जल से भरे वह गहरे भू – भाग जो चारों तरफ से भूमि से घिरा हो, उसे झील (Lake) कहते हैं. ऐसे जलमग्न भूमि सामान्यतः आर्द्र-भूमि (Wet Land) कहलाते हैं. बिहार में ऐसे झीलों को स्थानीय भाषा में ताल, चौर या मन आदि नामों से भी जाना जाता है. ये झील मछली पालन, सिंचाई, पक्षी विहार, बाढ़ नियंत्रण तथा पर्यटन के लिए उपयोग किए जाते है.
बिहार के उत्तरी मैदानों में गंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी तथा महानंदा आदि नदियों से अनेक प्राकृतिक झीलों का निर्माण हुआ है. क्योंकि मैदानी क्षेत्रों में मंद ढाल के कारण नदियों का वेग अत्यंत धीमी हो जाता है जिसके फलस्वरूप नदियां अपने साथ बहाकर ले गए अवसादो का परिवहन करने में असमर्थ हो जाता है. वे अवसाद जमा होकर एक झील का रूप ले लेता है.
बिहार की प्रमुख झीलें (Major Lake of Bihar)
आइए जानते हैं बिहार के प्रमुख झीलें कौन कौन हैं. हम इस लेख में बिहार के पांच प्रमुख झीलें को चर्चा करेंगे.
- कांवर झील – बेगूसराय
- कुशेश्वरस्थान झील – दरभंगा
- गोगाबिल झील – कटिहार
- सिमरी बख्तियारपुर झील – सहरसा
- जगतपुर झील – भागलपुर
कांवर झील – Kanwar Lake
- कांवर झील बिहार राज्य के बेगूसराय जिले के मझोला गांव में स्थित है. इस झील को बिहार सरकार ने 1984 ई. में पक्षी विहार का दर्जा दिया था, जिसकी क्षेत्रफल 16 वर्ग किलोमीटर है.
- कांवर झील को भारत का 39 वां रामसर साइट घोषित किया गया है. जो बिहार का पहला रामसर है. यह झील एशिया का सबसे बड़ी गोखुर झील है.
- इस झील निर्माण बूंदी गंडक नदी से हुआ है. इस झील में लेरिसिलता, हाइड्रा, पोटोमोगेंटन, वेल्सनेरिया, निंफसा, मिंफोलोड्स, वेटलवरिया तथा सरपस आदि प्रमुख वनस्पतियां पाई जाती हैं.
- कांवर झील में सर्दियों के दिनों में साइबेरिया के प्रवासी पक्षी आते हैं. यहां पर शोधकर्ता के लिए एक Bird Banding Station की स्थापना की गई है. इसे संरक्षित क्षेत्र भी घोषित किया गया है.
कुशेश्वरस्थान झील – Kusheshwarsthan Lake
- कुशेश्वरस्थान झील बिहार के दरभंगा के कुशेश्वरस्थान प्रखंड में स्थित है. इस झील को 1972 ई. में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था. इस झील में सर्दी के दिनों में पेलिकन डालमटिया (Pelican Dalmatia) तथा साइबेरियन क्रेन (Siberian Cranes) नामक प्रवासी पक्षी निवास करती है.
- कुशेश्वरस्थान झील का क्षेत्रफल सर्दी के दिनों में 20 किलोमीटर तथा वर्षा के दिनों में 100 किलोमीटर तक हो जाता है. वर्षा के दिनों में कमला और करेह आदि नदियों के जल एकत्रित होनेेे के कारण इसका विस्तार हो जाता है.
- कुशेश्वरस्थान झील जैव विविधता का दुर्लभ उदाहरण होनेेे के एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी है. साथ ही साथ यह मछली पालन एवं व्यापार का एक बड़ा केंद्र भी है.
गोगाबिल झील – Gogabil Lake
- गोगाबिल झील को घोघा चाप या घोघा झील भी कहते हैं. यह झील बिहार राज्य के कटिहार जिले के मनिहारी में स्थित है. इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 5 वर्ग किलोमीटर है.
- यह झील बिहार का 15 वां आरक्षित क्षेत्र एवं पहला समुदायिक अभ्यारण भी है.
- इस झील को मानसूनी वर्षा के साथ-साथ महानंदा नदी से भी जल प्राप्त होता है. गोगाबिल झील प्रवासी पक्षियों के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां हर वर्ष हजारों की तादाद में कैप्शियन सागर और साइबेरियाई क्षेत्र से लगभग 300 प्रजाति के पक्षी प्रवास के लिए आते हैं.
सिमरी बख्तियारपुर झील – Simari Bakhtiyarpur Lake
- सिमरी बख्तियारपुर झील बिहार राज्य के सहरसा से 25 किलोमीटर की दूरी पर सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में स्थित है. झील का निर्माण सरदिया, जमुनिया, कुमिबी तथा गोबरा आदि जिलों के मिलने से हुआ है.
- सिमरिया बख्तियारपुर झील की आकृति घोड़े की नाल की तरह है. इस झील के दक्षिण – पश्चिम में कावर झील तथा उत्तर – पश्चिम में कुशेश्वरस्थान झील है.
जगतपुर झील – Jagatpur Lake
- जगतपुर झील राज्य के भागलपुर जिले में स्थित है इसका क्षेत्रफल 400 हेक्टेयर में है जो गर्मी के मौसम में सूख कर 50 हेक्टेयर तक रह जाता है.
- जगतपुर झील में स्थानीय लोगों एवं सरकार की सहायता से देशी और विदेशी प्रजातियों के पक्षियों का संरक्षण किया जा रहा है.