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बिहार के प्रमुख उद्योग एवं उत्पादक क्षेत्र | Industries in Bihar

आज इस लेख में बिहार के प्रमुख उद्योग और उसके उत्पादक क्षेत्र (कृषि आधारित उद्योग-धंधे) विस्तार से जानकारी प्राप्त करने वाले हैं. बिहार का उद्योग कृषि आधारित उद्योग के रूप में विकसित है.  

कृषि उद्योग के अलावा बिहार में कोई और विकसित उद्योग नहीं हैं. इसलिए बिहार के कामगारों अपनी जीविका के लिए अपने राज्य से पलायन हो रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार मूल के 60.3 लोग उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब एवं हरियाणा इत्यादि राज्यों में रहते हैं.

बिहार के प्रमुख उद्योग

बिहार राज्य में मुख्य कृषि आधारित उद्योग के रूप में चीनी उद्योग, दुग्ध उद्योग, वस्त्र उद्योग, रेशम उद्योग, तंबाकू उद्योग इत्यादि का विकास हुआ है.

दुग्ध उद्योग (Milk industry)

कृषि कार्य के साथ दूध उत्पादन के सघन संबंध के कारण बिहार में पशुपालन ग्रामीण परिवारों के लिए एक पारंपरिक व्यवसाय है, इसीलए बिहार में दूध उत्पादन उद्योग अत्यंत विकसित है.

बिहार में दूध उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका राज्य सरकार द्वारा संचालित बिहार राज्य सहकारी दूध उत्पादन महासंघ (Bihar State Milk Co-Operative Federation LTD.-COMFED) ही निभाता है.

वर्ष 1983 में स्थापित कौन से राज्य में श्वेत क्रांति के अंतर्गत काम करने वाले ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम की एजेंसी है.

चीनी उद्योग (Sugar industry)

चीनी उद्योग बिहार का कृषि आधारित प्रमुख उद्योग है या कच्चे माल पर आधारित उद्योग है जिससे प्रत्यक्ष रोजगार ही नहीं, बल्कि पर्याप्त अप्रत्यक्ष रोजगार भी प्राप्त होता है. इस उद्योग का प्रमुख कच्चा माल गन्ना है.

भारत में उत्पादित कुल गन्ने में बिहार का हिस्सा 3.5% है. बिहार में लगभग 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर गन्ने की कृषि की जाती है.

राज्य के कुल कृषि भूमि का लगभग 6% है इस राज्य के उत्तरी पश्चिमी भाग में स्थित गंगा का मैदानी क्षेत्र (पश्चिमी चंपारण, सीवान, सारण, गोपालगंज, वैशाली, दरभंगा एवं समस्तीपुर) प्रमुख गन्ना उत्पादक क्षेत्र हैं क्योंकि इस क्षेत्र में उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी सिंचाई की सुविधा एवं अनुकूल जलवायु गन्ना का उत्पादन के लिए पर्याप्त है. 

इसके अतिरिक्त बिहार के दक्षिणी-पश्चिमी में भाग (रोहतास, भोजपुर, गया, नवादा एवं पटना) में भी गन्ना की खेती की जाती है.

जूट उद्योग (Jute Industry)

जूट उद्योग बिहार के कृषि आधारित प्रमुख उद्योगों में से एक है. जो रेशेदार फसल पटसन पर आधारित है. देश में जूट उत्पादन के क्षेत्र में बिहार का द्वितीय स्थान है. 

बिहार में जूट का उत्पादन में पूर्वोत्तर जिला पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज एवं अररिया में होता है. राज्य के उत्पादन में पूर्णिया जिला का अग्रणी स्थान है जो राज्य के कुल जूट उत्पादन का 70% भाग उत्पादित करता है.

चाय उद्योग (Tea industry)

बिहार में पिछले दो दशकों से चाय उत्पादक राज्य के रूप में उभरा है बिहार में चाय की खेती किशनगंज जिले में लगभग 50000 एकड़ भूमि पर की जाती है जिसका 50% हिस्सा पोठिया, 40% ठाकुरगंज और 10% किशनगंज में होता है.

बिहार चाय में सर्वाधिक वार्षिक उत्पादन लगभग 4000 टन है. किशनगंज में 7 चाय प्रसंस्करण संयंत्र लगाए गए हैं, जिनमें 2300 से भी अधिक चाय का वार्षिक उत्पादन होता है.

चमड़ा उद्योग (Leather Industry)

केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान चेन्नई द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में गाय-बैलों की 26.4 लाख खलो और 50.9 लाख चमडो का वार्षिक उत्पादन होता है.

बिहार में खालो और चमड़ी के व्यापार एवं विपणन के लिए सात मंडियां है – पटना, आरा, औरंगाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, कटिहार और पूर्णिया.

तंबाकू उद्योग (Tobacco industry)

उत्तरी बिहार के मैदानी क्षेत्रों में तंबाकू का अत्यधिक उत्पादन होता है. इस उद्योग का विकास बेगूसराय, जमुई, बिहार शरीफ, आरा, बक्सर, दरभंगा आदि जिलों में हुआ है.

बिहार में तंबाकू उद्योग में मुख्य रूप से बीड़ी का उत्पादन होता है. बीड़ी उद्योग के लिए तेंदू के पत्ते झारखंड से प्राप्त किए जाते हैं. बिहार में मुंगेर, पटना, लखीसराय, जमुई, बिहार शरीफ, मानपुर, आरा, बक्सर, महानार, शाहपुर, अयोध्या गंज आदि बीड़ी उद्योग के प्रमुख केंद्र है.

वस्त्र उद्योग (Textile industry)

वस्त्र उद्योग के अंतर्गत हथकरघा रेशम और जूट उद्योग बिहार में प्रमुख उद्योग है. 

बिहार में सूती वस्त्र उद्योग मुख्य रूप से हथकरघा उद्योग के रूप में स्थापित है जिसका प्रमुख केंद्र भागलपुर और गया है. बिहार के गया जिले में स्थित मानपुर क्षेत्र सूती वस्त्र उद्योग का प्रमुख केंद्र है,जहां मुख्यत: चादर, गमछा, धोती, साड़ी आदि का उत्पादन होता है यहां लगभग 1000 पावर लूम स्थापित है.

रेशम उद्योग (Silk industry)

रेशम कीट पालन बिहार में कृषि आधारित उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. बिहार में तीन प्रकार के रेशम का उत्पादन किया जाता है – मलबरी, टसर और ईरी. 

बिहार में रेशन का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र भागलपुर और उसके आसपास का क्षेत्र है जो राज्य में रेशम वस्त्र उत्पादन का महत्वपूर्ण केंद्र भी है.

बिहार में रेशम उद्योग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भागलपुर, मुजफ्फरपुर गया और दरभंगा जिलों में 4 प्रादेशिक कार्यालय स्थापित किए गए हैं.

सीमेंट उद्योग (Cement industry)

सीमेंट उद्योग के लिए सर्व प्रमुख आवश्यक कच्चा माल चुना पत्थर है. बिहार में चूना पत्थर राज्य के दक्षिण पश्चिमी पठारी भाग में स्थित कैमूर की पहाड़ी क्षेत्र से प्राप्त होता है.

बिहार में सीमेंट उद्योग का विकास कैमूर पहाड़ी क्षेत्र में स्थित रोहतास जिले के बंजारी एवं डालमियानगर में हुआ है. इस क्षेत्र में चूना पत्थर का अनुमानित भंडार लगभग 289 मिलियन टन है.

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