Economics

बिहार के प्रमुख फसल एवं उत्पादक क्षेत्र | Major Crops of Bihar in Hindi PDF, Bihar ki pramukh fasal evam kshetra
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बिहार के प्रमुख फसल एवं उत्पादक क्षेत्र | Major Crops of Bihar

हेलो दोस्तों piyadassi.in में आपका स्वागत है. आज हम इस लेख में बिहार के प्रमुख फसल एवं उनके उत्पादक क्षेत्र Major crops and their producing areas of Bihar के बारे जानने वाले है. बिहार का ज्यादातर हिस्सा बाढ़ से प्रभावित रहता है. इससे बिहार किसानों का के कृषि से भरोसा टूटता रहा है. लेकिन तब […]

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व्यापार चक्र: अर्थ, परिभाषा, प्रकार, अवस्थाएं और सिद्धांत | Business Cycles Concept Types Phases Theories Remedies UPSC JRF State PCS BPSC MPSC GK UPSC in Hindi
Economics

व्यापार चक्र: अर्थ, परिभाषा, प्रकार, अवस्थाएं और सिद्धांत

व्यापार चक्र किसी अर्थव्यवस्था में समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में होने वाले उतार-चढ़ाव को दर्शाता है. इसमें चढ़ाव के दौरान उच्च राष्ट्रीय आय, अधिक उत्पादन, अधिक रोजगार और ऊँची कीमतें होती हैं, जिसे समृद्धि काल कहा जाता है. इसके विपरीत, उतार के समय कम राष्ट्रीय आय, कम उत्पादन, कम रोजगार और नीची कीमतें पाई

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हरित क्रांति और सदाबहार क्रांति के लाभ, हानि और महत्व | Green Revolution and Concept of Evergreen Revolution in Hindi along with Pros and Cons
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सदाबहार और हरित क्रांति के लाभ, हानि और महत्व

हरित क्रांति का अर्थ कृषि क्षेत्र में तीव्र गति से हुए उस बदलाव से है, जिसमें अल्प समय में कृषि उत्पादन में बड़ी वृद्धि हुई और जिसे आने वाले समय तक बनाए रखा जा सका. ‘हरित’ शब्द कृषि फसलों का संकेतक है और ‘क्रांति’ का तात्पर्य तेजी से हुए स्थायी परिवर्तन से है. इस प्रकार

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मुद्रा, इसके प्रकार और अर्थव्यवस्था में महत्व | Currency its types and value in Economy UPSC in Hindi
Economics

मुद्रा (Currency): इसके प्रकार और अर्थव्यवस्था में महत्व 

जनसामान्य के लिए सिक्के और नोट ही मुद्रा (Currency) है. यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है. इसके बिना किसी भी प्रकार का लेन-देन संभव नहीं है. विश्व में सभी प्रकार के लेनदेन में मुद्रा का ही इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए घरेलु अर्थव्यवस्था के साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के

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आर्थिक विकास के निर्धारक घटक एवं अवस्थाएं | Economic Development Determining Factors Theories Definitions and Phases in Hindi Aarthik Vikas ke ghatak aur awasthaen
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आर्थिक विकास के निर्धारक घटक एवं अवस्थाएं

विश्व के समस्त देशों में आर्थिक विकास (या आर्थिक वृद्धि) हुए है. परन्तु उनकी वृद्धि दरें एक दूसरे से भिन्न रहती हैं. वृद्धि दरों में असमानताएं उनकी विभिन्न आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, तकनीकी एवं अन्य स्थितियों के कारण पाई जाती है. यहीं स्थितियां आर्थिक वृद्धि के कारक हैं. परन्तु इन कारकों का निश्चित रूप से

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कृषि का अर्थ, परिभाषा, प्रकार और महत्व | Agriculture Meaning Definition Types Produces and Importance
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कृषि (Agriculture) का अर्थ, परिभाषा, प्रकार और महत्व

कृषि (Agriculture) शब्द की व्युत्पत्ति विज्ञान के अनुसार कृषि का अभिप्राय कर्षण से या खींचने से होता है. कृषि का अंग्रेजी पर्याय Agriculture लेटिन भाषा के दो शब्दों को मिलाकर बना है. Ager ( agerfiels or soil) तथा Culture (cultura- the care of tillingh) से मिलकर बना है. लैटिन शब्द Ager का अर्थ खेत होता

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ग्रामीण औद्योगीकरण क्या है? | Rural Industrialisation
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ग्रामीण औद्योगीकरण क्या है?

ग्रामीण औद्योगीकरण वह प्रक्रिया है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के उद्योग का नियमित और क्रमिक विकास होता हो तथा धीरे-धीरे उसमें नवीनता एवं आधुनिकरण का समावेश होता रहता है. संकुचित दृष्टिकोण से ग्रामीण औद्योगीकरण से तात्पर्य एवं आधारभूत उद्योगों की स्थापना क विकास करना हैं मनुष्य की आवष्यकतायें धीरे-धीरे बढ़ती गयी और नये आधुनिक उद्योगों का

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नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
Economics

नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?

नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य वर्तमान भेदभावपूर्ण आर्थिक सम्बन्धों का निर्धारण नए सिरे से करना है. नई अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के समर्थक देशों का मानना है कि विकसित और विकासशील देशों में गहरी आर्थिक असमानता है. वर्तमान व्यवस्था धनी या विकसित देशों के हितों की ही पोषक है. नई अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का उद्देश्य

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उपभोक्ता व्यवहार क्या है? ख़रीदार कैसे प्रभावित होते है?
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उपभोक्ता व्यवहार क्या है? ख़रीदार कैसे प्रभावित होते है?

उपभोक्ता व्यवहार विश्व की समस्त विपणन क्रियाओं का केन्द्र बिन्दु उपभोक्ता है. आज विपणन के क्षैत्र में जो कुछ भी किया जा रहा है उसके केन्द्र में कही न कही उपभोक्ता विद्यमान है. इसलिए उपभोक्ता को बाजार का राजा या बाजार का मालिक कहा गया है. सभी विपणन संस्थाए उपभोक्ता की आवश्यकताओं इच्छाओं, उसकी पंसद

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बाजार विभक्तिकरण का क्या तात्पर्य है? इसे क्यों और कैसे लागू किया जाता हैं? Market Segmentation Strategy Explained Hindi Interview
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बाजार विभक्तिकरण का क्या तात्पर्य है? इसे क्यों और कैसे लागू किया जाता हैं?

भूमण्डलीकरण के वर्तमान दौर में सम्पूर्ण विश्व एक बड़ा बाजार बन गया है. पूरे विश्व में विभिन्न प्रकार के उपभोक्ता रहते है जिनमें आयु, आय, लिंग, शिक्षा, व्यवसाय एवं पैशा आदि के आधार पर अनेक अन्तर है. किसी भी संस्था के लिए यह लगभग असम्भव है कि वह इन सभी प्रकार के ग्राहको पर ध्यान

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