Education

ग्रामीण औद्योगीकरण क्या है? | Rural Industrialisation
Economics

ग्रामीण औद्योगीकरण क्या है?

ग्रामीण औद्योगीकरण वह प्रक्रिया है. जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के उद्योग का नियमित और क्रमिक विकास होता हो तथा धीरे-धीरे उसमें नवीनता एवं आधुनिकरण का समावेश होता रहता है. संकुचित दृष्टिकोण से ग्रामीण औद्योगीकरण से तात्पर्य एवं आधारभूत उद्योगों की स्थापना क विकास करना हैं मनुष्य की आवष्यकतायें धीरे-धीरे बढ़ती गयी और नये आधुनिक उद्योगों का […]

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जॉन रॉल्स का न्याय सिद्धांत क्या है? What is John Rawls' Theory of Justice in Hindi?
Civics

जॉन रॉल्स का न्याय सिद्धांत क्या है?

जॉन रॉल्स का जन्म 21 फरवरी 1921 को अमेरिका में हुआ. जॉन रॉल्स की बचपन से ही सामाजिक समस्याओं को समझने में रुचि थी. जॉन रॉल्स एक विलक्षण प्रतिभा रखने वाले व्यक्ति थे. अपनी परिपक्व आयु में जॉन रॉल्स ने सामाजिक विषमताओं को समझकर अपने विचारों को पत्र-पत्रिकाओं में छपवाकर एक बुद्धिजीवी होने का परिचय

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सामाजिक शोध का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य एवं चरण | Social Research Meaning Definition Objective and Phases in Hindi
Civics

सामाजिक शोध का अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य एवं चरण

सामाजिक घटनाओं एवं समस्याओं के सम्बन्ध में नये ज्ञान की प्राप्ति हेतु व्यवस्थित अन्वेषण को हम सामाजिक शोध कहते हैं, जिसके सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक उद्देश्य होते हैं. शोध की सम्पूर्ण प्रक्रिया विविध चरणों से गुजरती हुई पूर्ण होती है. वस्तुनिष्ठता से युक्त सामाजिक शोध से न केवल विषय की समझ विकसित होती है, बल्कि नए

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राजनीतिक अभिजन का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति, प्रकार एवं सिद्धांत | Elite Elite Definitions Nature Types and its Theory
Polity

राजनीतिक अभिजन का अर्थ, परिभाषा, प्रकृति, प्रकार एवं सिद्धांत

राजनीतिक अभिजन की अवधारणा राजनीति विज्ञान की आधुनिक व प्रमुख धारणा है, यद्यपि इस धारणा के बीज प्लेटो व अरस्तु के समय में भी मौजूद थे. यह धारणा इस मान्यता पर आधारित है कि शासन करने के गुण थोड़े से व्यक्तियों में ही होते हैं. इसी कारण इसे सामाजिक डार्विनवाद का रूप माना जाता है.

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यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन के 4 कारण
History

यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन के 4 कारण

विज्ञान के विकास के साथ ही पुरातन और धार्मिक मान्यताएं अपना महत्व खोने लगी. इसलिए धर्म की प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए धर्म सुधार आवश्यक था. आधुनिक आविष्कार और औद्योगिक क्रांति यूरोप में आकार ले रहा था. यह धार्मिक कर्मकांडों और मान्यताओं पर प्रहार करने को पर्याप्त था. साथ ही कई दार्शनिक और विचारक लोगों

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नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
Economics

नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?

नई अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य वर्तमान भेदभावपूर्ण आर्थिक सम्बन्धों का निर्धारण नए सिरे से करना है. नई अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के समर्थक देशों का मानना है कि विकसित और विकासशील देशों में गहरी आर्थिक असमानता है. वर्तमान व्यवस्था धनी या विकसित देशों के हितों की ही पोषक है. नई अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का उद्देश्य

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नवपाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं: औजार, व्यापार व स्थल
History

नवपाषाण काल की प्रमुख विशेषताएं: औजार, व्यापार व स्थल

नवपाषाण शब्द उस काल को सूचित करता है जब मनुष्य को धातु के बारे में जानकारी नही थी. परन्तु उसने स्थायी निवास, पशु-पालन, कृषि कर्म, चाक पर निर्मित मृदभांड बनाने शुरू कर दिए थे. इस काल की जलवायु लगभग आज कल के समान थी इसलिए ऐसे पौधे पैदा हुए जो लगभग आज के गेंहू तथा

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सामंतवाद से क्या तात्पर्य है? परिभाषा, उदय और पतन के कारण
History

सामंतवाद से क्या तात्पर्य है? परिभाषा, उदय और पतन के कारण

यूरोप और ऐशिया के सामान्यत: मध्यकाल के युग को सामंतवाद कहा जाता है क्योंकि इसका उदय, विकास और हृास इसी काल में हुआ. इस शब्द की विभिन्न परिभाषाएं हैं क्योंकि विभिन्न विद्वानों ने इसकी अलग-अलग व्याख्या की है. इसका प्रयोग ऐतिहासिक विकास की भिन्न-भिन्न अवस्थाओं के सन्दर्भ में किया जाता है और ये अवस्थाएं कालक्रम

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मार्क्सवाद क्या है? प्रमुख विशेषताएं, सिद्धांत, महत्व और आलोचनाएं
History Polity

मार्क्सवाद क्या है? प्रमुख विशेषताएं, सिद्धांत, महत्व और आलोचनाएं

मार्क्सवाद क्या है? जर्मन विचारक कार्ल मार्क्स के समाज, अर्थशास्त्र और राजनीति से संबंधित विचारों को सामूहिक रूप में मार्क्सवाद के नाम से जाना जाता है. मार्क्सवादी विचारधारा के जन्मदाता कार्ल मार्क्स 1818-1883 तथा फ्रेडरिक एन्जिल्स 1820-1895 है. इन दोनों विचारको ने इतिहास समाजशास्त्र विज्ञान, अर्थशास्त्र व राजनीति विज्ञान की समस्याओ पर संयुक्त रूप से

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3 आंग्ल-मराठा युद्ध के कारण एवं परिणाम
History

3 आंग्ल-मराठा युद्ध के कारण एवं परिणाम

जब मुग़ल कमजोर हो गए तो अंग्रेजों और मराठे अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करने लगे. इसी का परिणाम आंग्ल-मराठा युद्ध के रूप में सामने आया. दोनों शक्तियों के बीच कुल तीन युद्ध लड़े गए. इनमें मराठों का हार हुआ और पश्चिमी भारत में ब्रिटिश हुकूमत कायम हो गया. प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध (1772 ई. से

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