Skip to content

भारत के प्रमुख जलप्रपात | Major Waterfalls of India

प्रिय पाठकों! अगर आप भारत के प्रमुख जलप्रपात के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं तो आप सही जगह पर हैं. आज इस लेख के माध्यम से भारत के प्रमुख जलप्रपात एवं जलप्रपात से जुड़ी अन्य जानकारियां, यानी जलप्रपात किसे कहते हैं, भारत के सभी जलप्रपात की सूची, भारत की प्रमुख जलप्रपात उसकी विशेषताएं आदि आदि जैसे प्रश्नों का जवाब नीचे उपलब्ध कराया गया है.

जलप्रपात किसे कहते हैं?

पर्वतीय पठारी क्षेत्रों में तीव्र डांस के सहारे नीचे गिरती हुई पानी/ जल की धारा को जलप्रपात कहते है. दूसरे शब्दों में – ऊंचे पहाड़ों की चट्टानों से बाहर निकलने वाली जल की धारा को जलप्रपात (Waterfall) कहते हैं. गिरने वाली जल की धारा पतली होती है तो उसे जलप्रपात कहा जाता है. यदि गिरने वाली पानी एक बहुत ही बड़ी जल धारा के रूप में काफी ऊंचाई से गिरता है तो उसे महा जलप्रपात (Great Waterfall) कहते हैं. अधिकतर जलप्रपात का निर्माण नदी की धाराओं से ही होता है.

भारत के सभी प्रमुख जलप्रपातों की सूची – List of Major Waterfalls of India

भारत के प्रमुख जलप्रपातनदीराज्य
जोग/गरसोप्पा/महात्मा गांधी जलप्रपातशरावती नदीकर्नाटक 
धुआंधार, दुग्ध धारा, कपिलधारा जलप्रपातनर्मदा नदीमध्य प्रदेश
डूडूमा जलप्रपात मच्छकुंडओडिशा
चित्रकूट (चित्रकोट) जलप्रपात इंद्रावती नदीराजस्थान
हुंडरू जलप्रपात स्वर्णरेखा नदी झारखंड
गोकाक जलप्रपातघटप्रभा नदीकर्नाटक
चुलिया जलप्रपात चंबल नदीराजस्थान
दुधसागर जलप्रपातमांडवी नदीगोवा 
चचाई जलप्रपात बीहड़ नदीमध्य प्रदेश
शिवसमुद्रम जलप्रपात कावेरी नदीकर्नाटक
गौतम धारा/जोंहा  जलप्रपातरारू नदीझारखंड
कूंचिकल जलप्रपातवाराही नदीकर्नाटक
दशम जलप्रपातकांची नदीझारखंड
साडनी नदीशंख नदीझारखंड
भारत के प्रमुख जलप्रपात

भारत की प्रमुख जलप्रपात एवं विशेषताएं 

  • जोग/ गरसोप्पा जलप्रपात – कर्नाटक
  • धुआंधार जलप्रपात – मध्य प्रदेश
  • शिवसमुद्रम जलप्रपात – कर्नाटक
  • कुचीकल जलप्रपात – कर्नाटक
  • हुंडरू जलप्रपात – झारखंड
  • चूलिया जलप्रपात – राजस्थान

जोग/गरसोप्पा जलप्रपात (Jog waterfall)

अवस्थिति : सिद्दापुर, कर्नाटक

ऊंचाई : 253 मीटर (829 फुट)

नदी : शरावती नदी, कर्नाटक

विशेषताएं : जोग/ गरसोप्पा जलप्रपात को महात्मा गांधी जलप्रपात भी कहते हैं. यह जलप्रपात चार छोटे जलप्रपातों राजा, रॉकेट, रोलर और रानी को मिलने से बना है.

धुआंधार जलप्रपात (Dhuandhar waterfall)

अवस्थिति : भेड़ाघाट, जबलपुर जिला (मध्य प्रदेश)

ऊंचाई : 95 मीटर

नदी : नर्मदा नदी, मध्य प्रदेश

विशेषताएं : इस जलप्रपात का जल सफेद धुएं के समान उड़ता नजर आता है. इसी कारण से इसे धुआंधार जलप्रपात कहा जाता है. इस जलप्रपात को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है.

शिवसमुद्रम जलप्रपात (Shivanasamundra waterfall)

अवस्थिति : मांड्या जिला, कर्नाटक

ऊंचाई : 98 मीटर

नदी : कावेरी नदी, कर्नाटक

विशेषताएं : शिवसमुद्रम जलप्रपात का उपयोग जल विद्युत उत्पादन के किया जाता है. एशिया का प्रथम जल विद्युत गृह इसी जलप्रपात पर स्थापित हुआ था.

कुंचिकल जलप्रपात (Kunchikal waterfall)

अवस्थिति : निदागोडू गांव, शिमोगा जिला (कर्नाटक)

ऊंचाई : 455 मीटर 

नदी : वाराही नदी, कर्नाटक

विशेषताएं : कुंचिकल जलप्रपात कर्नाटक जल विद्युत परियोजना का प्रमुख उदाहरण है. मानसून के दौरान यहां की आने नदियों झरनों के साथ मिल जाती है. इसीलिए इस जलप्रपात के आसपास मानसून के दिनों में कई छोटे-छोटे झरने देखने को मिलते हैं जो पर्यटकों के मन को मोह लेती हैं.

हुंडरू जलप्रपात (Hundru Waterfall)

अवस्थिति : रांची जिला, झारखंड

ऊंचाई : 98 मीटर

नदी : स्वर्णरेखा नदी, झारखंड

विशेषताएं : झारखंड की यह जलप्रपात राज्य की सबसे ऊंची जलप्रपात एवं भारत का 34 वां सबसे ऊंचा जलप्रपात है जो रांची शहर से 21 किलोमीटर दूर स्वर्णरेखा नदी पर अवस्थित है. इसी जलप्रपात के द्वारा सिकीदरी में जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है.

दूधसागर जलप्रपात (Dudhsagar waterfall)

अवस्थिति : कर्नाटक एवं गोवा के सीमा के समीप गोवा में

ऊंचाई : 310 मीटर

नदी : मांडवी नदी, गोवा

विशेषताएं : दूधसागर जलप्रपात चार स्तरो वाला जलप्रपात है. जो गोवा की राजधानी पणजी से 60 किलोमीटर दूर स्थित है. यह जलप्रपात गर्मी के मौसम के दौरान सुखा दिखाई पड़ता है एवं मानसून के दिनों में पानी की अधिकता से यह काफी भव्य दिखता है.

चूलिया जलप्रपात (Chulliya wateralls)

अवस्थिति : कोटा, राजस्थान

ऊंचाई : 18 मीटर

नदी : चंबल नदी, राजस्थान

विशेषताएं : चूलिया जलप्रपात, राणा प्रताप सागर बांध से 1.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बड़ी चट्टानों से गिरा जमीन के काफी नीचे स्थित है. इस जलप्रपात के निकट क्रोकोडाइल पॉइंट भी है जहां बड़ी संख्या में मगरमच्छों सर्दियों के दिनों में धूप सेकने के लिए बाहर निकलते हैं.

Spread the love!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *