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जनसंख्या वृद्धि का कारण, प्रभाव और सिद्धांत
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जनसंख्या वृद्धि का कारण, प्रभाव और सिद्धांत

जनसंख्या वृद्धि किसी भी देश या वैश्विक स्तर पर लोगों की संख्या में समय के साथ होने वाली बढ़ोतरी है. यह जन्म दर, मृत्यु दर और प्रवास जैसे कई कारकों से प्रभावित होती है. आज यह एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है. इसके दूरगामी सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिणाम सामने आ रहे हैं. […]

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भारत का सहकारिता आंदोलन, उद्भव, विकास, स्तर और गुण-दोष
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भारत का सहकारिता आंदोलन, उद्भव, विकास, स्तर और गुण-दोष

भारत में सहकारिता आंदोलन की शुरुआत औपनिवेशिक काल में हुई, जब 1904 में सहकारी ऋण समिति अधिनियम पारित हुआ. इसका उद्देश्य किसानों को साहूकारों के शोषण से बचाना था. यह आंदोलन यूरोपीय मॉडल, विशेष रूप से जर्मनी के रायफाइज़न मॉडल से प्रेरित था. वैश्विक सहकारी आंदोलन की नींव 1844 में रोशडेल पायनियर्स ने लंकाशायर, इंग्लैंड

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मानव विकास सूचकांक (HDI) की अवधारणा, इतिहास और भारत
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मानव विकास सूचकांक (HDI) की अवधारणा, इतिहास और भारत

मानव विकास सूचकांक (HDI) एक संयुक्त सूचकांक है, जो किसी देश के मानव विकास की औसत उपलब्धियों को तीन आधारभूत आयामों के आधार पर मापता है. ये आयाम हैं: (i) दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन,  (ii) ज्ञान प्राप्त करना, और  (iii) शिष्ट व शालीन जीवन जीना.  इनका मापन निम्नलिखित तरीकों से होता है:  मानव विकास सूचकांक:

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आपूर्ति का अवधारणा, प्रभावित करने वाले कारक और अपवाद | Concept and Rule of Supply
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आपूर्ति का अवधारणा, प्रभावित करने वाले कारक और अपवाद

पूर्ति या आपूर्ति (Supply) से तात्पर्य उस वस्तु की मात्रा से है, जिसे विक्रेता एक निश्चित समय और निश्चित कीमत पर बाजार में बेचने को तैयार हो. उदाहरण: “बाजार में 1,000 क्विंटल गेहूँ की पूर्ति” कहना अपूर्ण है, क्योंकि इसमें समय और कीमत का उल्लेख नहीं है. लेकिन “आज 250 रु./क्विंटल पर 1,000 क्विंटल गेहूँ

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भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएँ और खामियां | Features, merits and demerits of indian economy in hindi for UPSC and State PCS mains
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भारतीय अर्थव्यवस्था की विशेषताएँ और खामियां

भारतीय अर्थव्यवस्था की में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. वर्तमान में भारत  3.94 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. लेकिन, सर्वाधिक जीडीपी वाले शीर्ष के 10 देशों में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय भारत की है. भारत और चीन, दोनों देशों को आधिक्य आबादी वाला देश माना जाता

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भारत में कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और सफेदपोश अपराध | Corporate Fraud and White-Collar Crime in India
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भारत में कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और सफेदपोश अपराध

वित्तीय क्षेत्र में कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और सफेदपोश अपराधों (White Collar Crimes) का खबर आम होता जा रहा है. इस प्रकार के अपराध में हिंसा और शारीरिक नुकसान की कमी होती है. लेकिन ये अर्थव्यवस्थाओं, व्यवसायों और व्यक्तियों को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाते हैं.  इसी तथ्य को ध्यान में रखकर, इस लेख में डिजिटल युग में कॉर्पोरेट

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समष्टि अर्थशास्त्र: परिभाषा, अवधारणा, महत्व, समस्या और सीमाएं | Macroeconomics: Definition, Concepts, Significance, Problems and Limitations in Hindi Concept Clear for UPSC State PCS JRF and other Competitive Examinations
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समष्टि अर्थशास्त्र: परिभाषा, अवधारणा, महत्व, समस्या और सीमाएं

समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics) संपूर्ण अर्थव्यवस्था के स्तर पर आर्थिक समस्याओं का अध्ययन करता है जैसे कि राष्ट्रीय आय, राष्ट्रिय बचत, जीडीपी इत्यादि. दूसरी तरफ, व्यष्टि अर्थशास्त्र (Microeconomics) व्यक्तिगत स्तर पर आर्थिक समस्याओं को समझने पर ध्यान केंद्रित करता है, जैसे किसी एक परिवार, फर्म, उद्योग या बाजार की आर्थिक स्थिति. समष्टि अर्थशास्त्र का अर्थ (Meaning

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उद्यमिता का अर्थ, सिद्धांत, प्रकार, उद्देश्य और महत्व | Meaning of Entrepreneurship, Types, Importance, Objectives, Nature in Hindi Concept Clear for UPSC and State PCS Explained
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उद्यमिता का अर्थ, सिद्धांत, प्रकार, उद्देश्य और महत्व

उद्यमिता का तात्पर्य उस आर्थिक क्रिया से है जो बाजार में व्याप्त सम्भावनाओं को पहचान करता है. एक उद्यमी में अपने व्यवसाय एवं उद्योग में निहित विभिन्न अनिश्चितताओं एवं जोखिम का सामना करने की योग्यता एवं प्रवृत्ति होती है. उद्यमिता लोगों में नए प्रयोग, अनुसंधान और उपयोगिता सृजन की योग्यताएं विकसित कर समाज में रोजगार

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बिहार के प्रमुख उद्योग एवं उत्पादक क्षेत्र | Major Industries and Producing Areas of Bihar
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बिहार के प्रमुख उद्योग एवं उत्पादक क्षेत्र | Industries in Bihar

आज इस लेख में बिहार के प्रमुख उद्योग और उसके उत्पादक क्षेत्र (कृषि आधारित उद्योग-धंधे) विस्तार से जानकारी प्राप्त करने वाले हैं. बिहार का उद्योग कृषि आधारित उद्योग के रूप में विकसित है.   कृषि उद्योग के अलावा बिहार में कोई और विकसित उद्योग नहीं हैं. इसलिए बिहार के कामगारों अपनी जीविका के लिए अपने राज्य

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बिहार के प्रमुख फसल एवं उत्पादक क्षेत्र | Major Crops of Bihar in Hindi PDF, Bihar ki pramukh fasal evam kshetra
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बिहार के प्रमुख फसल एवं उत्पादक क्षेत्र | Major Crops of Bihar

हेलो दोस्तों piyadassi.in में आपका स्वागत है. आज हम इस लेख में बिहार के प्रमुख फसल एवं उनके उत्पादक क्षेत्र Major crops and their producing areas of Bihar के बारे जानने वाले है. बिहार का ज्यादातर हिस्सा बाढ़ से प्रभावित रहता है. इससे बिहार किसानों का के कृषि से भरोसा टूटता रहा है. लेकिन तब

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