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क्वांटम कंप्यूटर क्या हैं? इसका महत्व, फायदा, नुकसान और सिद्धांत

नमस्कार दोस्तों! piyadassi.in में आपका एक बार फिर से स्वागत है. आज का विषय है क्वांटम कंप्यूटर क्या हैं? इस प्राद्यौगिकी की क्या विशेषताएं है? कंप्यूटर जगत में इसकी संभावनाए और लाभ. तो आइए सबसे पहले जानते है क्वांटम कंप्यूटर या क्वांटम कंप्यूटिंग क्या है?

क्वांटम कंप्यूटर क्या है? (What is Quantum Computer in Hindi)

आसान शब्दों में, क्वांटम कंप्यूटिंग प्राद्यौगिकी पर आधारित कंप्यूटर ही क्वांटम कंप्यूटर है. यह प्राद्यौगिकी क्वांटम मैकेनिक्स पर आधारित होता हैं, जो सबसे छोटे कणों का अध्ययन करते हैं. 1982 में रिचर्ड फाइन मैन ने ऐसा कंप्यूटर बनाने का विचार दिया जो क्वांटम सिस्टम को सिमुलेट सके. शोधकर्ताओं ने पाया कि क्लासिकल कंप्यूटर क्वांटम जटिलताओं को संभाल नहीं सकते, जिससे क्वांटम कंप्यूटर के अवधारणा का जन्म हुआ.

जहां क्लासिकल कंप्यूटर में जानकारी बिट्स (0 या 1) के रूप में स्टोर होती है, वहीं क्वांटम कंप्यूटर में जानकारी क्यूबिट्स के रूप में स्टोर होती है. यह सुपर पोजीशन के कारण एक साथ कई अवस्थाओं में हो सकती है. एक क्यूबिट 0, 1 या दोनों का संयोजन हो सकता है. यानी ये नॉन-बाइनरी होते हैं. यही क्वांटम कंप्यूटर की अवधारणा है जो उन्हें क्रांतिकारी बनाते हैं. इसलिए यह यह एक समय में कई गणनाए कर सकता है, जो क्लासिकल कंप्यूटर द्वारा संभव नहीं है.

दूसरा महत्त्वपूर्ण सिद्धांत है एंटेंगलमेंट, जहां दो क्यूबिट्स आपस में जुड़े होते हैं. इनमें एक को मापने से दूसरे की जानकारी तुरंत मिल जाती है, चाहे वे कितनी भी दूर हो. यह दोनों सिद्धांत (सुपर पोजीशन और एंटेंगलमेंट) क्वांटम कंप्यूटर को क्लासिकल कंप्यूटर से तेज बनाते हैं. इन खासियतों के कारण यह जटिल समस्याओं को अधिक कुशलता से हल करता है.

“क्वांटम मैकेनिक्स भौतिक विज्ञान की एक शाखा है जो परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर कणों के व्यवहार का अध्ययन करती है. यह सिद्धांत हमें बहुत छोटे पैमाने पर पदार्थ और ऊर्जा के गुण और अंतरक्रियाओं को समझने में मदद करता है.”

Video Source: DW हिन्दी Youtube Channel (Length: 02 Minutes 11 Seconds)

क्वांटम कंप्यूटर का महत्व:

यह हमारे दैनिक जीवन को क्रन्तिकारी बदलाव की क्षमता रखती है. इससे हमें अभूतपूर्व गणनात्मक क्षमता प्राप्त होगी, जिससे हम जटिल समस्याओं को आसानी से हल कर सकते हैं जो वर्तमान में क्लासिकल कंप्यूटरों की क्षमता से परे हैं.

इसमें नए दवा के खोज के लिए आणविक इंटरैक्शन का सिमुलेशन, सप्लाई चेन को बेहतर बनाना, विशिष्ट गुणों के साथ नए सामग्रियों का डिज़ाइन, और उन्नत एन्क्रिप्शन विधियों के माध्यम से साइबर सुरक्षा को बढ़ाना शामिल है.

क्वांटम कंप्यूटर विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को गति प्रदान करने की क्षमता रखती है. यह जलवायु मॉडलिंग, नवीकरणीय ऊर्जा के अनुकूलन, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में युगांतकारी बदलाव ला सकता है.

इससे प्राप्त तेज़ और सटीक सिमुलेशन वैज्ञानिकों को प्रकृति के मूलभूत नियमों को बेहतर ढंग से समझने और वैश्विक चुनौतियों के लिए नवाचार समाधानों का विकास करने में मददगार हो सकता है. क

इसका प्रभाव आर्थिक प्रतिस्पर्धा, राष्ट्रीय सुरक्षा, और सामाजिक कल्याण पर भी प्रभाव होगा. जो देश और संगठन क्वांटम कंप्यूटिंग अनुसंधान और विकास में निवेश कर रहे हैं, वे अगले तकनीकी क्रांति के अग्रणी बन रहे हैं. इससे वे वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त कर रहे हैं.

क्वांटम कंप्यूटर के लाभ:

  • क्वांटम कंप्यूटर क्लासिकल कंप्यूटर की तुलना में बहुत तेज़ी से गणनाएँ करते हैं, जिससे जटिल एल्गोरिदम का तेज़ी से निष्पादन संभव होता है.
  • क्वांटम बिट्स (यानि क्यूबिट) उच्च-घनत्व के डेटा का संग्रहण और कम समय में तेज़ एक्सेस समय की अनुमति देता है. इस कारण क्वांटम कंप्यूटर, मशीन लर्निंग और डेटा विश्लेषण जैसे कार्यों में बड़े डेटासेट को संभालने के लिए आदर्श बन जाते हैं.
  • क्वांटम कंप्यूटर जटिल गणितीय गणनाओं, अनुकूलन और सिमुलेशन को हल करने में उत्कृष्ट है. यह वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार के लिए नया रास्ता खोलता है.
  • क्वांटम कंप्यूटर त्वरित कम्प्यूटेशनल गति प्रदान करते हैं. यह जल्द निर्णय लेने, बाज़ार में कम समय में पहुँचने और विभिन्न उद्योगों में उत्पादकता में वृद्धि करता है.
  • क्वांटम कंप्यूटिंग में सर्च इंजन एल्गोरिदम में क्रांति लाने, अधिक सटीक और प्रासंगिक खोज परिणाम (Search Result) प्रदान करने, उपयोगकर्ता को बेहतर अनुभव प्रदान करने में सक्षम है. इस प्रकार इसमें वर्तमान सर्च इंजन के प्रदर्शन में सुधार करने की क्षमता है.
  • यह सामग्री विज्ञान, दवा खोज, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और क्वांटम संचार में अन्वेषण को सक्षम बनाता है, जो वर्तमान ज्ञान और क्षमताओं की सीमाओं को समाप्त करता है.
  • इससे प्राप्त उन्नत एन्क्रिप्शन और क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, उच्च गोपनीयता और डेटा सुरक्षा प्रदान करते हैं. इस प्रकार क्वांटम कंप्यूटर के उपयोग से हम संवेदनशील जानकारी को अनधिकृत पहुँच से बचा पाते है.
  • क्वांटम सिमुलेटर उच्च सटीकता के साथ जटिल प्रणालियों और घटनाओं का मॉडल बनाते हैं, जो शोधकर्ताओं को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों को समझने और अनुकूलित करने में सहायता करते हैं.

क्वांटम कंप्यूटर की खामियां

  • तकनीकी रूप से श्रेष्ट होने के बावजूद क्वांटम कंप्यूटर सभी कार्यों के लिए क्लासिकल कंप्यूटर से बेहतर नहीं है.
  • विशेषज्ञों ने इसके उपयोग के लिए विशेष कार्य विकसित किए हैं. जैसे पीटर शोर का 1944 का एल्गोरिदम, जो बड़े नंबरों को फैक्टराइज कर सकता है. यह डाटा सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है.
  • क्वांटम कंप्यूटर अभी भी त्रुटि सुधार की समस्या से जूझ रहे हैं, क्योंकि पर्यावरणीय प्रभावों के कारण क्वांटम स्थितियां त्रुटिपूर्ण हो जाती हैं.
  • क्वांटम कंप्यूटरों को क्यूबिट अवस्थाओं को बनाए रखने के लिए पूर्ण शून्य के करीब तापमान की आवश्यकता होती है, जिससे उनके बुनियादी ढांचे में जटिलता और लागत बढ़ जाती है.
  • क्वांटम एल्गोरिदम के लिए क्वांटम यांत्रिकी और विशेष विशेषज्ञता की गहरी समझ की आवश्यकता होती है. इसलिए इसे तैयार करना और अनुकूलित करना मुश्किल हो जाता है.
  • क्वांटम कंप्यूटर के सिस्टम काफी अधिक ऊष्मा उत्पन्न करते हैं. इससे इसे बचाने, विश्वसनीय संचालन सुनिश्चित करने और क्यूबिट डिकोहेरेंस को रोकने के लिए प्रभावी थर्मल प्रबंधन की आवश्यकता होती है. क्यूबिट डिकोहेरेंस का तात्पर्य, “क्वांटम दुनिया में होने वाली अवस्थाओं के सुपरपोजिशन का विनाश से है.”
  • क्वांटम कंप्यूटिंग के संसाधनों तक पहुँच मुख्य रूप से शैक्षणिक संस्थानों और बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों तक ही सीमित है, जिससे व्यापक रूप से अपनाए जाने की संभावना सीमित हो जाती है.
  • क्वांटम कंप्यूटिंग मौजूदा क्रिप्टोग्राफ़िक प्रणालियों के लिए खतरा बन गई है. इसलिए क्वांटम-प्रतिरोधी एन्क्रिप्शन विधियों के विकास की आवश्यकता है. कई देशों ने इस दिशा में काम करने को लेकर आदेश भी जारी किए है.
  • क्वांटम कंप्यूटिंग हार्डवेयर का निर्माण और स्केलिंग में गहन संसाधन की जरुरत होती है. साथ ही यह जटिल भी है. इसके निर्माण के लिए सटीक नियंत्रण और परिष्कृत त्रुटि सुधार तंत्र की आवश्यकता होती है.

क्वांटम कंप्यूटर में उपलब्धियां (Achievements in Quantum Computer)

IBM क्वांटम कंप्यूटर का एक हिस्सा
IBM क्वांटम कंप्यूटर का एक हिस्सा

2019 में आईबीएम ने क्यू सिस्टम वन, एक-सर्किट आधारित क्वांटम कंप्यूटर लांच किया. गूगल ने अपने साइकैमोर प्रोसेसर के साथ 200 सेकंड में वह समस्या हल की, जिसे सुपर कंप्यूटर को 10000 साल लगते. गूगल का नया विलो क्वांटम चिप त्रुटियों को सुधारते हुए स्केल के साथ और बेहतर है.

हाल ही में गूगल ने विलो (Willow) नामक एक क्वांटम चिप पेश की है. 2019 में पेश किए गए इसके पिछली वर्जन की तुलना में यह कम त्रुटियां करती है. इसलिए यह क्वांटम कंप्यूटिंग को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इस उपलब्धि ने क्वांटम कंप्यूटिंग को एकबार फिर से चर्चा में ला दिया है.

क्वांटम कंप्यूटर के क्षेत्र में भारत और विश्व

क्वांटम कंप्यूटिंग आने वाले समय में दुनिया और हमारी जिंदगी को प्रभावी तरीके से बदल सकती है. इस नई तकनीक के महत्व को समझते हुए, भारत सरकार ने 2020 में इसके विकास के लिए 8 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. अगस्त, 2021 में भारत ने क्वांटम सिमुलेटर क्यूसिम लॉन्च किया, जिससे वैज्ञानिकों और उद्यमियों के लिए इस क्षेत्र में शोध करना आसान हो गया.

दिसंबर 2021 में भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश के महू में एक क्वांटम कंप्यूटिंग लैब और एआई सेंटर स्थापित किया. इसे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) का समर्थन प्राप्त है.

19 अप्रैल 2023 को केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल क्वांटम मिशन (NQM) को मंजूरी दी, जिसका बजट 6365 करोड़ रूपए (2023-24 से 2030-31) है. इसका उद्देश्य मिड-स्केल क्वांटम कंप्यूटर, सेटेलाइट आधारित सुरक्षित क्वांटम संचार और इंटर सिटी क्वांटम की वितरण प्रणाली विकसित करना है.

भारत के अलावा, अन्य देश भी इस तकनीक में निवेश कर रहे हैं. अमेरिकी सरकार ने 2018 में नेशनल क्वांटम इनिशिएटिव कानून बनाया और 1.2 अरब डॉलर का प्रावधान किया. चीन ने 2016 में अपनी पंचवर्षीय योजना में क्वांटम कम्युनिकेशन्स को अहम उद्योगों में शामिल किया. यूके, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, रूस, जापान और गूगल, अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भी इस तकनीक में निवेश कर रही हैं.

इस प्रकार आने वाले समय में क्वांटम कंप्यूटर प्राद्यौगिकी की दुनिया में तहलका मचा सकता है. ठीक वैसे ही, जैसे आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर आधारित चैटजीपीटी ने कंटेंट क्रिएशन की दुनिया में खलबली मचा दी है.

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