी | 2013 | 2014 | 2015-2020 |
पंद्रहवां | एन.के. सिंह | 2017 | 2019 (पहला), 2020 (अंतिम) | 2020-2026 (छह वर्ष) |
सोलहवां | डॉ. अरविंद पनगढ़िया | 2023 | - | 2026-2031 (प्रस्तावित) |
टिप्पणी:
- वित्त आयोग आमतौर पर अपनी सिफारिशें देने में लगभग दो साल का समय लेता है।
- संविधान के अनुच्छेद 280 के खंड (1) के अनुसार, वित्त आयोग का गठन प्रत्येक पांचवें वर्ष या उससे पहले किया जाना है।
- 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें छह साल की अवधि (31 मार्च 2026 तक) को कवर करती हैं, इसलिए 16वें वित्त आयोग का गठन उस अवधि के बाद के लिए प्रस्तावित है।
- ऐतिहासिक रूप से, कुछ आयोगों के कार्यकाल में बदलाव या विस्तार किया गया है।