केला (Banana) पुरे दुनिया में सबसे अधिक खाए जानेवाला फलों में से एक है. अधिकतर लोग नाश्ते में एक केला लेना पसंद करते है. स्वाद में ये चिकनी और थोड़े मीठे होते है. ऐसा स्वाद पके फलों (सड़ा नहीं) में अधिक होता है. इनकी खुशबु भी तीखी और अच्छी होती है. इसका इस्तेमाल कई तरह के खाद्य पदार्थ तैयार करने में होता है.
केले का इस्तेमाल ब्रेड तैयार करने से लेकर आइसक्रीम बनाने में भी होता है. कई लोग इसका शरबत भी पीते है.
पौष्टिकता की बात करें तो केला स्ट्रॉबेरी व दलिया जैसे खानों से मेल खाते है. केले के खाए जानेवाला हिस्सा छिलके से ढका होता है.
यह नरम होता है, जिस वजह से बच्चे या बूढ़े, जिनके दांत कमजोर होते है, वे भी इसे आसानी से खा सकते है. मुलायम होने के कारण इसे निगलने में कोई परेशानी नहीं होती है. केला में शर्करा तथा खनिज लवण जैसे फॉस्फोरस व कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इस लेख में आप जानेगे कि केले स्वास्थ्य (Health) के लिए अच्छे क्यों है?
केला पौष्टिकता से भरपूर होता है (Banana is Nutrition Rich Food in Hindi)
केले में पाए जाने वाले पेक्टिन के कारण इसे हैप्पीनेस फ़ूड भी कहते है. इस फल में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी होते है, जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते है. इसमें पोटेशियम भी काफी अधिक होता है. एक केले में हमारे शरीर के लिए दैनिक आवश्यकता (आरडीआई) का 9% मिल जाता है. यह हमारे लिए जरुरी विटामिन बी6 के एक-तिहाई जरूरत को पूरा करता है.
संतरे और खट्टे फलों को विटामिन सी का मुख्य स्त्रोत माना जाता है. लेकिन केला मीठा होने के बावजूद, हमारे शरीर के लिए जरूरत का 11 फीसदी पूरा करता है.
केला हमेशा शरीर के लिए 8 फीसदी मैग्नीशियम और 10 फीसदी कॉपर का पूर्ति करता है. यह 3.1 ग्राम फाइबर और 1.3 प्रोटीन भी देता है. इसमें डोपामाइन व कैटेचिन जैसे शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते है. बोनस के रूप में, इसमें वसा काफी कम, मात्र 0.4 होता है.
पेक्टिन से भरभूर होता है केला (Banana is Pectin rich)
केले में पेक्टिन काफी मात्रा में होता है. अब सवाल उठता है कि पेक्टिन क्या होता है, तो इसका जवाब है यह एक प्रोटीन होता है, जो केले के बनावट का निर्माण करता है. इसमें प्रतिरोधी स्टार्च भी होता है,जो घुलनशील फाइबर की तरह काम करता है. पेक्टिन और प्रतिरोधी स्टार्च खाने के बाद खून में शर्करा (शुगर लेवल) कम हो जाता है. केला पाचन प्रक्रिया को भी धीमा करता है. इसलिए इसे खाने के बाद आपको जल्दी भूख नहीं लगती है.
ह्रदय रोगियों के लिए लाभदायक है केला (Beneficial for Heart Patients)
स्वस्थ्य जीवन के लिए स्वस्थ्य ह्रदय होना अति-आवश्यक है. ह्रदय हमारे शरीर में रक्त के प्रवाह को संतुलित करता है. इसलिए इसमें विकार से हमें कई अन्य तरह के रोग भी हो सकते है. एक माध्यम आकार का केला हमारे शरीर के लिए जरुरी 9 प्रतिशत पोटेशियम का आपूर्ति करता है, जो ह्रदय स्वास्थ्य और रक्तचाप नियंत्रित करने में फायदेमंद होता है. स्वस्थ्य हृदय हमारे शरीर में रक्त आपूर्ति को सही बनाए रखता है.
कई रिसर्च से पता चलता है कि पोटेशियम युक्त आहार से हृदयाघात का खतरा 27% तक कम हो जाता है. इसके अलावा केला मैग्नीशियम का भी एक स्त्रोत है, जो दिल के लिए भी अच्छा है. वहीं, पोटेशियम हमें गुर्दे (कोलन) के कैंसर से भी बचाने में कारगर होता है.
पाचन में सहायक होता है केला (Good for Digestion)
केले पाचन में भी मददगार हो सकते है. इसमें 3.1 ग्राम फाइबर होता है, जो मानव शरीर के पाचन-तंत्र में सुधार कर सकता है. कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि, केले में पाए जाने वाला पेक्टिन हमें कोलन कैंसर से बचाता है. केले में पाया जाने वाला प्रतिरोधी स्टार्च बिना पचे हुए बड़ी आंत में पहुँचता है, जहाँ यह लाभकारी बक्टेरिया के लिए भोजन बन जाता है. इस तरह यह हमारे आँतों के स्वास्थ्य को बढ़ाता है.
वजन घटाने में भी सहायक (Helpful in Dieting)
केला हमें फिट और तंदुरुस्त रखता है. केले कई कई गन, हमें वजन घटाने में मदद करते है. इसमें काफी कम कैलोरी होते है, जो औसतन 100 कैलोरी होती है. केले फाइबर से समृद्ध होते है, जो शरीर का वजन कम करने में मदद करता है.
कच्चे केले में प्रतिरोधी स्टार्च होता है, जो काफी समय तक आपके पेट को भरा हुआ रखता है और भूख नहीं लगने देता. व्यायाम के दौरान और उसके बाद हमें आसानी से पचने वाले भोजन की दरकार होती है. व्यायाम के दौरान हमें मांशपेशियों में ऐंठन महसूस होती है. ऐंठन का को स्पष्ट कारण नहीं होता है. लेकिन आमतौर इसका कारण पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी बताई जाती है. इन सभी परेशानियों में केला, घरेलु नुस्खों के रूप में अपनाया जा सकता है.
पका केला बनाम कच्चा केला (Ripe vs Unripe Banana in Hindi)
अभी तक आपने केले खाने के कई फायदे जाने है. लेकिन ये नहीं जाना है कि कच्चे और पक्के केले के पौष्टिकता में क्या अंतर होता है. तो ये जान ले कि दोनों के अपने फायदे है. कच्चे केले में प्रतिरोधी स्टार्च भरपूर होता है. पके केले में यह चीनी के रूप में पाया जाता है. कई केले में कुछ पोषक तत्व अधिक मात्रा में होता है, जैसे कैल्शियम. इसमें प्रोबायोटिक्स भी होते है, जो हमें कोलन के कैंसर से बचाता है.
आप सोचते होंगे कि सिर्फ कच्चे केले में ही फायदे होते है, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है. पके केले में चीनी अधिक होती है. लेकिन मधुमेह रोगियों को पका केला संभलकर खाना चाहिए. केले में उच्च स्तर के सूक्ष्म तत्व भी होते है, जो पकने के बाद समाप्त हो जाते है.
पका केला खाने के कुछ खास फायदे (Benefits of Ripe Banana in Hindi)
इम्युनिटी बूस्टर: केला में पाया जाने वाला नेचुरल शुगर हमारे शरीर के रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है.
यह पाचन प्रक्रिया को दुरुस्त करने के अलावा, हमें प्रदर रोग से भी बचाता है. इसमें पाए जाने वाला मैग्नीशियम, खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है. यदि आपको सुखी खांसी हो तो, केले के शर्बत का इस्तेमाल कर सकते है. दो केले को दूध और इलाइची (बनाना आइसक्रीम) के साथ मिलाकर पीने, सुखी खांसी कुछ ही मिनटों में दूर हो जाती है.
दूध और केला मिलाकर खाने से, कुछ ही दिन में आप तंदुरुस्त हो जाते है. जिम जाने वालों को इसका ख़ास सेवन करना चाहिए. बॉडी बिल्डर इसका नियमित सेवन करते है. यह आपको कब्ज से भी राहत देता है. केले में आयरन भी काफी अधिक पाया जाता है. इसलिए माहवारी के वक्त इसे खाने की सलाह दी जाती है. हीमोग्लोबिन को बढ़ाकर यह हमें कई तरह के बिमारियों से बचाता है.
सबसे खास बात यह है कि केले में पाया जाने वाला प्रोटीन, हमें ख़ुशी का अनुभव करवाता है. इसमें पाया जाने वाला पोटेशियम हमारे शरीर में नेचुरल शुगर भेजती है. इससे हम तरोताजा महसूस करते है. इस फल में ट्राइप्टोफान एमिनो एसिड भी होता है, जो सेरेटोनिन हार्मोन उत्पन्न करता है. इस हारमोन के वजह से मूड अच्छा होता है और तनाव दूर होता है. इसलिए डिप्रेशन में चल रहे व्यक्ति को इसे जरूर खाना चाहिए.
लेकिन आप ये भी जान ले कि केले में चीनी होता है. इसलिए इसका अधिक सेवन आपके वजन को बढ़ा सकता है. यदि आप कम वर्कआउट करते है तो इसका सिमित सेवन ही करें.
केला से जुड़े कुछ सवाल जवाब
रोज कितने केले खाना चाहिए?
एक एथलीट रोजाना दो से तीन केले खा सकते है. हालाँकि ऑफिस जाने वालों या अधिकतर समय बैठ कर गुजारने वालों के लिए एक दिन में एक ही केला काफी है.
केला कब नहीं खाना चाहिए?
अधिकतर फल प्रकृति में अम्लीय होती है. इसलिए केला सहित किसी भी फल को खाली पेट नहीं खाना चाहिए.
क्या शाम या रात को केला खाना चाहिए?
शाम या रात को वातावरण में अधिक नमी होती है. ऐसे समय में धुप की कमी भी होती है. इसलिए कहा जाता है कि इस वक्त केला खाने से बचना चाहिए.
केला शहद के साथ खाने से क्या फायदा है?
आयुर्वेद के अनुसार शहद के साथ केला खाने से यौन उत्तेजना में बढ़ोतरी होती है. इसलिए युवा इसका सेवन अधिक मात्रा में करते है. लेकिन बिना चिकित्सीय सलाह के शहद के साथ इसका सेवन कई बिमारियों का कारण भी बन जाता है.
उपरोक्त जानकारी इंटरनेट से ली गई है इसलिए चिकित्सीय सेवन से पहले अपने चिकित्सक का परामर्श जरूर लें.